मुहम्मद यूनुस की अगुवाई वाली बांग्लादेश की मुस्लिम कट्टरपंथी सरकार में हिन्दुओं और सनातन धर्म के प्रतीक मंदिरों पर लगातार हमले किए जा रहे हैं। पीड़त लगातार आरोप लगा रहे हैं कि अल्पसंख्यकों के खिलाफ होने वाले अत्याचार को सत्ताधारी पार्टी, पुलिस और सेना का मूक समर्थन मिला हुआ है, जिस कारण से मुस्लिम कट्टरपंथियों की हिम्मत बढ़ी हुई है। वे बेखौफ होकर मंदिरों को निशाना बना रहे हैं। ऐसी ही एक और घटना देश के उत्तर मगुरा से प्रकाश में आई है, जहां मुस्लिम कट्टरपंथियों ने काली मंदिर पर हमला कर दिया।
एक्स हैंडल वॉयस ऑफ बांग्लादेश ने इसका वीडियो शेयर किया है। इसके साथ ही वो लिखता है, “बांग्लादेश के उत्तर मगुरा स्थित काली मंदिर में एक मुस्लिम युवक ने काली मंदिर पर हमला कर दिया। इसके बाद दुर्गापुर, कुश्तिया में आक्रोश फैल गया है। स्थानीय हिन्दुओं ने उसे पकड़कर पटकाबारी पुलिस स्टेशन को सौंप दिया है। हिन्दू समुदाय न्याय की मांग करता है।”
वारयल हो रहे वीडियो में स्पष्ट तौर पर देखा जा सकता है कि एक मुस्लिम युवक पहले तो मंदिर में घुसने की कोशिश करता है, लेकिन मंदिर के स्टील के दरवाजे अंदर से बंद कर दिए जाते हैं। इसके बाद वह बड़ा सा डंडा लेकर उसकी सहायता से मंदिर में लगाई गई स्टील की सलाखों के बीच से वहां तोड़फोड़ करने की कोशिश करता है। इस घटना पर लोगों ने सोशल मीडिया के जरिए अपना गुस्सा जाहिर किया।
इसी क्रम में द ट्रुथ टेलर नाम के यूजर ने बांग्लादेश पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहा कि ये तो पुलिस की हिरासत में पूरी तरह से सुरक्षित रहेगा।
ट्रुथ 567 नाम का यूजर नीदरलैंड में बांग्लादेशी मुस्लिमों की हरकतों का जिक्र करता है औऱ कहता है कि बांग्लादेशी मुस्लिम नीदरलैंड में हिन्दुओं और यहूदियों को मार रहे हैं। इनके खिलाफ एक्शन लें।
गौरतलब है कि इसी तरह की एक अन्य घटना बीते 11 नवंबर को हुई थी। जब राजबारी जिले के बलियाकांडी मुस्लिम कट्टरपंथी हुमांयू ने मंदिर में घुसकर मूर्तियों को तोड़ दिया। बलियाकांडी उपजिले के अंतर्गत आने वाले चामता गांव में प्राचीन हिन्दू मंदिर है, जहां पर घुसकर हुमायूं नाम के इस्लामिस्ट ने मूर्ति को तोड़ दिया था। हालांकि, बाद में स्थानीय हिन्दुओं ने उसे पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया।
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