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सेवा का एक ‘कुंभ’

दिव्यांगों के लिए कार्य करने वाली संस्था ‘सक्षम’ ने प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में ‘नेत्र कुंभ’ का आयोजन किया है। इसमें कोई भी व्यक्ति आंखों की जांच करा सकता है और चश्मा भी ले सकता है। यह सब नि:शुल्क है

by WEB DESK
Jan 10, 2025, 05:44 pm IST
in भारत, विश्लेषण
एम्बुलेंस के माध्यम से नेत्र कुंभ का प्रचार

एम्बुलेंस के माध्यम से नेत्र कुंभ का प्रचार

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इस समय प्रयागराज में त्रिवेणी संगम के तट पर विश्व की सबसे अद्भुत और आध्यात्मिक नगरी बसी हुई है, जहां धार्मिक मान्यताओं के अनुरूप पौष पूर्णिमा (13 जनवरी) से महाशिवरात्रि (26 फरवरी) तक महाकुंभ का आयोजन हो रहा है। इस धार्मिक समागम में भागीदारी करने के लिए देश-विदेश के धर्माचार्य, साधु-संत अपने मठ-मंदिरों और धर्म-स्थलों से निकल कर प्रयागराज पहुंच रहे हैं। महाकुंभ की अवधि तक संगम की रेती पर साधु-संतों के साथ ही करोड़ों श्रद्धालु यज्ञ, जप, तप, संकल्प, कल्पवास जैसे अनेक प्रकार के धार्मिक अनुष्ठानों के माध्यम से पुण्य, मोक्ष और मनोरथ पूर्ण होने की कामना करेंगे।

अनादि काल से चली आ रही इस परंपरा में समय के साथ हुए तमाम बदलावों ने इसे पुण्यस्थली के साथ ही अब समाज सेवा का बड़ा केंद्र बना दिया है। महाकुंभ क्षेत्र में अनेक स्थानों पर चलने वाली गतिविधियां ‘नर सेवा, नारायण सेवा’ के ध्येय वाक्य को साकार करती दिखाई पड़ती हैं। इन्हीं गतिविधियों में एक है दिव्यांगों के लिए कार्य करने वाली संस्था ‘सक्षम’ द्वारा लगाया गया ‘नेत्र कुंभ’। संस्था ने देश के कोने-कोने से आने वाले उन लाखों श्रद्धालुओं की आंखों का इलाज बिना किसी भेदभाव और नि:शुल्क करने का बीड़ा उठाया है, जो किसी कारण से अपना इलाज नहीं करा पा रहे हैं।

महाकुंभ क्षेत्र के सेक्टर 6 में 10 एकड़ भूमि पर एक विशाल नेत्र चिकित्सालय का निर्माण किया गया है। माना जा रहा है कि यह अस्पताल विश्व के सबसे बड़े अस्पतालों में से एक है। यहां आने वाले श्रद्धालुओं को एक ही स्थान पर सारी सुविधाएं उपलब्ध कराने की व्यवस्था है। सुविधा की दृष्टि से पंजीयन विभाग, प्रतीक्षा कक्ष, दो ओपीडी कक्ष, दवा वितरण कक्ष, चश्मा वितरण कक्ष अलग-अलग बनाए गए हैं। इसके अतिरिक्त आपात स्थिति में मरीजों के लिए 106 शैया की ‘डारमेट्री’ भी बनाई गई है, जहां मरीजों को थोड़े समय रोक कर आवश्यकतानुसार व्यवस्थित किया जाएगा।

5 जनवरी से प्रारंभ होकर 56 दिन तक चलने वाले इस नेत्र कुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं की आंखों की नि:शुल्क जांच के बाद आवश्यकतानुसार दवाइयां और चश्मे उपलब्ध कराए जाएंगे। यदि संबंधित मरीज को आपरेशन की आवश्यकता हुई तो वह भी नि:शुल्क होगा, लेकिन तकनीकी कारणों से नेत्र कुंभ परिसर में आपरेशन की सुविधा नहीं है। नेत्र कुंभ परिसर में प्रतिदिन प्रात: 8 बजे से दोपहर बाद 2 बजे तक कुल 10 कक्षों में मरीज देखने की व्यवस्था है। यदि किसी दिन श्रद्धालुओं की संख्या अधिक होगी, तो ओपीडी का समय आगे भी बढ़ाया जा सकता है। एक ओपीडी कक्ष में चार चिकित्सक, नेत्र देखभाल करने वाले आठ विशेषज्ञ तथा एक कंप्यूटर सहायक होगा। यदि किसी को आपरेशन की आवश्यकता हुई तो तत्काल कंप्यूटर सहायक मरीज का विवरण तैयार करके एप्प के माध्यम से उसकी एक प्रति मरीज को, एक प्रति उसके जिले के सक्षम कार्यकर्ता को तथा एक प्रति संबंधित शहर के उस अस्पताल को भेज दी जाएगी, जिसने सक्षम के साथ कार्य करने की सहमति दे रखी है। अब तक देश के विभिन्न शहरों में संचालित लगभग 350 अस्पतालों ने सभी प्रकार के नि:शुल्क आपरेशन की सहमति दी है। इस आयोजन के बीच आपरेशन के लिए की गई संस्तुति की वैधता एक वर्ष के लिए होगी।

