लोकमंथन 2024 : 21 से भाग्यनगर में होगा भारतीय संस्कृति का भव्य उत्सव, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु करेंगी उद्घाटन
July 10, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत

लोकमंथन 2024 : 21 से भाग्यनगर में होगा भारतीय संस्कृति का भव्य उत्सव, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु करेंगी उद्घाटन

लोकमंथन एक द्विवार्षिक राष्ट्रीय सम्मेलन है, जहां कलाकार, विद्वान, और चिंतक एकत्र होते हैं। वे समाज में प्रचलित मुद्दों पर चर्चा कर नए विचारों और समाधानों का निर्माण करते हैं।

by SHIVAM DIXIT
Nov 19, 2024, 05:16 pm IST
in भारत, तेलंगाना
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

भारतीय संस्कृति की विविधता और एकता को समर्पित लोकमंथन 2024 का आयोजन 21 से 24 नवंबर तक भाग्यनगर (हैदराबाद) में किया जाएगा। यह अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन और सांस्कृतिक महोत्सव भारत की सांस्कृतिक विरासत, परंपराओं और प्राचीन ज्ञान का उत्सव है। कार्यक्रम का आयोजन प्रज्ञा प्रवाह (नई दिल्ली) और प्रज्ञा भारती (तेलंगाना) द्वारा किया जा रहा है।

लोकमंथन-2024 का थीम ‘लोक अवलोकन, लोक विचार, लोक व्यवहार और लोक व्यवस्था’ है। इसका विधिवत उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु 22 नवंबर को शिल्प कलावेदिका में करेंगी। पूर्व उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू इससे पूर्व 21 नवंबर को शिल्प कलावेदिका में प्रदर्शनी और सांस्कृतिक महोत्सव का उद्घाटन करेंगे।

कार्यक्रम के आयोजन को लेकर दिल्ली के कांस्टीट्यूशन क्लब में आज केंद्रीय मंत्री एवं लोकमंथन 2024 की स्वागत समिति के अध्यक्ष जी. किशन रेड्डी और प्रज्ञा प्रवाह के संयोजक जे. नंदकुमार ने पत्रकार वार्ता के दौरान इसकी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि लोकमंथन राष्ट्रवादी विचारकों और कार्यकर्ताओं की द्विवार्षिक राष्ट्रीय संगोष्ठी है। यह एक ऐसा मंच है, जहां देश के विभिन्न भागों से कलाकार, बुद्धिजीवी और शिक्षाविद एकत्रित होते हैं और समाज में व्याप्त प्रश्नों पर विचार-विमर्श करते हैं, जिसका उद्देश्य आख्यानों को नया स्वरूप देना और राष्ट्र को अपनी सभ्यतागत भूमिका निभाने के लिए तैयार करना है।

लोकमंथन : भारत के गौरवशाली अतीत से जुड़ने का एक मंच

लोकमंथन एक द्विवार्षिक राष्ट्रीय सम्मेलन है, जहां कलाकार, विद्वान, और चिंतक एकत्र होते हैं। वे समाज में प्रचलित मुद्दों पर चर्चा कर नए विचारों और समाधानों का निर्माण करते हैं। इस बार की थीम ‘लोक अवलोकन’ है, जो तीन मुख्य पहलुओं पर केंद्रित होगी-

  • लोक विचार : प्रकृति के साथ संतुलन बनाते हुए भारत के विचारों और चिंतन की पड़ताल।
  • लोक व्यवहार : समय और परिस्थितियों के अनुसार विकसित परंपराओं और व्यवहार।
  • लोक व्यवस्था : विविध समुदायों की प्रगति, सुरक्षा और विकास के लिए स्थापित प्रणालियाँ।

    लोकमंथन 2024 के मुख्य आकर्षण

उद्घाटन और प्रदर्शनी की शुरुआत 

  • उद्घाटन समारोह : भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू 22 नवंबर को सुबह 9:30 बजे शिल्प कला वेदिका में कार्यक्रम का उद्घाटन करेंगी।
  • प्रदर्शनी और सांस्कृतिक महोत्सव का शुभारंभ : पूर्व उपराष्ट्रपति श्री वेंकैया नायडू 21 नवंबर को सुबह 10:00 बजे करेंगे।
    प्रमुख कार्यक्रम और प्रदर्शनियां

