उत्तराखंड

उत्तराखंड: मध्य जनवरी के बाद कभी भी हो सकते है निकाय चुनाव, आरक्षण को लेकर मंथन का दौर शुरू

राज्य निर्वाचन कार्यालय भी जनवरी में स्थानीय निकाय चुनाव कराने की तैयारी में जुट गया है।

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दिनेश मानसेरा

देहरादून: राज्य में स्थानीय निकाय चुनावों को लेकर सरगर्मियां तेज हो गई हैं। राजनीतिक दलों में इन पंचायतों को लेकर मंथन चल रहा है। ऐसी संभावना है कि मकर संक्रांति के तुरंत बाद ये चुनाव संपन्न कराए जा सकते हैं।

राजधानी देहरादून में पार्टी मुख्यालयों में और बड़े-बड़े नेताओं के घरों में टिकट दावेदारों को लेकर हलचल तेज है। बीजेपी और सरकार के बीच नगर पालिका, पंचायतों, निगम में कैसे आरक्षण व्यवस्था पर योजना बनाई जानी है इस ओर लगातार बैठकों का दौर चल रहा है।

राज्य निर्वाचन कार्यालय भी जनवरी में स्थानीय निकाय चुनाव कराने की तैयारी में जुट गया है। केदारनाथ विधानसभा उपचुनाव के बाद से ही ये कयास लगाए जा रहे थे कि ये चुनाव जल्द कराए जाएंगे।

स्थानीय निकाय में आरक्षण कहां-कहां और कैसे-कैसे होगा इस बारे में अगले कुछ दिनों में घोषणा हो सकती है, उसके बाद दो सप्ताह का समय आपत्तियों के लिए रहता है। जिसके बाद चुनावों की आधिकारिक घोषणा हो जाएगी। इस लिए माना जा रहा है दिसंबर माह में इन चुनावों को लेकर मंथन बैठकों का दौर चलेगा। बीजेपी और कांग्रेस दोनों दलों ने विभिन्न शहरों में निगम चुनाव के प्रत्याशी चयन के लिए पर्यवेक्षकों को भेजे जाने की तैयारी पूरी कर ली है, जबकि पालिका परिषद में चुनाव प्रभारी ही तय करेंगे।

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बहरहाल राज्य में अगले दो माह एक बार फिर से चुनावी सरगर्मियों के हैं, सीएम पुष्कर सिंह धामी ने पूरे राज्य में विकास संबंधी समीक्षाएं करने के लिए विभिन्न शहरों के अपने दौरे शुरू कर दिए हैं। बीजेपी संगठन ने अपने मंत्रियों विधायकों को भी स्थानीय निकाय चुनाव में जुट जाने के लिए निर्देशित कर दिया है।

 

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