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‘भारतीय जेल में रह लेंगे, यहीं मरेंगे, बांग्लादेश नहीं जाएंगे’, बांग्लादेशी नागरिक ने बताए अभी कैसे हैं हालात

शेख हसीना सरकार के पतन होने के बाद से बांग्लादेश में स्थिति असहनीय हो गई है। हमारे जैसे अल्पसंख्यक अब वहां सुरक्षित नहीं हैं। वहां पत्नी और बच्चों के साथ रहना बहुत मुश्किल है।

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WEB DESK

अगरतला (हि.स.)। बांग्लादेश के निवासी शंकर चंद्र सरकार (40) का कहना है कि वह अपने परिवार के साथ भारतीय जेल में रहना पसंद करेंगे, लेकिन बांग्लादेश वापस नहीं जाएंगे। बांग्लादेश के किशोरगंज जिले के धनपुर गांव के रहने वाले ऑटो चालक शंकर को पूरे परिवार के साथ शनिवार को त्रिपुरा के धलाई जिले के अंबासा थाना क्षेत्र से रेलवे पुलिस (जीआरपी) ने पकड़ा है।

पत्रकारों से बात करते हुए शंकर चंद्र सरकार ने बांग्लादेश में हिंदुओं की स्थिति पर अपनी निराशा व्यक्त की। उन्होंने कहा कि शेख हसीना सरकार के पतन होने के बाद से बांग्लादेश में स्थिति असहनीय हो गई है। हमारे जैसे अल्पसंख्यक अब वहां सुरक्षित नहीं हैं। वहां पत्नी और बच्चों के साथ रहना बहुत मुश्किल है। हमें लगातार हमलों और धमकियों का सामना करना पड़ता है। यहां तक कि शिकायत दर्ज कराने से भी हमले किए जाते हैं। मैं अपने परिवार का भरण-पोषण करने के लिए ऑटो चलाता हूं, लेकिन अब वहां जीवनयापन असंभव हो गया है। उन्होंने कहा कि हम शांति पाने के लिए सीमा पार कर आए हैं। भले ही इसके लिए हमें जेल जाना पड़े, लेकिन हम वापस जाने के बजाय जेल जाना पसंद करेंगे। हम यहां मेरे पिता सहित 10 लोग हैं। जंगल में रातें बिताने के बाद हम सीमा पार कर आज तड़के यहां पहुंचे हैं। एक व्यक्ति ने हमें सीमा पार करने में मदद की। हम ट्रेन से असम के सिलचर जा रहे थे। हम यहां मरने के लिए तैयार हैं, लेकिन हम वहां नहीं जाएंगे।

जीआरपी ने एक गुप्त सूचना पर कार्रवाई करते हुए सभी को अंबासा रेलवे स्टेशन के पास से हिरासत में लिया। हिरासत में लिए गए 10 लोगों में तीन पुरुष, छह महिलाएं और एक नाबालिग हैं। इन्होंने धलाई जिले के कमालपुर में सीमा पार करने की बात कबूल की।

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