‘गुप्त गंगा’ को बना दिया खुला नाला
July 10, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम विश्व

‘गुप्त गंगा’ को बना दिया खुला नाला

बंटवारे से पहले रावलपिंडी में ‘गुप्त गंगा’ बहा करती थी, जो अब गंदे नाले का रूप ले चुकी है

by मलिक असगर हाशमी
Dec 6, 2024, 03:47 pm IST
in विश्व, धर्म-संस्कृति, जम्‍मू एवं कश्‍मीर
रावलपिंडी की गुप्त गंगा जो अब नाला बन चुकी है

रावलपिंडी की गुप्त गंगा जो अब नाला बन चुकी है

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

हिंदुओं में कश्मीर के भदरवा स्थित ‘गुप्त गंगा’ में स्नान का बड़ा महत्व है। मान्यता है कि गुप्त गंगा में अमावस्या के दिन स्नान करने से समस्त पाप धुल जाते हैं। ऐसी ही एक ‘गुप्त गंगा’ कभी रावलपिंडी में बहती थी, जो हिंदुओं के लिए आस्था का महत्वपूर्ण केंद्र था।

विभाजन के बाद यह धार्मिक महत्व वाला प्राकृतिक झरना ‘लई पुल’ के गंदे नाले में तब्दील हो गया। इसके पास मदनपुरा और आनंदपुरा नाम से हिंदुओं की कॉलोनियां थीं। इन कॉलोनियों की पुरानी भव्य इमारतों को अब ढहाया जा रहा है। उनकी जगह नई इमारतें खड़ी की जा रही हैं। यहां पर कुछ बचे—खुचे जर्जर भवनों और मंदिरों के अवशेष मौजूद हैं।

मदनपुरा एवं आनंदपुरा के हिंदुओं के बच्चों के खेलने के लिए यहां एक बगीचा था, जिसकी निशानियां अभी भी हैं। अब इस जगह घरों में पानी सप्लाई करने के लिए टंकी खड़ी कर दी गई है। यहां सिखों की भी मदनपुरा और आनंदपुरा से सटी दो कालोनियां करतारपुर और लाजपत नगर थीं, जिनकी स्थिति आज कमोबेश दोनों हिंदू कॉलोनियों जैसी ही है। इनकी बसावट के बारे में इलाके के लोग बताते हैं कि इसे दो हिंदू भाइयों मदन लाल और आनंद लाल ने बसाया था। मदन लाल ने पहले मदनपुरा बसाया, बाद में आनंदपुरा, आनंद लाल ने बसाया।

मदनपुरा में एक प्रवेश द्वार अब भी मौजूद है, जिस पर हिंदी, उर्दू और अंग्रेजी में कॉलोनी के बोर्ड लगे हुए हैं। इस गेट से सीधी सड़क मंदिर तक जाती है। मंदिर के पिछले हिस्से में ही ‘गुप्त गंगा’ थी, जिससे अब लई का गंदा नाला कहा जाता है। अभी मंदिर के जर्जर भवन में तीन हिंदू परिवार रहते हैं और मंदिर की देखरेख करते हैं।

बंटवारे से पहले मदनपुरा, आनंदपुरा, करतारपुरा और लाजपत नगर में हिंदू और थोड़ी संख्या में सिख रहते थे। भारत से पाकिस्तान गए मुसलमानों को ये इमारतें रहने के लिए आवंटित कर दी गई लेकिन उनकी हैसियत कम होने के कारण वे इस बहुमूल्य धरोहर को संभाल नहीं पाए। एक स्थानीय पत्रकार के अनुसार, कई लोग तो भवन की देख-रेख में असफल रहने के बाद इसे छोड़ कर किसी अन्य इलाके में छोटे मकानों में रहने लगे। ग्वाल मंडी का नाम भी अब बदल कर दरियाबाद और इसके एक हिस्से का नाम नई ग्वाल मंडी कर दिया गया है।

नवाज शरीफ की पार्टी के इलाके के एक कार्यकर्ता शाहिद बताते हैं, ‘‘मदनपुरा और आनंदपुरा में रहने वालों हिंदू परिवारों ने अपनी सहूलियत के लिए ‘गुप्त गंगा’ के एक हिस्से में स्नान के लिए घाट और दूसरे हिस्से पर धोबी घाट बनवा रखा था। बाद में गुप्त गंगा में रावलपिंडी के 22 सीवरों का पानी डाला जाने लगा तो यहां के धोबी पलायन कर गए। हिंदुओं के यहां से जाने के बाद स्नान के लिए घाट भी खत्म कर दिया गया। मदनपुरा और आनंदपुरा के दो श्मशान घाट भी थे, जिन्हें खत्म कर उन पर इमारतें खड़ी कर दी गई हैं।’’

