जहां मिल जाए इंटरनेट, वहीं से हो जाए ड्रॉपशिपिंग
May 14, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत

जहां मिल जाए इंटरनेट, वहीं से हो जाए ड्रॉपशिपिंग

ड्रॉपशिपिंग में प्रारंभिक लागत बहुत कम होती है। आपको केवल एक वेबसाइट सेटअप करनी होती है और उसे प्रचारित करना होता है। ड्रॉपशिपिंग में सप्लायर सीधे ग्राहक के पास उत्पाद भेजता है

by बालेन्दु शर्मा दाधीच
Nov 21, 2024, 03:15 pm IST
in भारत, विज्ञान और तकनीक
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

ड्रॉपशिपिंग व्यवसाय ने भारत में पिछले कुछ वर्षों में तेजी से लोकप्रियता हासिल की है। दिल्ली और मुंबई जैसे बड़े शहरों की तो बात ही छोड़ दीजिए, राज्यों की राजधानियों, छोटे शहरों और गांवों तक से चतुर लोग इंटरनेट कनेक्टिविटी और ऑनलाइन प्लेटफॉर्मोें का लाभ उठाकर यह काम कर रहे हैं। ड्रॉपशिपिंग नए जमाने का, वर्चुअल माध्यमों पर आधारित स्मार्ट कारोबार है और पूरी तरह से वैध है।

अगर आप इसकी तुलना पारंपरिक व्यापार से करेंगे तो पाएंगे कि दोनों तरह के कारोबार की अपनी-अपनी विशेषताएं और चुनौतियां हैं। दोनों के अपने-अपने लाभ भी हैं। ड्रॉपशिपिंग की सबसे खास बात यह है कि आप घर बैठे थोड़ा समय लगाकर भी यह कारोबार कर सकते हैं। यह उन लोगों के लिए भी अनुकूल है जो किसी अन्य काम में अपना अधिकांश समय देते हैं या कहीं और नौकरी करते हैं, लेकिन अपने खाली समय का प्रयोग अतिरिक्त आय अर्जित करने के लिए करना चाहते हैं। आइए, पारंपरिक दुकानों और ड्रॉपशिपिंग के बीच का कुछ अंतर समझते हैं।

पारंपरिक खुदरा दुकानों या रिटेल स्टोर में उत्पाद खरीदने (इन्वेंट्री) और उन्हें भंडार में रखने की जरूरत होती है। यह प्रक्रिया बहुत महंगी हो सकती है और कई बार व्यापारियों का बहुत सारा माल बिना बिके रह जाता है। दूसरी तरफ, ड्रॉपशिपिंग में कोई इन्वेंट्री रखने की जरूरत नहीं होती। आप सीधे सप्लायर से उत्पाद खरीदते हैं और ग्राहक के पास भेजते हैं। आपको स्टॉक के लिए पैसे खर्च करने की जरूरत ही नहीं पड़ती।

पारंपरिक रिटेल स्टोर में शुरुआती लागत बहुत अधिक होती है। आपको इन्वेंट्री खरीदनी होती है, दुकान का खर्च उठाना होता है और कर्मचारियों, बिजली, रखरखाव आदि कई अन्य खर्च भी होते हैं। जबकि ड्रॉपशिपिंग में प्रारंभिक लागत बहुत कम होती है। आपको केवल एक वेबसाइट सेटअप करनी होती है और उसे प्रचारित करना होता है। इसी तरह, पारंपरिक रिटेल में आपको माल की सप्लाई और ढुलाई की व्यवस्था करनी पड़ सकती है। इसमें आपका समय और संसाधन लगेंगे।

