प्रधानमंत्री ओली ने एक कार्यक्रम में कहा कि उनका चीन दौरा नेपाल-भारत संबंधों में खटास लाने के लिए नहीं है। भारत के साथ नेपाल के संबंध पहले की तरह मधुर बने रहेंगे। भारत-नेपाल संबंधों को इस यात्रा से कोई ठेस नहीं पहुंचेगी।
दरअसल ओली की चीन यात्रा पर निशाना साधते हुए पूर्व प्रधानमंत्री प्र्रचंड ने कहा था कि ओली सरकार अपनी विदेश नीति में संतुलन नहीं रख पाई है।
प्रचंड जानते हैं कि उनके कार्यकाल में भारत के साथ उनके देश ने अनेक परियोजनाएं शुरू की हैं और भारत से उन्हें हर प्रकार की मदद भी मिली है। भारत ने नेपाल को हमेशा एक महत्वपूर्ण पड़ोसी देश ही नहीं, सांस्कृतिक रूप से बेहद निकट ही देखा है।
यहां बता दें कि ओली संयुक्त राष्ट्र महासभा के 79वें अधिवेशन में भाग लेने के लिए न्यूयॉर्क गए थे। वहां उनकी भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से अलग से भेंट हुई थी।
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