नेत्र कुंभ में देश के 260 प्रतिष्ठित नेत्र चिकित्सक तथा 150 से अधिक नेत्र देखभाल करने वाले विशेषज्ञ सेवा देंगे। इनमें से 150 से अधिक चिकित्सक देश के विभिन्न प्रांतों और शहरों के हैं। उल्लेखनीय तथ्य यह है कि ये सभी अपनी सेवाएं पूरी तरह नि:शुल्क देंगे। संस्था की ओर से केवल उनके रहने और खाने की व्यवस्था की गई है। आयोजन समिति से जुड़े सुनील कुमार ने बताया, ‘‘अंधत्व निवारण के लिए कृत संकल्पित सक्षम नेत्रदान को प्रोत्साहित कर रहा है। देश में 1.5 करोड़ से ज्यादा लोग अंधता के शिकार हैं। नेत्रदान से ऐसे लोगों के जीवन में उजाला आ सकता है। नेत्रदान करने वालों के लिए अलग से विशेष खिड़की बनाई गई है। यहां नेत्रदान के इच्छुक व्यक्तियों से एक संकल्प पत्र भराया जाएगा। उस पत्र को दानकर्ता से संबंधित जनपद के अस्पतालों को भेज दिया जाएगा। इसकी सूचना वहां के सक्षम कार्यकर्ता को भी दी जाएगी, जो परिजनों के संपर्क में रहेगा। पिछले कुंभ में लगभग 11 हजार लोगों ने नेत्रदान का संकल्प पत्र भरा था।’’

नेत्र कुंभ के लिए भूमि-पूजन करते कार्यकर्ता

नेत्र कुंभ की व्यवस्था में लगे सुरेश मेवाड़ा ने बताया, ‘‘सक्षम ने 2019 में भी नेत्र कुंभ का आयोजन किया था। तब 52 दिन में 2.20 लाख श्रद्धालुओं की आंखों की जांच की गई थी। इनमें से 23,000 लोगों का उपचार और 1.55 लाख लोगों को नि:शुल्क चश्मा वितरित किया गया था। इस बार के कुंभ में 5 लाख श्रद्धालुओं की आंखों की जांच और उपचार का लक्ष्य निर्धारित करके व्यवस्था की गई है। इस बार 5 लाख चश्मों के वितरण का भी लक्ष्य रखा गया है।’’ उन्होंने यह भी बताया, ‘‘आंखों के परीक्षण के बाद कुछ ही घंटे में श्रद्धालुओं को चश्मा उपलब्ध कराया जाएगा, ताकि उन्हें इस कार्य के लिए दुबारा न आना पड़े। हमारे पास कुछ अन्य रोगों से संबंधित विशेषज्ञ भी उपलब्ध रहेंगे, ताकि चश्मा बनने की अवधि में मरीज को यदि कोई अन्य बीमारी है तो वह उनसे परामर्श प्राप्त कर सकता है। किसी प्रकार की आपात स्थिति आने पर हम मरीजों को तत्काल अपनी एम्बुलेंस से नजदीक के अस्पताल पहुंचाएंगे। इसके लिए छह एम्बुलेंस की व्यवस्था है।’’

नेत्र कुंभ आयोजन समिति के अध्यक्ष और पूर्व आईपीएस अधिकारी कवींद्र प्रताप सिंह ने बताया, ‘‘नेत्र कुंभ का आयोजन राष्टÑीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह डॉ. कृष्ण गोपाल की प्रेरणा, मार्गदर्शन तथा सक्षम के राष्ट्रीय संगठन मंत्री श्री चंद्रशेखर की देखरेख में हो रहा है। महाकुंभ में कोई अन्य संस्था इतना बड़ा सेवा कार्य नहीं कर रही है। नेत्र कुंभ के लिए जो लक्ष्य निर्धारित है वह देश का सबसे बड़ा लक्ष्य है। हम 50,000 लोगों की आंखों का आॅपरेशन करने की व्यवस्था उनकी इच्छानुसार, उनके घर के समीप अच्छे अस्पताल में नि:शुल्क कर रहे हैं। यह अपने आप में अनूठा कार्य है। इस नेत्र कुंभ को सफल बनाने के लिए प्रयागराज के 20 से 25 अस्पताल सहयोग कर रहे हैं।’’

ऐसे हुई तैयारी नेत्र कुंभ के आयोजन की तैयारी लगभग 6 माह पहले ही शुरू की गई थी। इस कार्य में रज्जू भैया न्यास, भाऊराव देवरस सेवा न्यास, हंस फाउंडेशन, स्वामी विवेकानंद सेवा न्यास, सेवा भारती जैसी संस्थाएं सहयोग कर रही हैं। नेत्र कुंभ में प्रतिदिन लगभग 2000 लोगों के भोजन, नाश्ते आदि की व्यवस्था की गई है, जिसका दायित्व इस्कॉन संस्था के पास है। निश्चित रूप से यह नेत्र कुंभ उन लोगों के लिए किसी ‘तीर्थ’ से कम नहीं है, जो अपने से आंखों की बीमारी का इलाज नहीं करा सकते।

Topics: प्रयागराज में त्रिवेणी संगमसंस्तुतिDormitoryMan Serviceपाञ्चजन्य विशेषNarayan ServiceNetra KumbhMaha Kumbh Areaनेत्र कुंभTriveni Sangam in Prayagrajडारमेट्रीRecommendationनर सेवानारायण सेवामहाकुंभ क्षेत्र
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