हरिहर मंदिर मामले में हिंदू पक्ष की तरफ से वादी कैला देवी मंदिर के महंत ऋषिराज का कहना है कि हरिहर मंदिर की लड़ाई बहुत पुरानी है। हमारे पास जो साक्ष्य हैं उन्हें न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत कर दिया गया है। इस क्षेत्र के सभी लोग, यहां तक कि मुसलमान भी जानते हैं कि यह मस्जिद नहीं, हरिहर मंदिर है।
बाबर ने अयोध्या और सम्भल के मंदिर को तोड़कर मस्जिद बनवाई थी। बाबरनामा में हरिहर मंदिर का उल्लेख है। आइने-अकबरी में भी हरिहर मंदिर का विवरण प्राप्त हुआ है।
यह पूरा स्थल हिन्दू समाज के लिए पूज्य है। यह लड़ाई तब तक लड़ी जाएगी जब तक हरिहर मंदिर हिंदुओं को नहीं मिल जाता। यहां पर हरिहर मंदिर है और हमेशा रहेगा। हमें इसके लिए चाहे कितने ही बरस कानूनी लड़ाई लड़नी पड़े, हम तैयार हैं।
इतिहास में मुस्लिम आक्रांताओं ने हमारे धार्मिक स्थलों पर कब्जे किए हैं, यह बात किसी से छिपी नहीं है। हम किसी और की संपत्ति पर कब्जा नहीं कर रहे लेकिन हमारी आस्था के केंद्र हमें सौंपे जाने चाहिए।
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