कर्नाटक में कांग्रेस की सिद्धारमैया सरकार में वक्फ बोर्ड बे लगाम सा हो गया है। वह लगातार संपत्तियों पर अपना क्लेम करता जा रहा है। लोग वक्फ के परेशान हैं, लेकिन कैंसर की तरह ये फैलता ही जा रहा है। इसी तरह राज्य में एक बार फिर से वक्फ बोर्ड ने हंगामा खड़ा कर दिया है। उसने मैसूर जिले के मुनेश्वरनगर में 101 संपत्तियों पर दावा ठोंकते हुए उन्हें नोटिस जारी किया है।
क्या है पूरा मामला
कर्नाटक वक्फ बोर्ड ने मैसूर के नंजनगुड रोड पर स्थित मुनेश्वरनगर में स्थित कसाबा होबली में स्थित संपत्तियों पर अपना दावा ठोंक दिया। वक्फ बोर्ड ने इन जमीनों पर मालिकाना हक जताते हुए 101 परिवारों को नोटिस जारी कर दिया। बाद में इसी मामले में भाजपा नेता आर अशोकन ने भी पीड़ितों से मुलाकात की। लोगों ने भाजपा नेता को बताया कि कसाबा होबली सर्वे नंबर 153 में उनका घर, जमीनें और अन्य संपत्तियां है। यहां पर वो दशकों से रह रहे हैं। अब वक्फ बोर्ड उसे अपना बता रहा है।
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लोगों ने कहा कि वे सभी बस से बेंगलुरू शिकायत दर्ज कराने के लिए जा रहे हैं। लोगों ने नेता विपक्ष आर अशोकन को बताया कि तत्कालीन श्रीरामपुरा ग्राम पंचायत ने 1974-75 में डिमांड रजिस्टर भी जारी किया था, जिसका रिकॉर्ड उनके पास है। लोगों ने अपनी व्यथा बताई कि वक्फ बोर्ड ने नोटिस में कहा है कि अगर वे वहां रहना चाहते हैं तो अपना-अपना मकान खाली कर दें या फिर वक्फ बोर्ड के साथ पट्टा समझौता कर लें।
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इससे पहले भी वक्फ बोर्ड कई संपत्तियों पर कर चुका है दावा
गौरतलब है कि वक्फ बोर्ड ने हाल ही विजयपुर जिले में किसानों की 1500 एकड़ जमीन, हुबली में किसानों के पूरे गांव को क्लेम कर दिया था और इसी तरह से बीदर जिले में तो हद करते हुए वक्फ बोर्ड ने ऐतिहासिक बीदर किले पर भी अपना दावा ठोंक दिया था। जबकि, बीदर का किला एएसआई की संपत्ति है।
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