हाथों में पत्थर, जुबां पर मजहबी नारे : कश्मीर से संभल तक कट्टरपंथी हिंसा की एक ही कहानी, मारो, जलाओ और फिर पीड़ित बन जाओ
July 12, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत

हाथों में पत्थर, जुबां पर मजहबी नारे : कश्मीर से संभल तक कट्टरपंथी हिंसा की एक ही कहानी, मारो, जलाओ और फिर पीड़ित बन जाओ

यह रिपोर्ट वर्ष 2021 से 2024 तक मुस्लिम भीड़ द्वारा किए गए हमलों पर आधारित है। इन हमलों के कारण बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी घायल हुए, सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचा, और समाज में भय का माहौल उत्पन्न हुआ।

by SHIVAM DIXIT
Nov 24, 2024, 07:39 pm IST
in भारत, विश्लेषण, उत्तर प्रदेश
Report of attacks by Muslim mob from 2021 to 2024
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

संभल । उत्तर प्रदेश के संभल जिले में 24 नवंबर, 2024 को एक गंभीर घटना सामने आई, जब चंदौसी सिविल जज (सीनियर डिवीजन) कोर्ट के आदेश पर शाही जामा मस्जिद का सर्वे करने पहुंची टीम और पुलिस बल पर मुस्लिम भीड़ ने जमकर पत्थरबाजी की। इस मस्जिद को लेकर आरोप है कि यह श्रीहरिहर मंदिर को तोड़कर उसके स्थान पर बनाई गई है। कोर्ट के निर्देश पर एएसआई और पुलिस की टीम सर्वेक्षण के लिए पहुंची थी, लेकिन वहां मौजूद मुस्लिम भीड़ ने हिंसक प्रतिक्रिया दी, जिससे स्थिति तनावपूर्ण हो गई।

यह घटना सिर्फ एक अकेली घटना नहीं है, बल्कि देशभर में ऐसी कई घटनाएं सामने आई हैं, जहां मुस्लिम भीड़ ने अवैध अतिक्रमण, अपराधियों की जांच, या कानूनी कार्रवाई के दौरान पुलिस बल और सर्वे टीमों पर हमले किए हैं। ऐसी घटनाओं से न केवल कानून व्यवस्था प्रभावित होती है, बल्कि इससे सामाजिक सौहार्द भी प्रभावित होता है। मुस्लिम भीड़ द्वारा पुलिस बल और सर्वेक्षण टीमों पर हमले की घटनाओं ने न केवल प्रशासन को मुश्किल में डाला, बल्कि समाज में भय और अशांति का माहौल भी उत्पन्न किया। ये घटनाएं कई बार धार्मिक स्थलों के विवाद, अवैध अतिक्रमण, और अपराधियों की गिरफ्तारी जैसे मामलों से जुड़ी रहीं।

यह रिपोर्ट वर्ष 2021 से 2024 तक मुस्लिम भीड़ द्वारा अवैध अतिक्रमण/अपराधियों की जांच पड़चाल/हिरासत के लिए पहुंची सर्वे टीम/पुलिस बल पर हमले की 10 प्रमुख घटनाओं पर आधारित है।

मुस्लिम भीड़ द्वारा सर्वे टीम और पुलिसकर्मियों पर हमला

जामा मस्जिद के सर्वे को लेकर पुलिस पर पत्थरबाजी (24 नवंबर, 2024)

स्थान – संभल, उत्तर प्रदेश
विवाद – जामा मस्जिद-श्रीहरिहर मंदिर विवाद
विवरण – चंदौसी सिविल जज (सीनियर डिवीजन) की कोर्ट के आदेश पर शाही जामा मस्जिद, (जो श्रीहरिहर मंदिर तोड़कर उसके उपर बनी है) की सर्वे करने पहुंची टीम से नाराज होकर मुस्लिम भीड़ ने सर्वे टीम और पुलिसकर्मियों (छर्रे व पत्थर लगने से 15 पुलिस कर्मी घायल) पर जमकर पत्थरबाजी की। आगजनी और फायरिंग में अब तक तीन की मौत हो गई है, जबकि कई पुलिसकर्मी घायल हो गए हैं, तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए माैके पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है।

मदरसा सर्वेक्षण करने गयी टीम पर हमला (14 मई, 2024)

स्थान – अहमदाबाद, गुजरात
विवाद – अवैध मदरसा सर्वेक्षण
विवरण – गुजरात के दरियापुर क्षेत्र में अवैध मदरसों के सर्वेक्षण के दौरान मुस्लिम भीड़ ने सर्वे टीम और पुलिस पर हमला किया। घटना में प्रमुख आरोपी मास्टरमाइंड फरहान और फैजल को हिरासत में लिया गया। इस दौरान हिंसा ने स्थिति को तनावपूर्ण बना दिया, जिससे इलाके में भारी पुलिस बल तैनात किया गया।

मुस्लिम भीड़ द्वारा पुलिस पर हमला

हल्द्वानी हिंसा में पुलिसवालों पर जानलेवा हमला (8 फरवरी, 2024)

स्थान – हल्द्वानी, उत्तराखंड
विवाद – सरकारी भूमि पर अवैध मदरसा व मस्जिद
विवरण – बनभूलपुरा क्षेत्र में अवैध मदरसे व मस्जिद के अतिक्रमण को हटाने के दौरान मुस्लिम भीड़ द्वारा पुलिकर्मियों (300 से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल) पर पथराव किया गया। बनभूलपुरा की पुलिस चौकी को जलाने और पुलिसकर्मी से रिवाल्वर झीनने के मामले में पुलिस ने 36 मुस्लिम दंगाइयों सहित शोएब, सोहेल, समीर पाशा, इब्राहिम, साहिल अंसारी और शानू अहमद को गिरफ्तार किया।

इस्लामी भीड़ के हमले में 3 पुलिसकर्मी घायल (28 सितंबर, 2024)

स्थान – भद्रक, ओडिशा
विवाद – इंटरनेट मीडिया पर एक आपत्तिजनक पोस्ट
विवरण –  पुरुना बाजार थाना इलाके में सोशल मीडिया पर पोस्ट की गई एक पोस्ट को लेकर कट्टरपंथी मुस्लिमों ने तोड़-फोड़ और आगजनी की। उपद्रवियों को पुलिस ने जब रोका तो उन्होंने पुलिस पर जमकर पत्थरबाजी की। उपद्रवियों के हिंसक हमले में तीन पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हो गए।

यति नरसिंहानंद गिरि का सिर कलम करने की धमकी और पुलिस बल पर हमला (4 अक्टूबर, 2024)

स्थान – गाजियबाद (उत्तर प्रदेश)
विवाद – नरसिंहानंद गिरि पर ईशनिंदा का आरोप
विवरण – डासना मंदिर के मुख्य पुजारी यति नरसिंहानंद गिरि पर 29 सितंबर, 2024 को पैगम्बर पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने का आरोप लगाकर मुस्लिम भीड़ ने 4 अक्टूबर, 2024 को  ‘सर तन से जुदा’ के नारे लगाते हुए डासना मंदिर के बाहर प्रदर्शन किए। पुलिस ने जब मंदिर के बाहर नारे लगाने से मना किया तो उपद्रवियों ने पुलिस बल पर ही हमला कर दिया और जमकर पत्थरबाजी की, जिसमें कई पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हो गए।

बुर्के वाली खातूनों ने चलाए पत्थर, फाड़ डाली वर्दी (12 अगस्त, 2024)

स्थान – सहारनपुर, उत्तर प्रदेश
विवाद – नशा तस्कर जावेद की गिरफ्तारी
विवरण – घाटमपुर गाँव में नशे का अवैध रैकेट चलाने वाले जावेद को पकड़ने गयी पुलिस पर मुस्लिम भीड़ ने हमला किया। हमलावरों में लगभग आधे दर्जन महिलाएँ शामिल थीं। नशा के अवैध कारोबारी जावेद को छुड़ाने के लिए इकराम के साथ आई भीड़ ने पहले पुलिस टीम पर लाठी-डंडों से हमला किया फिर पत्थरबाजी भी की।

भीड़ ने थाने पर किया हमला, दो पुलिसकर्मी घायल (12 अगस्त, 2024)

स्थान – छतरपुर , मध्य प्रदेश
विवाद – रामगिरी महाराज के बयान को लेकर हिंसा
विवरण – पैगंबर मोहम्मद पर टिप्पणी को लेकर रामगिरी महाराज के खिलाफ छतरपुर कांग्रेस के उपाध्यक्ष हाजी शहजाद ने नेतृत्व में मुस्लिम भीड़ ने छतरपुर थाने पर पथराव किया। उपद्रवियों ने थाने को आग के हवाले कर दिया, हिंसा इतना भयावह था कि थाने में मौजूद पुलिसकर्मियों को जान बचाकर भागना पड़ा। दो पुलिस कर्मी सहित थाना प्रभारी पथराव में गंभीर रूप से घायल हो गए।

ट्रक में पत्थर, पुलिसकर्मियों पर बरसाए लाठी-डंडे (16 जून, 2023)

स्थान – जूनागढ़, गुजरात
विवाद –  दरगाह के रूप में अवैध अतिक्रमण
विवरण – जूनागढ़ में अवैध दरगाह अतिक्रमण को लेकर लगे नोटिस के विरोध में मुस्लिम भीड़ ने अल्लाह हू अकबर और ‘नारा ए तकबीर’ चिल्लाती हुई 500 से 600 की मुस्लिम भीड़ ने पुलिस बल पर हमला किया। हमले में महिलाएँ भी शामिल थीं।

अपराधी नोमान को पकड़ने आई पुलिस पर पथराव (18 मई, 2022)

स्थान – मथुरा , उत्तर प्रदेश
विवाद –  अपराधी नोमान की गिरफ्तारी
विवरण – गाँव जंघावली में हरियाणा पुलिस के साथ थाना शेरगढ़ पुलिस मिलकर एक अपराधी नोमान के घर दबिश देने गई थी। इस दौरान गाँव की मुस्लिम महिलाओं और पुरुषों ने पुलिस पर हमला कर दिया। दंगाइयों द्वारा पुलिस पर पथराव किया गया और छतों से फायरिंग भी की गई।

जुनैद की मौत के बाद भीड़ ने किया पुलिस पर हमला (12 जून, 2021)

स्थान – मेवात, हरियाणा
विवाद –   फरीदाबाद पुलिस की कस्टडी में मौत
विवरण – जुनैद नाम के शख्स को फरीदाबाद पुलिस की क्राइम ब्रांच ने धोखाधड़ी मामले में गिरफ्तार किया था। मगर, पुलिस द्वारा कस्टडी में लिए जाने के बाद उसकी मौत हो गई। उपद्रवियों ने टारगेट करते हुए पुलिसकर्मियों पर हमला किया और  पुलिस वाहन में आग लगा दी। घटना की एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुई जिसमें दंगाई चिल्ला रहे थे- आग लगाओ आग।

2021 से 2024 तक की इन घटनाओं ने इस्लामिक कट्टरपंथियों द्वारा किए गए हमलों के खतरनाक प्रभाव को उजागर किया है। यह घटनाएं न केवल कानून और व्यवस्था को चुनौती देती हैं, बल्कि समाज के भीतर सांप्रदायिक असंतुलन और कट्टरपंथी विचारधारा के बढ़ते प्रभाव का भी संकेत देती हैं।

इन हमलों के कारण बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी घायल हुए, सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचा, और समाज में भय का माहौल उत्पन्न हुआ। कानून व्यवस्था की अनदेखी और हिंसक प्रतिक्रिया से यह स्पष्ट होता है कि इस्लामिक कट्टरपंथी तत्व न केवल सरकारी कार्रवाई का विरोध कर रहे हैं, बल्कि अपने व्यक्तिगत और सामूहिक एजेंडा को जबरन बहुसंख्यक समाज पर थोपने का प्रयास भी कर रहे हैं। कई बार देखने को मिला है ये इस्लामिक चरमपंथी अपने अधिकारों के लिए बात-बात पर संविधान की दुहाई देते फिरते हैं, वहीं जब संवैधानिक रूप से लिए गए फैसले से ना मानकर उसी संविधान को ताक पर रखकर आगजनी और उपद्रव कर सड़कों पर उत्पात मचाते नजर आते हैं।