ग्वाल मंडी में 1817 में अंग्रेजों द्वारा निर्मित लोहे का रेलवे पुल और अंडरपास आज भी मौजूद है। इस अंडरपास के करीब ही एक आलीशान चर्च हुआ करता था, आस-पास ईसाइयों की घनी आबादी थी। इसकी जगह अब एक छोटे चर्च ने ली है, जबकि ईसाइयों की पूरी आबादी उजड़ चुकी है।

इस इलाके में अभी जो दो-चार हिंदू और ईसाई परिवार हैं, वे भी हमेशा कट्टरपंथियों के निशाने पर रहते हैं। पाकिस्तान के अल्पसंख्यक आयोग के एक आंकड़े के अनुसार, मजहबी कट्टरपंथियों के दबाव में पाकिस्तान में प्रत्येक वर्ष करीब एक हजार ईसाई और हिंदू अपना मूल पंथ त्याग कर इस्लाम कबूल रहे हैं।

स्थानीय लोग बताते हैं, ‘‘बंटवारे से पहले ग्वाल मंडी, मदनपुरा, आनंदपुरा, करतारपुर और लाजपत नगर का माहौल सौहार्दपूर्ण था। यहां हर साल होली, दीवाली, गुरु पर्व के अलावा ईद और क्रिसमस पार्टी आयोजित की जाती थी।’’

सोशल मीडिया इन्फ्लूएंसर औरंगजेब बेग कहते हैं, ‘‘यहां बरेली से सुरमा बेचने एक व्यापारी आता था। हिंदू व्यापारियों में सुरमा लगाने की प्रथा थी। उनके यहां से जाने के बाद यह प्रथा खत्म हो गई। इलाके में एक ‘आर्य मुहल्ला’ भी हुआ करता था। अब उस मुहल्ले का नाम बदल दिया गया है।’’

पत्रकार जीशान अहमद कहते हैं, ‘‘अपनी इस सांस्कृतिक धरोहर को सहेजने के लिए पाकिस्तान सरकार को कोई ठोस कदम उठाते हुए इन जगहों को पर्यटन स्थल के तौर पर विकसित करना चाहिए।’’

Topics: गुप्त गंगाप्राकृतिक झरनामदनपुरा एवं आनंदपुराहिंदू और ईसाई परिवारपाकिस्तान के अल्पसंख्यक आयोगGupt GangaNatural WaterfallMadanpura and AnandpuraHindu and Christian familiesMinority Commission of Pakistanपाञ्चजन्य विशेष
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

न्यूयार्क के मेयर पद के इस्लामवादी उम्मीदवार जोहरान ममदानी

मजहबी ममदानी

गुरु पूर्णिमा पर विशेष : भगवा ध्वज है गुरु हमारा

यत्र-तत्र-सर्वत्र राम

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद

राष्ट्रीय विद्यार्थी दिवस: छात्र निर्माण से राष्ट्र निर्माण का ध्येय यात्री अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद

India democracy dtrong Pew research

राहुल, खरगे जैसे तमाम नेताओं को जवाब है ये ‘प्‍यू’ का शोध, भारत में मजबूत है “लोकतंत्र”

कृषि कार्य में ड्रोन का इस्तेमाल करता एक किसान

समर्थ किसान, सशक्त देश

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

बुमराह और आर्चर

भारत-इंग्लैंड टेस्ट सीरीज: लॉर्ड्स में चरम पर होगा रोमांच

मौलाना छांगुर ने कराया 1500 से अधिक हिंदू महिलाओं का कन्वर्जन, बढ़ा रहा था मुस्लिम आबादी

Uttarakhand weather

उत्तराखंड में भारी बारिश का अलर्ट: 10 से 14 जुलाई तक मूसलाधार वर्षा की चेतावनी

Pratap Singh Bajwa complaint Against AAP leaders

केजरीवाल, भगवंत मान व आप अध्यक्ष अमन अरोड़ा के खिलाफ वीडियो से छेड़छाड़ की शिकायत

UP Operation Anti conversion

उत्तर प्रदेश में अवैध कन्वर्जन के खिलाफ सख्त कार्रवाई: 8 वर्षों में 16 आरोपियों को सजा

Uttarakhand Amit Shah

उत्तराखंड: अमित शाह के दौरे के साथ 1 लाख करोड़ की ग्राउंडिंग सेरेमनी, औद्योगिक प्रगति को नई दिशा

Shubman Gill

England vs India series 2025: शुभमन गिल की कप्तानी में भारत ने इंग्लैंड को झुकाया

मुंबई: ‘सिंदूर ब्रिज’ का हुआ उद्घाटन, ट्रैफिक जाम से मिलेगी बड़ी राहत

ब्रिटेन में मुस्लिमों के लिए वेबसाइट, पुरुषों के लिए चार निकाह की वकालत, वर्जिन बीवी की मांग

Haridwar Guru Purnima

उत्तराखंड: गुरु पूर्णिमा पर लाखों श्रद्धालुओं ने लगाई पावन गंगा में आस्था की डुबकी

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies