कर्नाटक में वक्फ बोर्ड की मनमानियां लगातार जारी हैं। लेकिन, अब उसके खिलाफ वकील भी उतर गए हैं। इसी क्रम में मैसूर बार एसोसिएशन के सदस्यों ने केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तावित वक्फ संशोधन बिल-2024 के समर्थन में रैली निकाली और वक्फ बोर्ड की मनमानियों के खिलाफ नारेबाजी की।
जिस प्रकार से वक्फ बोर्ड ने राज्य में किसानों की जमीनों पर अपना दावा ठोंका है, उसके खिलाफ भी प्रदर्शन किया गया। वक्फ बिल के समर्थन में ये रैली मैसूर बार एसोसिएशन के अध्यक्ष एस लोकेश के नेतृत्व में निकाली गई। लोगों ने आवाज बुलंद की कि केंद्र सरकार किसी भी पार्टी या पक्ष के दबाव को दरकिनार कर वक्फ संशोधन अधिनियम के साथ आगे बढ़े, क्योंकि मौजूदा वक्फ कानून राष्ट्रीय हितों के लिए सही नहीं है।
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बार एसोसिएशन के प्रदर्शन में शामिल पूर्व सांसद प्रताप सिंह ने आरोप लगाया कि मैसूर और चामराजनगर जिले की 600 एकड़ जमीन को वक्फ बोर्ड के रूप से अधिसूचित कर लिया गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की तुष्टिकरण की नीतियों के कारण सरकारी जमीनों पर भी वक्फ बोर्ड कब्जा कर रहा है। पूर्व सांसद कहते हैं 1965 की गजट अधिसूचना जारी होने के बाद भी वक्फ बोर्ड अपने मंसूबों में अब तक कामयाब नहीं हो पाया था, लेकिन सिद्धारमैया के सीएम बनने के बाद उसने जमीनों पर दावे करने शुरू कर दिए हैं।
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गौरतलब है कि वक्फ बोर्ड की मनमानियों को कुछ इस तरह से समझा जा सकता है कि वक्फ बोर्ड ने हाल के दिनों में विजयपुर जिले के किसानों की 1500 एकड़ जमीन, बीदर किले के 17 संपत्तियों, गडग जिले में किसान की जमीन और कोडागू व बेंगलुरू में कई संपत्तियों पर वक्फ बोर्ड दावा कर चुका है। हाल ही में एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ था कि केवल विजयपुर जिले में ही वक्फ बोर्ड ने 14,200 एकड़ जमीन पर कब्जा कर रखा है।
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