ऐसे हमलों का प्रभाव दीर्घकालिक होता है। ये घटनाएं प्रशासन की ताकत को कमजोर करती हैं, स्थानीय गैर मजहबी निवासियों में असुरक्षा की भावना पैदा करती हैं और कानून व्यवस्था को नुकसान पहुंचाती हैं। यह स्पष्ट है कि कट्टरपंथी विचारधारा का प्रसार न केवल समाज के लिए खतरा है, बल्कि यह विकास और शांति के लिए भी बाधक है। सरकार को चाहिए कि इन घटनाओं से सबक लेते हुए कट्टरपंथी विचारधारा और अवैध गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए सख्त कदम उठाए। कानून का उल्लंघन करने वालों पर तत्काल और कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए ताकि यह संदेश स्पष्ट हो सके कि किसी भी प्रकार की हिंसा और उन्माद को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

साथ ही, यह समाज की जिम्मेदारी है कि वह कट्टरपंथी विचारधारा के खिलाफ एकजुट हो और शांतिपूर्ण संवाद को प्राथमिकता दे। अगर इन चुनौतियों का समाधान समय रहते नहीं किया गया, तो यह समाज और देश के समग्र विकास को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है। अब समय आ गया है कि कानून और संविधान का पालन सभी के लिए अनिवार्य बनाया जाए और समाज में शांति और सद्भाव को पुनर्स्थापित किया जाए।

 

SHIVAM DIXIT

शिवम् दीक्षित एक अनुभवी भारतीय पत्रकार, मीडिया एवं सोशल मीडिया विशेषज्ञ, राष्ट्रीय स्तर के पुरस्कार विजेता, और डिजिटल रणनीतिकार हैं, जिन्होंने 2015 में पत्रकारिता की शुरुआत मनसुख टाइम्स (साप्ताहिक समाचार पत्र) से की। इसके बाद वे संचार टाइम्स, समाचार प्लस, दैनिक निवाण टाइम्स, और दैनिक हिंट में विभिन्न भूमिकाओं में कार्य किया, जिसमें रिपोर्टिंग, डिजिटल संपादन और सोशल मीडिया प्रबंधन शामिल हैं।

उन्होंने न्यूज़ नेटवर्क ऑफ इंडिया (NNI) में रिपोर्टर कोऑर्डिनेटर के रूप में काम किया, जहां इंडियाज़ पेपर परियोजना का नेतृत्व करते हुए 500 वेबसाइटों का प्रबंधन किया और इस परियोजना को लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में स्थान दिलाया।

वर्तमान में, शिवम् राष्ट्रीय साप्ताहिक पत्रिका पाञ्चजन्य (1948 में स्थापित) में उपसंपादक के रूप में कार्यरत हैं।

शिवम् की पत्रकारिता में राष्ट्रीयता, सामाजिक मुद्दों और तथ्यपरक रिपोर्टिंग पर जोर रहा है। उनकी कई रिपोर्ट्स, जैसे नूंह (मेवात) हिंसा, हल्द्वानी वनभूलपुरा हिंसा, जम्मू-कश्मीर पर "बदलता कश्मीर", "नए भारत का नया कश्मीर", "370 के बाद कश्मीर", "टेररिज्म से टूरिज्म", और अयोध्या राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा से पहले के बदलाव जैसे "कितनी बदली अयोध्या", "अयोध्या का विकास", और "अयोध्या का अर्थ चक्र", कई राष्ट्रीय मंचों पर सराही गई हैं।

उनकी उपलब्धियों में देवऋषि नारद पत्रकार सम्मान (2023) शामिल है, जिसे उन्होंने जहांगीरपुरी हिंसा के मुख्य आरोपी अंसार खान की साजिश को उजागर करने के लिए प्राप्त किया।

शिवम् की लेखन शैली प्रभावशाली और पाठकों को सोचने पर मजबूर करने वाली है, और वे डिजिटल, प्रिंट और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सक्रिय रहे हैं। उनकी यात्रा भड़ास4मीडिया, लाइव हिन्दुस्तान, एनडीटीवी, और सामाचार4मीडिया जैसे मंचों पर चर्चा का विषय रही है, जो उनकी पत्रकारिता और डिजिटल रणनीति के प्रति समर्पण को दर्शाता है।

