यूके में ग्रूमिंग गैंग्स को लेकर बहस लगातार बढ़ती जा रही है। जहां एक ओर यूके की नव निर्वाचित सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वह इस मामले की जांच नहीं चाहती है, तो वहीं अब सोशल मीडिया पर ऐसा तूफान आ गया है, जिसे समेटना संभव नहीं लग रहा। अब इसके हर पहलू पर चर्चा हो रही है। सबसे बड़ी बात तो इसके अपराधियों की मजहबी पहचान को छिपाया जा रहा है।
यह प्रश्न बार-बार उठ रहा है कि आखिर पाकिस्तानी मुस्लिम कहने से क्यों बचा जा रहा है? उन बच्चियों की व्यथा पर लिखे गए लेख भी अब साझा किये जा रहे हैं। मगर इससे भी बढ़कर जो डराने वाली बात है, वह है कि कम उम्र की लड़कियों के साथ किये गए इन यौन कुकृत्यों को उन बच्चियों की सहमति बताकर अपराधियों को बचाना। कितना दुखद होता है यह सुनना भी कि बच्चियों ने सहमति दी थी। ऐसे में प्रश्न उठता है कि क्या कोई बच्ची सेक्स संबंधों के लिए सहमति दे सकती है?
क्या बारह वर्ष की बच्ची यह सहमति दे सकती है कि उसके साथ चार लोग बलात्कार करें? यह बात कल्पना से ही परे है, मगर इस बात पर यूके की पुलिस ने विश्वास किया। इस बात पर तत्कालीन सरकार ने विश्वास किया। एक यूजर AllisonPearson ने अपने एक्स हैंडल पर लिखा, “ग्रूमिंग गैंग्स को लेकर कोई भी रहस्य नहीं है। श्वेत कामकाजी वर्ग की लड़कियों के कष्टों को दंड-मुक्ति के साथ अनदेखा किया गया। हजारों लड़कियों की पीड़ा को “सांप्रदायिक तनाव” से बचने के लिए शांति देने के रूप में देखा गया। एक 12 वर्षीय लड़की के भीतर 4 लोग? सरकार में से किसी ने भी ध्यान नहीं दिया। जबकि गॉर्डन ब्राउन की सरकार ने पुलिस को पीड़िताओं को ऐसे देखने के लिए कहा कि उन्होनें “यौन संबंधों” के लिए अनुमति दी है। वे बच्चियां थीं। यह एक बीमार देश है, जो बर्बर लोगों का तुष्टीकरण करता है!”
मगर बर्बर लोगों का यह तुष्टीकरण क्यों किया जा रहा है? और सबसे बढ़कर अपनी ही बेटियों की कीमत पर यह तुष्टीकरण क्यों किया जा रहा है? जरा सोचें कि हजारों या कहें लाखों लड़कियों को उनके साथ हुए अत्याचार के लिए दोषी ठहराया गया। यह किसी भी देश या सभ्यता के एकदम विपरीत है, मगर यह हुआ, और यह हुआ कथित रूप से सभ्यता का ठेका बांटने वाले देश में, उसकी अपनी ही बेटियों के साथ।
याद रखा जाए कि यह वही यूके है, जहां से आए लोगों ने यह दावा किया था कि उन्होंने भारत में आकर यहां के लोगों को यह सिखाया कि लड़कियों का आदर कैसे करना है? लड़कियों की रक्षा कैसे करनी है? एक लंबा झूठ हमारे दिमाग में भरा जाता रहा और कथित सभ्यता के रक्षक बने यूके के राजनेता अपनी ही बेटियों को अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षा के चलते उन लोगों के सामने परोसते रहे, जिन्हें वह पिछड़ा या दयनीय मानते थे? यह सब कल्पना से परे है। उन लड़कियों की पीड़ा ही कल्पना से परे है।
ग्रूमिंग गैंग के सर्वाइवर सामंथा स्मिथ ने अपनी कहानी कई बार साझा की। उन्हें भी उनके साथ हुए अत्याचार को लेकर शर्मिंदा किया गया, उन्हें दोषी ठहराया गया। सामंथा ने भी अपनी सोशल मीडिया पर लिखा है कि उन्हें याद है कि कैसे एक जासूस ने उनसे पूछा था कि क्या उन्होंने किसी भी बिन्दु पर यौन क्रिया के प्रति सहमति व्यक्त की थी? सामंथा लिखती हैं कि जब उनका यौन शोषण आरंभ हुआ था, तब उनकी उम्र केवल पांच वर्ष थी।
न वे युवती थीं,
न ही बाल वैश्या
कोई अनैतिक नहीं!
बस एक बच्ची ! और उन्होंने सहमति नहीं दी थी! कोई भी बच्ची नहीं दे सकती!
यह बात पूरी तरह से सच है कि एक बच्ची कैसे उस कृत्य के लिए सहमति दे सकती है, जिसके विषय में उसे पता तक नहीं है? सामंथा ने बार-बार इस ग्रूमिंग गैंग को पाकिस्तानी मुस्लिम लोगों का गैंग कहा है। उन्होंने फिर एक्स पर एक पोस्ट लिखा कि जब वे टीवी पर पाकिस्तानी-मुस्लिम गैंग के बारे में चर्चा करने गईं तो पुलिस उनके घर पर उन्हें चुप कराने के लिए धमकाने के लिए आ गई।
भारत में वैसे तो कथित सेक्युलर पार्टियों ने इस मुद्दे को लेकर चुप्पी साधी हुई है, वैसे यह चुप्पी उनके लिए नई नहीं है। हालांकि शिवसेना की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने एक्स पर लिखा कि ये एशियाई ग्रूमिंग गैंग्स नहीं हैं, बल्कि पाकिस्तानी ग्रूमिंग गैंग्स हैं। आखिर एशियाई क्यों एक फालतू मुल्क का बोझा ढोएं? प्रियंका चतुर्वेदी की इस पोस्ट को एलन मस्क ने भी अपना समर्थन दिया। हालांकि प्रियंका चतुर्वेदी पर इस पोस्ट को लेकर सेक्युलर लोग हमला भी कर रहे हैं, वह भी पूरी तरह से सच नहीं कह पाईं। उन्होनें एशियाई पहचान के भ्रम पर तो बात की, मगर यह बात नहीं की कि पाकिस्तान में तो हिंदू, सिख और ईसाई भी रहते हैं, तो क्या जो पकड़े गए उनमें से कोई भी पाकिस्तानी हिन्दू या पाकिस्तानी ईसाई था? अगर नहीं तो उन्हें खुलकर लिखना चाहिए था कि पाकिस्तानी मुस्लिम ग्रूमिंग गैंग्स हैं। इस प्रकार से अपराधियों की पहचान को लेकर भ्रम उत्पन्न क्यों किया जा रहा है जबकि पीड़िताएं खुद इस ग्रूमिंग गैंग को पाकिस्तानी मुस्लिम लोगों का गैंग कह रही हैं।
Leave a Comment