नई दिल्ली । बांग्लादेश में हिंदू मंदिरों पर हमलों, हिंदू धार्मिक नेताओं की अनुचित गिरफ्तारी, और सोशल मीडिया पर हिंदू विरोधी नफरत अभियानों के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार रक्षा (HRDI) ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। HRDI ने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार को एक पत्र लिखकर घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने की अपील की है।
HRDI ने जताई गंभीर चिंता
HRDI के महासचिव राजेश गोगना ने पत्र में बांग्लादेश में बढ़ती असहिष्णुता और भेदभाव पर गहरी चिंता जताई है। उन्होंने इसे हिंदू समुदाय के अस्तित्व के लिए गंभीर खतरा बताया और इसे धार्मिक स्वतंत्रता व न्यायपूर्ण समाज की नींव को कमजोर करने वाला बताया
HRDI द्वारा उठाए गए मुख्य बिंदु
- धार्मिक संस्थानों की सुरक्षा : HRDI ने हिंदू मंदिरों और पूजा स्थलों की सुरक्षा के लिए तत्काल उपाय लागू करने की मांग की। उन्होंने कहा कि धार्मिक स्थलों को हिंसा और अपवित्रता से मुक्त करना बांग्लादेश सरकार की जिम्मेदारी है।
- धार्मिक नेताओं की रिहाई : HRDI ने अंतर्राष्ट्रीय कृष्णभावनामृत संघ (ISKCON) के नेताओं समेत अन्य हिंदू धार्मिक नेताओं की अनुचित गिरफ्तारी को तुरंत समाप्त करने की मांग की। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह धार्मिक नेताओं के अधिकारों का उल्लंघन है।
- सोशल मीडिया पर नफरत अभियान : HRDI ने सोशल मीडिया पर हिंदुओं के खिलाफ चल रहे नफरत अभियानों को रोकने के लिए निर्णायक कदम उठाने पर जोर दिया। इसमें भड़काऊ सामग्री की निगरानी, अपराधियों पर कार्रवाई, और सामुदायिक सद्भाव बढ़ाने वाले आधिकारिक संदेश शामिल हैं।
बांग्लादेश सरकार से की गई अपील
HRDI ने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार पर विश्वास जताते हुए कहा कि वह अपने संवैधानिक और अंतर्राष्ट्रीय दायित्वों को निभाएगी। उन्होंने सरकार से शांति और सद्भाव बहाल करने के लिए तेज़ और प्रभावी कदम उठाने का अनुरोध किया, ताकि हिंदू समुदाय अपने देश में सुरक्षित और सम्मानित महसूस कर सके।
HRDI ने यह भी कहा कि बांग्लादेश सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सभी धार्मिक अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा हो। उन्होंने हिंदू समुदाय के खिलाफ बढ़ते हमलों और भेदभाव को रोकने के लिए सामूहिक और निर्णायक कार्रवाई की मांग की।
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