नई दिल्ली । केरल की सबरीमाला, जिसे दक्षिण की अयोध्या कहा जाता है, एक बार फिर विवादों के केंद्र में है। भगवान अय्यप्पा के भक्तों द्वारा 41 दिवसीय कठिन व्रत और यात्रा के दौरान वावर की मस्जिद में पूजा कराने को लेकर राज्य सरकार पर गंभीर आरोप लगाए जा रहे हैं। विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने इसे हिंदू धर्म और परंपराओं का अपमान बताते हुए राज्य की कम्युनिस्ट सरकार पर तीखा हमला बोला है।
वावर मस्जिद में पूजा : एक षड्यंत्र.?
विहिप का आरोप है कि भगवान अय्यप्पा के भक्तों को वावर की कथित मस्जिद में अर्चना करने के लिए बाध्य किया जा रहा है। विहिप का कहना है कि वावर को भगवान अय्यप्पा का “मित्र” बताने की कहानी एक गढ़ा हुआ षड्यंत्र है, जिसका उद्देश्य हिंदू परंपराओं को कमजोर करना और जिहादी मानसिकता को बढ़ावा देना है।
बंसल ने कहा- “वावर की मस्जिद में भोले भाले हिंदू श्रद्धालुओं से अर्चना करवाना हमारी धार्मिक मान्यताओं और परम्पराओं के अपमान और जिहादियों के गुप्त सम्मान के गहरे षड्यंत्र का द्योतक है। 41 दिवसीय कठोर व्रत का निष्ठा और विश्वास के साथ पालन करने वाले भगवान् अय्यप्पा के भक्तों का वावर से क्या संबंध? राज्य सरकार और उससे जुड़े कुछ हिंदू द्रोही स्वार्थी तत्व गत कुछ वर्षों से वावर की कथित मस्जिद के माध्यम से ना सिर्फ हिंदू समाज से पैसा और श्रद्धा की लूट कर रहे हैं अपितु, लगता है कि भविष्य में हिंदुओं की अयोध्या में बाबरी ढांचा बनाने की फिराक में भी हैं, जो हिंदू समाज अच्छी तरह समझ रहा है। वावर को भगवान अय्यप्पा का फास्ट फ्रेंड बताने की मुसलमीन गैंग द्वारा गढ़ी गईं मनगढ़ंत कहानियों पर अब पूर्ण विराम लगाना होगा”
प्रसाद के नाम पर वसूली
विनोद बंसल ने राज्य सरकार पर आरोप लगाया कि वह श्रद्धालुओं से तिलक लगाने और प्रसाद के लिए भारी रकम वसूल रही है, जबकि भगवान को अर्पण का कोई प्रावधान नहीं है। उन्होंने कहा कि यह सरेआम श्रद्धालुओं की भावनाओं और विश्वास के साथ धोखाधड़ी है। विनोद बंसल ने कहा- ‘राज्य सरकार का देवस्वम बोर्ड भगवान् को अर्पित किए बिना भी भक्तों से प्रसाद के नाम पर भरी रकम ऐंठ कर अपनी तिजोरी भर रहा है। जो कि एक सरेआम धोखेबाजी और श्रद्धा व विश्वास के साथ आघात है। सरकार तिलक लगाने के भी श्रद्धालुओं से 10 रु वसूलती है। कोई कुल पुरोहित पूजा कराना चाहे तो उसको अनुमति नहीं है’
सुविधाओं की कमी और श्रद्धालुओं का दमन
सबरीमाला तीर्थ यात्रा के दौरान भक्तों को कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। यात्रा मार्ग पर न तो साफ पानी की व्यवस्था है, न ही भोजन और शौचालय जैसी बुनियादी सुविधाएं। हलाल भोजन और मुस्लिम होटलों में भोजन के लिए भक्तों को मजबूर किया जा रहा है। विनोद बंसल ने राज्य सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा- “सरकार की उदासीनता के चलते मार्ग में अनेक असुविधाओं का सामना करना पड़ रहा है। तीन दिन पूर्व ही 16 नवंबर से प्रारंभ हुई मण्डल पूजा मार्ग में ना पीने को जल है ना मार्ग में भोजन, ना शौचालय है ना यूरीनल, ना वाहन व्यवस्था ना चिकित्सा सुविधा। यदि है तो गंदगी का अंबार, हलाल का खाना और जिहादियों के होटल में भोजन की मजबूरी। सुविधा की मांग हेतु समाज यदि खड़ा भी होता है तो उसका दमन कर झूठे केस लगाते हैं। ऊपर से मुख्यमंत्री कहते हैं कि यदि सुविधाएं कम हैं तो श्रद्धालुओं की संख्या सीमित करो”
इंडी गठबंधन की चुप्पी और दक्षिण भारत के प्रति उदासीनता का आरोप
विहिप के प्रवक्ता ने इस मामले में इंडी गठबंधन की चुप्पी पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि हिंदुओं के इस पवित्र तीर्थ को समाप्त करने के कम्युजिहादी षड्यंत्रों पर सम्पूर्ण इंडी गठबंधन की चुप्पी उसके हिंदू द्रोही चरित्र को तो पुनः उजागर करती ही है, साथ ही दक्षिण भारत के प्रति उनकी उदासीनता को भी दर्शाती है। राज्य सरकार को जागना होगा अन्यथा हिंदू समाज इसे और बर्दाश्त नहीं करेगा।
क्या कहता है इतिहास.?
सबरीमाला हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण तीर्थस्थल है, जहां हर साल लाखों श्रद्धालु भगवान अय्यप्पा के दर्शन के लिए आते हैं। 41 दिनों के कठिन व्रत और निष्ठा से की गई इस यात्रा का धार्मिक महत्व अतुलनीय है। ऐसे में, वावर मस्जिद के माध्यम से श्रद्धालुओं की आस्था को भटकाने और जबरन पूजन कराने का आरोप हिंदू समाज के लिए अस्वीकार्य है। केरल सरकार को सबरीमाला के श्रद्धालुओं की सुविधाओं और उनकी धार्मिक आस्थाओं का सम्मान करना होगा। विहिप ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार इन मुद्दों पर ध्यान नहीं देती, तो हिंदू समाज इसके खिलाफ खड़ा होगा।
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