यूके का ग्रूमिंग गैंग: 25 साल में 2,50,000 ब्रिटिश लड़कियों से रेप, मंत्री ने ठुकराई जांच की मांग
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यूके का ग्रूमिंग गैंग: 25 साल में 2,50,000 ब्रिटिश लड़कियों से रेप, मंत्री ने ठुकराई जांच की मांग

एक्स के मालिक एलन मस्क ने यूके की मंत्री जेस फिलिप्स पर निशाना साधते हुए कहा है कि उन्हें जेल भेजना चाहिए।

by सोनाली मिश्रा
Jan 4, 2025, 09:18 am IST
in विश्व, विश्लेषण
British PM Keir starmer grroming Jihad Muslims

कीर स्टार्मर, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री

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यूके के कुख्यात ग्रूमिंग गैंग का जिन्न एक बार फिर से बोतल से बाहर आ गया है। कहा जाए तो यह बोतल में कभी गया ही नहीं था, बस उस पर चर्चा नहीं होती थी और इन अपराधों पर न जाने क्यों पर्दा डाला जा रहा था। यूके में एक नहीं, सौ नहीं बल्कि हजारों की संख्या में लड़कियां इस गैंग के कारण प्रताड़ित हो रही थीं।

दशकों से श्वेत लड़कियों के साथ हो रहे इस अत्याचार पर सरकार द्वारा कोई कदम उठाने से भी इनकार कर दिया गया है। यूके के कई शहरों में ग्रूमिंग गैंग के कारनामे कई रिपोर्ट्स में न जाने कब से सामने आ रहे हैं, मगर ओल्डहैम में दशकों से हो रहे बाल यौन प्रताड़ना के मामले में सरकारी जांच की मांग को यूके की सेफ़गार्डिंग मंत्री, जेस फिलिप्स ने ठुकरा दिया है। अब इसे लेकर सोशल मीडिया पर पुरानी सभी रिपोर्ट्स के हवाले से यूके की भयावह हकीकत को सामने लाया जा रहा है। एक यूजर ने वहाँ की संसद की किसी बहस का एक वीडियो साझा करते हुए दावा किया कि पिछले 25 वर्षों में 2,50,000 ब्रिटिश लड़कियों के साथ भारी संख्या में मुस्लिम आदमियों ने बलात्कार किया है।

एक्स के मालिक एलन मस्क ने यूके की मंत्री जेस फिलिप्स पर निशाना साधते हुए कहा है कि उन्हें जेल भेजना चाहिए। एलन मस्क ने यूके के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर पर भी निशाना साधते हुए पोस्ट किया। उन्होंने लिखा, “ब्रिटेन में बलात्कार जैसे गंभीर अपराधों के लिए पुलिस को संदिग्धों पर आरोप लगाने के लिए क्राउन प्रॉसिक्यूशन सर्विस की मंजूरी की आवश्यकता होती है। जब बलात्कार गिरोहों को न्याय का सामना किए बिना युवा लड़कियों का शोषण करने की अनुमति दी गई थी, तब CPS का प्रमुख कौन था? कीर स्टारमर, 2008-2013।”

इसके बाद उन्होंने एक और पोस्ट किया। जिसमें लिखा कि जेस फिलिप्स का मौजूदा बॉस कौन है? कीर स्टार्मर। यही कारण है कि वह बलात्कार गिरोहों की जांच करने से इनकार कर रही है, क्योंकि आखिर इसका आरोप कीर स्टार्मर पर ही आएगा।

लोगों ने कई रिपोर्ट्स के हिस्से भी साझा किये। यह देखना बहुत ही दुखद था कि इन श्वेत लड़कियों के साथ हो रहे इस जघन्य अपराध पर इसलिए कार्यवाही नहीं हुई, क्योंकि इससे राजनेताओं को डर था कि मुस्लिमों के खिलाफ हिंसा हो सकती है या फिर मुस्लिमों के खिलाफ विमर्श जा सकता है। एक यूजर ने वह कंटेन्ट एक्स पर साझा किया, जिसमें रॉथेरहैम की पीड़िता से लेबर की तत्कालीन सांसद नाज़ शाह ने कहा था कि वह “डाइवर्सिटी” अर्थात विविधता के लिए अपना मुंह बंद रखे:-

एक यूजर ने एक पीड़िता के पिता का वीडियो साझा किया। उसने अपनी बेटी को उस अपार्टमेंट से बचाने का प्रयास किया था, जिसमें उसका बलात्कार हो रहा रहा, तो पुलिस ने पिता को ही गिरफ्तार कर लिया था और यह कई बार हुआ था।

इसे लेकर हैरी पॉटर की लेखिका जे के रोलिंगस ने भी एक्स पर पोस्ट लिखा। वे वैसे ही कम्युनिस्ट लॉबी के निशाने पर रहती हैं। उन्होनें ग्रूमिंग गैंग जैसे शब्द पर ही सवाल उठाया। उन्होनें लिखा कि “”बलात्कार करने वाले गिरोहों (इन्हें ‘ग्रूमिंग’ गिरोह क्यों कहा जाता है? यह उन लोगों को ‘चाकू रखने वाले’ कहने जैसा है जो लोगों को चाकू मार देते हैं) ने रॉदरहैम में लड़कियों के साथ जो किया, उसके बारे में जो विवरण सामने आ रहे हैं, वे बिल्कुल भयानक हैं। इस मामले में पुलिस पर जो भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं, वह तो कल्पना से भी परे है।“

उन्होनें दरअसल पत्रकार सैम एशवर्थ की एक रिपोर्ट के कुछ अंश को साझा किया था। जिसमें एक पीड़िता के हवाले से पुलिस की लापरवाही और पुलिस के भ्रष्टाचार की बातें भी की गई थीं। उसी के अगली पोस्ट में पत्रकार ने यह भी लिखा था कि कई पीड़िता ऐसी थीं, जिनके पिताओं ने भी यह बताया कि जब वे पुलिस के पास मदद मांगने गए तो उन्हें प्रताड़ना मिली, मदद नहीं।

radiyogenoa नाम से यूजर ने एक वीडियो जारी किया, जिसमें दो तेरह वर्षीय लड़कियों की कहानी थी। कि वे बिना कपड़ों के 7 पाकिस्तानी आप्रवासियों के साथ घर में शराब पी रही थीं और पुलिस ने किसे गिरफ्तार किया? दो 13 वर्षीय लड़कियों को, क्योंकि उन्होंने शराब पी हुई थी।

एलन मस्क ने टोनी रॉबिन्सन को रिहा करने का भी पोस्ट किया। टोनी रॉबिन्सन एक ब्रिटिश पत्रकार है, जिसने इस पूरे ग्रूमिंग गैंग पर एक डाक्यूमेंट्री बनाई थी और टोनी यूके के इस्लामीकरण के खिलाफ काफी मुखर रहते हैं। इन दिनों टोनी रॉबिन्सन को जेल में डाला हुआ है, मगर फिर भी उनका एक्स प्रोफ़ाइल उनकी टीम प्रबंधित करती है। उनकी टीम ने एक बार फिर से इस पूरे प्रकरण पर लिखा। उनकी टीम ने निकोल नामक पेदिता की कहानी लिखी।

उनकी टीम ने लिखा कि “ब्रिटेन का बलात्कार – प्रकरण 1

निकोल की कहानी

निकोल का 11 साल की उम्र में टेलफोर्ड में एक ग्रूमिंग गिरोह के सदस्यों द्वारा बलात्कार किया गया और उसे वेश्यावृत्ति में धकेला गया, जो उस क्षेत्र में होने वाले कई मामलों में से एक मामला है।

एक व्यक्ति उच्च सुरक्षा वाली जेल में एकांत कारावास में सड़ रहा है, क्योंकि उसने यहाँ की लड़कियों के साथ हो रहे इस संगठित और पूरी तरह से व्यवसाय बन चुके शोषण के खिलाफ आवाज उठाई और वह व्यक्ति टॉमी रॉबिन्सन है।

सोशल मीडिया पर एक बार फिर से यूके में उन अपराधों पर आवाज उठ रही है, जिन्हें वहाँ का प्रशासन, वहाँ की पुलिस और वहाँ की मीडिया केवल इस कारण दबाती रही है कि यदि ये अपराध सामने आए तो मुस्लिमों के प्रति नफरत बढ़ेगी?

क्या मुस्लिमों के प्रति नफरत न बढ़े, कथित विविधता पर आंच न आए, इसके लिए लड़कियां कुर्बान होती रहेंगी? और वह भी एक नहीं, सौ नहीं, हजारों नहीं बल्कि लाखों? आखिर इन अपराधों की जांच क्यों नहीं होगी? ऐसे प्रश्न फिलहाल सोशल मीडिया पर तैर रहे हैं।

मगर यूरोप में कथित विविधता बढ़ाने के नाम पर इन पाकिस्तानी आदमियों के स्थान पर “एशियाई आदमियों” का प्रयोग किया जाता है और जब वे एशियाई आदमी लिखते हैं, तो उनमें हिंदू, सिख, जापानी, श्रीलंकाई आदि लोग भी शामिल हो जाते हैं, जिनके प्रति वह नफरत बढ़ती है, जिसमें उनका कोई भी योगदान नहीं होता है। क्या इस छल के खिलाफ भी आवाज नहीं उठनी चाहिए कि एक समुदाय के प्रति कथित नफरत न बढ़े तो उस नफरत के दायरे में आने वाले समुदायों की संख्या ही बढ़ा दी जाए?

जबकि एक नहीं कई रिपोर्ट्स यह संकेत देती हैं कि बलात्कार कवने वाले अधिकांश किस समुदाय और किस मुल्क से हैं? फिर पहचान और अपराध के साथ ऐसा छल क्यों? तमाम प्रश्न एक बार फिर उभरकर आए हैं, मगर हर बार की तरह इस बार भी उत्तर मिलेगा, या कम्युनिस्ट मीडिया उन लाखों पीड़ाओं को स्वर दे पाएगा, इसमें संदेह ही है।

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