प्रमुख कार्यक्रम और प्रदर्शनियां

सम्मेलन और सांस्कृतिक प्रदर्शन : 2500 से अधिक राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रतिनिधियों की भागीदारी।

दैनिक आगंतुक : 1 लाख से अधिक दर्शकों की अपेक्षा।

प्रदर्शनियां और कला :
100+ भारतीय पारंपरिक कला रूप।
400+ दुर्लभ पारंपरिक वाद्य यंत्र।

राज्य सरकारों के मंडप :

छत्तीसगढ़, गुजरात, मध्य प्रदेश, राजस्थान, त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और तेलंगाना।

विशेष प्रदर्शनियां :
वानवासी संस्कृति पर फोटो प्रदर्शनी।
वानवासी स्वतंत्रता सेनानियों पर प्रदर्शनी।

तेलंगाना की कला और सांस्कृतिक विरासत

लोकमंथन 2024 में तेलंगाना की समृद्ध सांस्कृतिक परंपरा को प्रमुखता दी जाएगी। प्रदर्शित कलाओं में दोकड़ा धातु शिल्प, कोंडापल्ली के खिलौने, निरमल पेंटिंग्स, कला मक्खनकारी वस्त्र, और कुम्हारकला शामिल हैं। तेलंगाना के पारंपरिक नृत्य, नाटक, और संगीत जैसे पेरिनी, ओग्गु कथा, और तोलु बोम्मलता का प्रदर्शन भी होगा।

लोकमंथन 2024 का महत्व

‘लोक’ और ‘वनवासी’ के बीच सही अर्थ की पहचान

ब्रिटिश औपनिवेशिक काल के दौरान ‘आदिवासी’ और ‘ग्रामवासी’ जैसे शब्दों का उपयोग भारत को विभाजित करने के लिए किया गया। इसके विपरीत, लोकमंथन का उद्देश्य इन कृत्रिम विभाजनों को समाप्त करना है और भारत की वास्तविक एकता को उजागर करना है।

भारत के गुरुकुल, जो वन और ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित थे, प्राचीन काल में वैज्ञानिक, दार्शनिक, और व्यावसायिक ज्ञान के प्रमुख केंद्र थे। यही परंपराएँ आज भी ग्रामीण और वनवासी क्षेत्रों में जीवित हैं। लोकमंथन 2024 का उद्देश्य इन प्राचीन परंपराओं को पुनर्जीवित करना और उन्हें आधुनिक भारत के साथ जोड़ना है।

लोकमंथन के आयोजको और समर्थक 

इस अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के चौथे संस्करण का आयोजन प्रज्ञा प्रवाह, नई दिल्ली और प्रज्ञा भारती, तेलंगाना द्वारा देश भर में उनके सहयोगी संगठनों के साथ मिलकर किया जा रहा है। इसमें इतिहास संकलन समिति, संस्कार भारती, विज्ञान भारती, अधिवक्ता परिषद, अखिल भारतीय साहित्य परिषद और भारतीय शिक्षण मंडल शामिल हैं।

समिति में शामिल प्रमुख नाम

केंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री जी किशन रेड्डी लोकमंथन 2024 की स्वागत समिति के अध्यक्ष हैं, जिसमें तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के 120 से अधिक लोग शामिल हैं। इस स्वागत समिति के प्रतिष्ठित सदस्यों में पद्मश्री पुरस्कार विजेता, लोक कलाकार, तेलुगु विद्वान, शिक्षाविद्, उद्यमी, लोक प्रशासक और कला पारखी शामिल हैं।

सांस्कृतिक पुनर्जागरण की दिशा में एक कदम “लोकमंथन”

मुख्य कार्यक्रम शिल्प कला वेदिका में आयोजित किया जाएगा। वहीं शिल्परमम में एक प्रदर्शनी और सांस्कृतिक उत्सव का आयोजन किया जा रहा है। लोकमंथन के पिछले संस्करण भोपाल, रांची और गुवाहाटी में आयोजित किए गए थे, जिसमें उपनिवेशवाद और लोक परंपरा जैसे विषयों पर ध्यान केंद्रित किया गया था।  लोकमंथन 2024 का उद्देश्य भारतीय संस्कृति, परंपराओं, और विरासत को वैश्विक मंच पर प्रस्तुत करना है। यह कार्यक्रम भारतीय युवाओं को अपनी सांस्कृतिक जड़ों से जुड़ने का अवसर प्रदान करता है। यह भारत की सांस्कृतिक विविधता को एकजुटता में बदलने का प्रयास है।

Topics: वानवासी स्वतंत्रता सेनानी प्रदर्शनीशिल्प कला वेदिका कार्यक्रमLokmanthan 2024 HyderabadIndian Cultural Festivalलोकमंथन 2024President Murmu Lokmanthanहैदराबाद सांस्कृतिक महोत्सवShilpa Kala Vedika Eventभारतीय परंपराओं का महाकुंभTribal Freedom Fighters Exhibitionद्रौपदी मुर्मू लोकमंथनPragna Pravah National Conferenceभारतीय सांस्कृतिक विरासतLokmanthan 2024 Scheduleलोक विचार सम्मेलनIndian Folk Art Revivalप्रज्ञा प्रवाह कार्यक्रमRural Bharat Culture Celebration
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

लोकमंथन 2024 के उद्घाटन सत्र में (बाएं से दाएं) प्रज्ञा प्रवाह के राष्ट्रीय संयोजक जे नंदकुमार, तेलंगाना के राज्यपाल विष्णुदेव वर्मा व मंत्री सीतक्का, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, केंद्रीय मंत्री, जी किशन रेड्डी, रा.स्व.संघ के सरसंघचालक श्री मोहनराव भागवत और डॉ. टी हनुमान चौधरी

लोकमंथन 2024 : लोक चिंतन की धारा

द्रौपदी मुर्मु, राष्ट्रपति

लोकमंथन जैसे कार्यक्रमों से देश की संस्कृति व परंपराएं होंगी सुदृढ़ : राष्ट्रपति मुर्मु

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

जगदीप धनखड़, उपराष्ट्रपति

इस्लामिक आक्रमण और ब्रिटिश उपनिवेशवाद ने भारतीय शिक्षा व्यवस्था को नुकसान पहुंचाया : उपराष्ट्रपति धनखड़

Uttarakhand Illegal Madarsa

बिना पंजीकरण के नहीं चलेंगे मदरसे : उत्तराखंड हाईकोर्ट ने दिए निर्देश

देहरादून : भारतीय सेना ने अग्निवीर ऑनलाइन भर्ती परीक्षा सम्पन्न

इस्लाम ने हिन्दू छात्रा को बेरहमी से पीटा : गला दबाया और जमीन पर कई बार पटका, फिर वीडियो बनवाकर किया वायरल

“45 साल के मुस्लिम युवक ने 6 वर्ष की बच्ची से किया तीसरा निकाह” : अफगानिस्तान में तालिबानी हुकूमत के खिलाफ आक्रोश

Hindu Attacked in Bangladesh: बीएनपी के हथियारबंद गुंडों ने तोड़ा मंदिर, हिंदुओं को दी देश छोड़ने की धमकी

श्रीहरि सुकेश

कनाडा विमान हादसा: भारतीय छात्र पायलट की हवाई दुर्घटना में मौत

बुमराह और आर्चर

भारत-इंग्लैंड टेस्ट सीरीज: लॉर्ड्स में चरम पर होगा रोमांच

मौलाना छांगुर ने कराया 1500 से अधिक हिंदू महिलाओं का कन्वर्जन, बढ़ा रहा था मुस्लिम आबादी

Uttarakhand weather

उत्तराखंड में भारी बारिश का अलर्ट: 10 से 14 जुलाई तक मूसलाधार वर्षा की चेतावनी

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies