इजरायल एक-एक करके ईरान के सभी सहयोगी आतंकी संगठनों की कमर तोड़ता जा रहा है। ईरान के द्वारा इजरायल के खिलाफ पाले जा रहे हमास हिजबुल्लाह की कमर टूट चुकी है। पूर्व में सीरिया में बशर अल असद की सरकार ढह चुकी है। इससे ईरान के मंसूबों पर लगातार पानी फिर रहा है। जिसके बाद अब उसने अपनी ताकत दिखाने की कोशिशें करते हुए अपने उस अंडरग्राउंड मिसाइल बेस को दुनिया के सामने दिखाया है, जिसके जरिए उसने इजरायल पर मिसाइलें दागी थी।
ईरान इंटरनेशनल की रिपोर्ट के अनुसार, ईरान के इस्लामिक रिवोल्युशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) ने पहली बार जमीन के नीचे बसे मिसाइल बेस को टीवी पर दिखाया। आईआरजीसी से संबंध रखने वाले ईरानी टीवी चैनल तस्नीम न्यूज ने इस मिसाइल बेस को ‘अंडरग्राउंड मिसाइल सिटी करार’ दिया है। अपने इस मिसाइल बेस को दुनिया के सामने लाते हुए आईआरजीसी के चीफ कमांडर होसैन सलामी और ईरानी एयरोस्पेस के प्रमुख अमीर-अली हाजीजादेह ने अपने सहयोगियों के ढहने पर ईरान के कमजोर होने की खबरों का खंडन किया।
तस्नीम न्यूज एजेंसी से बात करते हुए हौसैन सलामी ने कहा कि हमने अप्रैल और अक्तूबर 2024 में ऑपरेशन टू प्रॉमिस 1 और 2 कोडनेम वाले अभियान, जिसमें इजरायल पर मिसाइलें दागी थीं, उनके लिए इसी मिलिट्री बेस का इस्तेमाल किया था। स्टेट टीवी ने कहा कि इस मिसाइल सिटी के नीचे बसा ये ज्वालामुखी कम से कम समय में फटने में सक्षम है। सलामी ने दावा किया कि उसके पास इतनी मिसाइलें हैं कि हम उन्हें स्टोर तक नहीं कर पा रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि ईरान ने अक्तूबर 2024 में इजरायल और लेबनान स्थित ईरान समर्थित मिलिशिया हिजबुल्लाह के बीच जारी जंग में उसका समर्थन करने के लिए 100 से अधिक मिसाइलें इजरायल पर दागी थी। ये सभी बैलिस्टिक मिसाइलें थीं। हालांकि, उनमें से अधिकतर मिसाइलों को इजरायली डिफेंस सिस्टम ने तबाह कर दिया था, लेकिन कुछ मिसाइलें इजरायल की जमीन पर गिरने में सफल रही थीं।
इसके बाद इजरायल ने ‘पछतावे का दिन’ ऑपरेशन के तहत 26 अक्तूबर को ईरान पर 200 मिसाइलें दाग दी। इजरायली एफ-35 फाइटर प्लेन्स ने ईरान के अंदर घुसकर उसके सैन्य ठिकानों पर बमबारी की।
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