उधर ड्रॉपशिपिंग में सप्लायर सीधे ग्राहक के पास उत्पाद भेजता है- इस प्रक्रिया में आपकी भूमिका बहुत सीमित होती है। पारंपरिक रिटेल के लिए आपको किसी एक स्थान पर टिककर काम करना होगा जहां आप दुकान लेंगे और कारोबार चलाएंगे। ड्रॉपशिपिंग का काम तो आप कहीं से भी और किसी भी समय कर सकते हैं—एक शहर से दूसरे शहर, घर से, यात्रा करते समय, या यहां तक कि किसी कैफे से भी।

इतना लचीलापन बहुत कम व्यवसायों में देखने को मिलेगा। और भी कई अंतर हैं। उदाहरण के तौर पर, पारंपरिक कारोबार में आपके पास उत्पादों की कितनी रेंज या वैरायटी (विविधता) है, यह इस बात पर निर्भर करता है कि आपके सप्लायर कौन-से हैं। लेकिन ड्रॉपशिपिंग में आपके पास उपलब्ध उत्पादों की बहुत व्यापक रेंज हो सकती है क्योंकि आप किसी एक शहर, क्षेत्र, राज्य आदि के सप्लायरों तक सीमित नहीं हैं। आप किसी एक तरह के कारोबार तक सीमित रहें, यह भी जरूरी नहीं। अनेक श्रेणियों के उत्पाद भी बेच सकते हैं जिनका एक-दूसरे के साथ कोई संबंध न हो लेकिन वे अच्छा मुनाफा देते हों।

पारंपरिक रिटेल में बिना बिके बच जाने वाले सामान, आग-पानी-दीमक आदि का नुकसान, माल खराब हो जाने, पुराना पड़ जाने, चोरी हो जाने आदि का भी जोखिम होता है और माल की दरों में आने वाले बदलावों का भी। लेकिन ड्रॉपशिपिंग में, आपके पास इनमें से अधिकांश जोखिम नहीं होते। हां, माल की दरों में बदलाव आ जाए तो वह अलग बात है।
(लेखक माइक्रोसॉफ्ट एशिया में वरिष्ठ अधिकारी हैं)

 

Topics: इंटरनेट कनेक्टिविटी और ऑनलाइन प्लेटफॉर्मDropshippingretail outlets or retail storesinternet connectivity and online platformsड्रॉपशिपिंगखुदरा दुकानों या रिटेल स्टोर
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

No Content Available

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

माइक्रोसॉफ्ट कंपनी में छंटनी

माइक्रोसॉफ्ट में छंटनी, 6000 कर्मचारी होंगे प्रभावित, नौकरी का संकट, क्या AI बना वजह

सबक लें, ’डंप’ से बचें

Israel Hamas War Benjamin Netanyahu

नेतन्याहू का ऐलान: जब तक हमास का अंत नहीं होता, गाजा में युद्ध नहीं रोकेगा इजरायल

पाकिस्तान उच्चायोग का एक अधिकारी भारत से निष्कासित, ‘पर्सोना नॉन ग्राटा’ घोषित, भारतीय सेना की जानकारी लीक करने का आरोप

मप्र-महाराष्‍ट्र सरकार की पहल : देश को मिलेगा 5 ज्योतिर्लिंगों का सर्किट, श्रद्धालु एक साथ कर पाएंगे सभी जगह दर्शन

भाजपा

असम पंचायत चुनाव में भाजपा की सुनामी में बहे विपक्षी दल

Muslim Women forced By Maulana to give tripple talaq

उत्तराखंड : मुस्लिम महिलाओं को हज कमेटी में पहली बार मिला प्रतिनिधित्त्व, सीएम ने बताया- महिला सशक्तिकरण का कदम

वाराणसी में संदिग्ध रोहिंग्या : बांग्लादेशियों सत्यापन के लिए बंगाल जाएंगी जांच टीमें

राहुल गांधी

भगवान राम पर विवादित टिप्पणी, राहुल गांधी के खिलाफ MP–MLA कोर्ट में परिवाद दाखिल

बांग्लादेश में आवामी लीग पर प्रतिबंध, भारत ने जताई चिंता

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies