हत्यारों के वकील
July 10, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम विश्लेषण

हत्यारों के वकील

पाञ्चजन्य में 10 मार्च, 2002 को प्रकाशित एक लेख

by Rajpal Singh Rawat and पाञ्चजन्य ब्यूरो
Nov 26, 2024, 09:46 am IST
in विश्लेषण, गुजरात
मुस्लिम आतताइयों द्वारा जला दिया गया रेल का डिब्बा

मुस्लिम आतताइयों द्वारा जला दिया गया रेल का डिब्बा

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

वह 2002 की 27 फरवरी थी। उस दिन मुस्लिम-बहुल गोधरा स्टेशन पर साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन पर सवार निर्दोष, असहाय स्त्री-बच्चों की क्रूर हत्या की गई। यह हमला पूर्व तैयारी के साथ किया गया। अन्यथा हजारों की भीड़ रेलवे स्टेशन के बाहर कैसे इकट्ठी हुई, उसके पास तलवारें, लोहे की छड़ें, पेट्रोल और एसिड बम ट्रेन के गोधरा स्टेशन से रवाना होते ही कैसे आ गए? उन्होंने पहले पथराव करके यात्रियों को आत्मरक्षा के लिए खिड़की-दरवाजे बंद करने के लिए बाध्य किया और तब डिब्बों में केरोसिन तेल व पेट्रोल बम फेंककर आग लगाकर चीत्कार करते स्त्री-बच्चों को जिंदा जला दिया।

इंडियन एक्सप्रेस (28 फरवरी, 2002) के अनुसार सोलह वर्षीया गायत्री पंचाल ने बताया कि उसे टूटी खिड़की से किसी ने बाहर खींच लिया और उसकी आंखों के सामने उसके माता-पिता को जिंदा जला दिया गया। मानव का इससे अधिक क्रूर चेहरा और क्या हो सकता है? किंतु इससे भी अधिक पत्थर दिल और क्रूर भारत के उन राजनीतिज्ञों और पत्रकारों को कहना होगा, जो सेकुलरवाद का पट्टा अपने गले में बांधे फिरते हैं। उनके निरंतर एकपक्षीय हिंदू विरोधी प्रचार के फलस्वरूप मुस्लिम आक्रोश स्वाधीनता पूर्व कांग्रेस की जगह अब भाजपा और संघ-विचार परिवार के विरुद्ध केंद्रित हो गया है। उसे विश्वास हो गया है कि जाति, क्षेत्र, पंथ और दलीय आधार पर विखंडित हिंदू समाज अब उससे टक्कर लेने में असमर्थ है।

मुस्लिम पृथकतावाद के कंधों पर बैठकर विधानसभाओं और संसद में पहुंचे सेकुलरों ने गोधरा के अमानुषिक हत्याकांड की वकालत करके यह प्रमाणित कर दिया है कि यह राष्ट्र 11वीं शताब्दी में मुस्लिम आक्रमणों और 1761 में पानीपत की तीसरी लड़ाई के समय मराठा सेनाओं को उत्तर भारत की हिंदू शक्तियों के असहयोग से भी अधिक खराब स्थिति में पहुंच गया है।

कैसा लज्जाजनक दृश्य है कि आज भारतीय इतिहास का वह प्रवाह, जिसने इस देश की विविधताओं का सम्मान करते हुए उसे एक सांस्कृतिक व्यक्तित्व और पंथनिरपेक्ष राष्ट्रीयता की आधारभूमि प्रदान की, आज सांप्रदायिक कहा जा रहा है, अपने ही कृतघ्न, स्वार्थी और सत्तालोलुप पुत्रों के राष्ट्रद्रोह का शिकार बन गया है।

क्या कोई कल्पना कर सकता है कि जिन कम्युनिस्टों का इतिहास देशद्रोह का रहा है, जो केवल मुस्लिम पृथकतावाद की सहायता से भारतीय राजनीति में जिंदा हैं, मुस्लिम पृथकतावाद की कृपा पाने के लिए जिन्होंने बंगाल में मदरसा राजनीति चलायी और जिनका एकसूत्री कार्यक्रम गैर-भाजपावाद और हिंदू-विरोधी बन गया है, जिन्होंने 11 सितंबर और 13 दिसंबर के बाद अपनी पूरी बौद्धिक ताकत अमेरिका विरोध के आवरण में मुस्लिम आतंकवाद की वकालत में लगा दी, ऐसे देशद्रोही कम्युनिस्टों का राजनीतिक बहिष्कार करने के बजाए भारत के सत्तालोलुप जातिवादी नेता उनकी हिंदू विरोधी षड्यंत्री बेडरूम राजनीति के जाल में फंसते जा रहे हैं।

सामाजिक विखंडन और भ्रष्टाचारी समाज की इस दुर्बलता का पूरा लाभ कम्युनिस्ट नेतृत्व उठा रहा है। भाजपा और संघ विचार परिवार की छवि को खराब करने में कम्युनिस्टों ने मीडिया का पूरी तरह इस्तेमाल किया। क्या भाजपा नेतृत्व अब तक यह नहीं पहचान पाया कि जनाधार शून्य होते हुए भी कम्युनिस्ट नेतृत्व अपनी प्रचार क्षमता एवं रणनीतिक कुशलता के कारण उसका मुख्य शत्रु है और उसकी षड्यंत्री राजनीति का मुख्य हिस्सा पर्दे के पीछे छिपा रहता है?

कम्युनिस्ट मस्तिष्क में कितना जहर भरा है, इसका अनुभव इस लेखक को तब प्रत्यक्ष हुआ जब एक महाविद्यालय की सभा में दिल्ली विश्वविद्यालय के एक प्रोफेसर ने जिन्ना को ‘महान राष्ट्रवादी’ बताया, भारत विभाजन के लिए संघ और हिंदू महासभा को एकमात्र दोषी ठहराया।

1942-43 में ब्रिटिश सरकार का साथ देने और स्वतंत्रता आंदोलन में पीठ में छुरा भोंकने की कम्युनिस्ट पार्टी के देशद्रोह की वकालत की। कम्युनिस्टों की राष्ट्रघाती मानसिकता एवं षड्यंत्री राजनीति से विक्षुब्ध हमारे एक मित्र ने एक टी.वी. चैनल पर चुनाव-चर्चा में एक कम्युनिस्ट सांसद के साथ बैठने से इनकार कर दिया।

आखिर कार्यक्रम आयोजक को उस कम्युनिस्ट सांसद का निमंत्रण रद्द करना पड़ा। उनकी इस दुर्बलता का लाभ कट्टरवादी मुस्लिम नेतृत्व और मुस्लिम वोट बैंक पर आश्रित जातिवादी नेतृत्व ने पूरी तरह उठाया।

Topics: राष्ट्रद्रोह का शिकारमुस्लिम आतंकवादVictim of treasonमुस्लिम बहुलMuslim terrorismसाबरमती एक्सप्रेस ट्रेनSecular nationalismSabarmati Express Trainगोधरा स्टेशनGodhra Stationपाञ्चजन्य विशेषMuslim majorityपंथनिरपेक्ष राष्ट्रीयता
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

गुरु पूर्णिमा पर विशेष : भगवा ध्वज है गुरु हमारा

यत्र -तत्र- सर्वत्र राम

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद

राष्ट्रीय विद्यार्थी दिवस: छात्र निर्माण से राष्ट्र निर्माण का ध्येय यात्री अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद

India democracy dtrong Pew research

राहुल, खरगे जैसे तमाम नेताओं को जवाब है ये ‘प्‍यू’ का शोध, भारत में मजबूत है “लोकतंत्र”

कृषि कार्य में ड्रोन का इस्तेमाल करता एक किसान

समर्थ किसान, सशक्त देश

उच्च शिक्षा : बढ़ रहा भारत का कद

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

‘अचानक मौतों पर केंद्र सरकार का अध्ययन’ : The Print ने कोविड के नाम पर परोसा झूठ, PIB ने किया खंडन

UP ने रचा इतिहास : एक दिन में लगाए गए 37 करोड़ पौधे

गुरु पूर्णिमा पर विशेष : भगवा ध्वज है गुरु हमारा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नामीबिया की आधिकारिक यात्रा के दौरान राष्ट्रपति डॉ. नेटुम्बो नंदी-नदैतवाह ने सर्वोच्च नागरिक सम्मान दिया।

प्रधानमंत्री मोदी को नामीबिया का सर्वोच्च नागरिक सम्मान, 5 देशों की यात्रा में चौथा पुरस्कार

रिटायरमेंट के बाद प्राकृतिक खेती और वेद-अध्ययन करूंगा : अमित शाह

फैसल का खुलेआम कश्मीर में जिहाद में आगे रहने और खून बहाने की शेखी बघारना भारत के उस दावे को पुख्ता करता है कि कश्मीर में जिन्ना का देश जिहादी भेजकर आतंक मचाता आ रहा है

जिन्ना के देश में एक जिहादी ने ही उजागर किया उस देश का आतंकी चेहरा, कहा-‘हमने बहाया कश्मीर में खून!’

लोन वर्राटू से लाल दहशत खत्म : अब तक 1005 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण

यत्र -तत्र- सर्वत्र राम

NIA filed chargesheet PFI Sajjad

कट्टरपंथ फैलाने वाले 3 आतंकी सहयोगियों को NIA ने किया गिरफ्तार

उत्तराखंड : BKTC ने 2025-26 के लिए 1 अरब 27 करोड़ का बजट पास

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies