अमृतसर के गुरबख्श नगर में शुक्रवार सुबह बंद पड़ी पुलिस चौकी के बाहर हुए धमाके ने एक बार फिर पंजाब की कानून व्यवस्था और सुरक्षा तैयारियों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। पिछले सप्ताह अजनाला पुलिस थाने के बाहर बरामद हुए आईईडी ने पहले ही खतरे का संकेत दिया था, लेकिन प्रशासन इस पर सतर्क नहीं दिखा।
गुरबख्श नगर चौकी, जिसे पिछले साल बंद कर दिया गया था, में रखे गए सामान के पास धमाका हुआ। हालांकि, धमाके में किसी प्रकार की जान-माल की हानि नहीं हुई है, लेकिन यह घटना प्रदेश की कमजोर सुरक्षा व्यवस्था को उजागर करती है। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, धमाके की आवाज इतनी जोरदार थी कि सुबह 3 बजे पूरा इलाका थर्रा गया।
पंजाब में लगातार हो रही विस्फोट और संदिग्ध गतिविधियों ने भगवंत मान सरकार के सुरक्षा दावों की पोल खोल दी है। अमृतसर धमाके जैसी घटनाएं केवल एक चेतावनी हैं कि अगर समय रहते ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो पंजाब फिर से अराजकता के गर्त में जा सकता है।
पिछले दिनों की घटनाएं..
पंजाब में हाल के दिनों में सुरक्षा को लेकर कई चिंताजनक घटनाएं सामने आई हैं:
भगवंत मान सरकार पर उठते सवाल
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में राज्य की सुरक्षा व्यवस्था पर लगातार सवाल उठ रहे हैं। विपक्ष लगातार आरोप लगा रहा है कि मौजूदा सरकार राज्य की कानून व्यवस्था को दुरुस्त रखने में नाकाम रही है। अमृतसर धमाका और इसके पहले की घटनाओं ने यह स्पष्ट कर दिया है कि पंजाब में कानून व्यवस्था और सुरक्षा में बेहतर समन्वय की कमी है।
बता दें कि आम आदमी पार्टी की सरकार ने पंजाब में सत्ता में आते ही सुरक्षा के दावे किए थे, लेकिन पिछले एक साल में प्रदेश में आपराधिक घटनाएं और आतंकवादी गतिविधियां बढ़ी हैं।
क्या फिर से अस्थिरता की ओर बढ़ रहा पंजाब ?
पंजाब एक बार फिर अस्थिरता के दौर में खड़ा है। राज्य के विभिन्न हिस्सों में बढ़ रही आपराधिक और संदिग्ध घटनाओं ने लोगों के मन में भय पैदा कर दिया है। विशेषज्ञों का कहना है कि पंजाब जैसे सीमावर्ती राज्य में सुरक्षा की अनदेखी करना गंभीर खतरा पैदा कर सकता है।
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