  • SHIVAM DIXIT
    https://panchjanya.com/author/shivam-dixit/
    Jul 11, 2025, 08:00 pm IST
    कन्वर्जन की जड़ें गहरी, साजिश बड़ी : ये है छांगुर जलालुद्दीन का काला सच, पाञ्चजन्य ने 2022 में ही कर दिया था खुलासा
  • SHIVAM DIXIT
    https://panchjanya.com/author/shivam-dixit/
    Jul 11, 2025, 05:53 pm IST
    सऊदी में छांगुर ने खेला कन्वर्जन का खेल, बनवा दिया गंदा वीडियो : खुलासा करने पर हिन्दू युवती को दी जा रहीं धमकियां
  • SHIVAM DIXIT
    https://panchjanya.com/author/shivam-dixit/
    Maulana Chhangur Hazrat Nizamuddin conversion
    Jul 11, 2025, 01:07 pm IST
    Maulana Chhangur BREAKING: नाबालिग युवती का हजरत निजामुद्दीन दरगाह में कराया कन्वर्जन, फरीदाबाद में FIR
  • SHIVAM DIXIT
    https://panchjanya.com/author/shivam-dixit/
    Jul 11, 2025, 07:30 am IST
    ‘पाञ्चजन्य’ ने 2022 में ही कर दिया था मौलाना छांगुर के मंसूबों का खुलासा
Topics: Muslim mob attacks policeJama Masjid survey violenceसंभल बवालSambhal violence newsसंभल शाही जामा मस्जिदMob violence against policeसंभल मस्जिद सर्वेSambhal riotमुस्लिम भीड़ द्वारा हमलाSambhal Shahi Jama Masjidपुलिस पर पत्थरबाजीSambhal Masjid surveyमस्जिद सर्वे विवादअवैध मस्जिद मदरसा अतिक्रमणयति नरसिंहानंद पर हमलासंभल हिंसा अपडेट
Share1TweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

भारत में अपनी ही जमीन पर शरणार्थी बनने का दर्द

संभल हिंसा

संभल हिंसा में फायरिंग करने वाला शाजिब गिरफ्तार, पिस्तौल के साथ दबोचा गया

supreme court

संभल मस्जिद सर्वे विवाद : सुप्रीम कोर्ट के आदेश से बढ़ी हिन्दू पक्ष की उम्मीदें

Sambhal Violence

Sambhal Violence: पुलिस वालों के हथियार छीन लो, आग लगाकर मार डालो, भीड़ में से चिल्ला रहे थे कट्टरपंथी, FIR में खुलासा

Sambhal Masjid Survey Dispute : आगजनी और फायरिंग में अब तक तीन की मौत, कई पुलिसकर्मी घायल

संभल जामा मस्जिद विवाद : पथराव उपद्रव की घटना का सीएम योगी ने लिया संज्ञान, दिए सख्त कार्रवाई करने के निर्देश

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

मतदाता सूची पुनरीक्षण :  पारदर्शी पहचान का विधान

दिल्ली-एनसीआर में 3.7 तीव्रता का भूकंप, झज्जर था केंद्र

उत्तराखंड : डीजीपी सेठ ने गंगा पूजन कर की निर्विघ्न कांवड़ यात्रा की कामना, ‘ऑपरेशन कालनेमि’ के लिए दिए निर्देश

काशी में सावन माह की भव्य शुरुआत : मंगला आरती के हुए बाबा विश्वनाथ के दर्शन, पुष्प वर्षा से हुआ श्रद्धालुओं का स्वागत

वाराणसी में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय पर FIR, सड़क जाम के आरोप में 10 नामजद और 50 अज्ञात पर मुकदमा दर्ज

Udaipur Files की रोक पर बोला कन्हैयालाल का बेटा- ‘3 साल से नहीं मिला न्याय, 3 दिन में फिल्म पर लग गई रोक’

कन्वर्जन की जड़ें गहरी, साजिश बड़ी : ये है छांगुर जलालुद्दीन का काला सच, पाञ्चजन्य ने 2022 में ही कर दिया था खुलासा

मतदाता सूची मामला: कुछ संगठन और याचिकाकर्ता कर रहे हैं भ्रमित और लोकतंत्र की जड़ों को खोखला

लव जिहाद : राजू नहीं था, निकला वसीम, सऊदी से बलरामपुर तक की कहानी

सऊदी में छांगुर ने खेला कन्वर्जन का खेल, बनवा दिया गंदा वीडियो : खुलासा करने पर हिन्दू युवती को दी जा रहीं धमकियां

स्वामी दीपांकर

भिक्षा यात्रा 1 करोड़ हिंदुओं को कर चुकी है एकजुट, अब कांवड़ यात्रा में लेंगे जातियों में न बंटने का संकल्प

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies