सब जग तारण नानक आए
July 9, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत

सब जग तारण नानक आए

कहते हैं कि इस राष्ट्र को ‘हिंदुस्थान’ नाम भी गुरु नानक जी ने ही दिया था। बात उस समय की है जब बाबर ने भारत पर आक्रमण किया था। तब नानकदेव जी ने बाबर को आक्रांता के तौर पर इंगित करते हुए इस धरती को ‘हिंदुस्थान’ कहकर संबोधित किया था।

by हितेश शंकर
Nov 15, 2024, 08:51 am IST
in भारत, दिल्ली
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail
महान विभूतियों का आगमन ही आम मनुष्य का जीवन आसान बनाने के लिए होता है, यह नि:संदेह जीवन यात्रा के दौरान आ गई विसंगतियों और जटिलताओं को दूर करने के लिए होता है। वे जीवन को गूढ़ सिद्धांतों की सिर घुमाने वाली गलियों से निकालकर सपाट रास्ते पर लाते हैं। वह एक साथ बहुत सारी चीजों के बारे में बताते चलते हैं। नानकजी ने जितनी यात्राएं कीं, उतनी कम ही लोगों ने की होंगी। घूम-घूमकर छोटी-छोटी सूक्तियां थमाकर लोगों के जीवन को बदलते जाने जैसी क्रांति की मशाल उठाए चलते हैं वे।

बुद्धि को विवेकपूर्ण, चित्त को स्थिर, व्यक्ति को सत्य और कर्तव्य-आग्रही, समाज को सहबद्ध और राष्ट्र को शौर्य, स्वाभिमान से युक्त करने वाला दर्शन गुरु नानकदेव जी का दर्शन है। उनके दर्शन में सात्विक सोच और कर्तव्यनिष्ठ कर्म का सामंजस्य है तो सबके साथ समरस होने का का सन्मार्ग भी है। वह सत्य के लिए लड़ता है, अवगुणों के खिलाफ अड़ता है तो जीवमात्र की सेवा के लिए झुकता भी है। वस्तुत: उनका दर्शन सनातन है, इस भारत भूमि की मिट्टी में पोषित-पल्लवित संस्कृति को प्राणवायु की तरह सहेजते हुए, समाज के आचार-विचार में आई रुग्णता को दूर करते हुए, आडंबरों को मिटाने का उद्घोष करते हुए सबको साथ लेकर चलने वाला दर्शन। इसीलिए सदैव प्रासंगिक और अपरिहार्य।

कहते हैं कि इस राष्ट्र को ‘हिंदुस्थान’ नाम भी गुरु नानक जी ने ही दिया था। बात उस समय की है जब बाबर ने भारत पर आक्रमण किया था। तब नानकदेव जी ने बाबर को आक्रांता के तौर पर इंगित करते हुए इस धरती को ‘हिंदुस्थान’ कहकर संबोधित किया था।

खुरासान खसमाना कीआ, हिंदुसतानु डराईआ।
आपै दोसु न देई करता जमु करि मुगलु चडाइआ।

यह है गुरु नानकदेव और हिंदुस्थान का परस्पर ताना-बाना।  खांचों-कुनबों से निकलकर राष्ट्र के स्वाभिमान की ओर उन्मुख होने की प्रेरणा नानक देते हैं। मातृभूमि पर शिकंजा कसते विदेशी आक्रांताओं के विरुद्ध वह खड़े होना सिखाते हैं, बिना किसी भय के, बिना अस्मिता को खोए। देश पर आक्रमण करने वाले बाबर को वह ‘जाबर’ कहने से भी नहीं हिचकते। पूरी प्रखरता और स्पष्टता के साथ अपनी अस्मिता के लिए आक्रांता के सम्मुख खड़े हो जाने का साहस अद्भुत है। वह समकालीन समाज को रास्ता दिखाते चलते हैं।

दरअसल, महान विभूतियों का आगमन ही आम मनुष्य का जीवन आसान बनाने के लिए होता है, यह नि:संदेह जीवन यात्रा के दौरान आ गई विसंगतियों और जटिलताओं को दूर करने के लिए होता है। वे जीवन को गूढ़ सिद्धांतों की सिर घुमाने वाली गलियों से निकालकर सपाट रास्ते पर लाते हैं। वह एक साथ बहुत सारी चीजों के बारे में बताते चलते हैं। नानकजी ने जितनी यात्राएं कीं, उतनी कम ही लोगों ने की होंगी। घूम-घूमकर छोटी-छोटी सूक्तियां थमाकर लोगों के जीवन को बदलते जाने जैसी क्रांति की मशाल उठाए चलते हैं वे।

नानक के लिए समाज में कोई छोटा-बड़ा नहीं था, कोई विशेष ग्राह्य और कोई त्याज्य नहीं था। वह आराम से सभी से संवाद करते थे। यही कारण है कि उन्होंने समाज के खांचों को तोड़कर मानव को एक स्तर पर लाने का प्रयत्न किया। मुस्लिम समुदाय से उनका विशद् संवाद रहा। सभ्यताओं के सिद्धांत के दायरे में जो बातें होती हैं, कहा जा सकता है कि उसमें सबसे ज्यादा प्रखरता के साथ संवाद गुरु नानकदेव ने ही किया। चाहे वह काबा वाली घटना हो, जहां काबा की ओर पांव करके सोने पर उन्हें टोका गया कि आखिर वे अल्लाह की ओर पैर करके कैसे सो सकते हैं। इस पर नानकदेव का उस व्यक्ति से अनुरोध करना कि उनके पैर वह उधर कर दे जिधर अल्लाह न हो और फिर उस व्यक्ति का नानक के पैर को घुमाना और हर दिशा में काबा का दिखना, अपने आप में गूढ़ दर्शन को सहज तरीके से समझाने की विधा थी।

नानकदेव की महान सूक्ति है-कीरत करो, नाम जपो और वंड छको। यानी बस अपना कर्म करो। ईश्वर का नाम जपो और सांझा करके खाओ। इससे आसान सूत्र भला क्या हो सकता है?  कर्म कैसा हो, इसकी भी उन्होंने अलग-अलग जगहों पर व्याख्या की है, जिसका मूल भाव यही है कि कर्म न्यायसंगत और तर्कसंगत हो। यह कर्म आपकी वैयक्तिक, पारिवारिक, सामाजिक, राष्ट्रीय और प्राणी मात्र के प्रति जिम्मेदारियों का निर्वहन भी है। तमाम गूढ़ नीति सिद्धांतों को निचोड़कर नानकदेव ने सेवा का मंत्र थमाया। आज भी जिस शहर में गुरुद्वारा है, यह कह सकते हैं कि अगर किसी व्यक्ति में वहां चलकर जाने की सामर्थ्य है तो वह भूखा नहीं सो सकता।

गुरु नानक जी ने जपुजी साहिब की रचना की, जिसे रवीन्द्रनाथ टैगोर ने ‘गण गीता’ कहा। इसमें जीवन जीने का सार है। इसमें अध्यात्म से लेकर जीवन व्यवहार तक सब कुछ है। यह पूरा का पूरा दर्शन है जो मनुष्य, प्रकृति और जगत निर्माता के परस्पर संबंधों को रेखांकित करता है। इसी कारण इसे दूसरी गीता भी कहा जाता है। अर्थात् नानक का दर्शन धर्म यानी धारण करने योग्य का दर्शन है, कर्म का दर्शन है। उचित-अनुचित का दर्शन है। यह मनसा, वाचा, कर्मणा के लिए सीमाएं भी खींचता है, लेकिन सब सहज स्वीकार्य तरीके से। सूत्रबद्ध जीवन मंत्रों का उनकी दर्शन पोटली समाज-देश के हर कोने के लिए है।

Topics: Guru NanakGuru Nanak Dev Jayantiगुरुनानक देवगुरु नानक देव प्रकाश पर्वगुरु नानक देव जयंतीGuru Nanak Dev Prakash Parvपाञ्चजन्य विशेषगुरु नानक देवGuru Nanak Devगुरु नानक
Share24TweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

गुरु पूर्णिमा पर विशेष : भगवा ध्वज है गुरु हमारा

यत्र -तत्र- सर्वत्र राम

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद

राष्ट्रीय विद्यार्थी दिवस: छात्र निर्माण से राष्ट्र निर्माण का ध्येय यात्री अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद

India democracy dtrong Pew research

राहुल, खरगे जैसे तमाम नेताओं को जवाब है ये ‘प्‍यू’ का शोध, भारत में मजबूत है “लोकतंत्र”

कृषि कार्य में ड्रोन का इस्तेमाल करता एक किसान

समर्थ किसान, सशक्त देश

उच्च शिक्षा : बढ़ रहा भारत का कद

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

गुरु पूर्णिमा पर विशेष : भगवा ध्वज है गुरु हमारा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नामीबिया की आधिकारिक यात्रा के दौरान राष्ट्रपति डॉ. नेटुम्बो नंदी-नदैतवाह ने सर्वोच्च नागरिक सम्मान दिया।

प्रधानमंत्री मोदी को नामीबिया का सर्वोच्च नागरिक सम्मान, 5 देशों की यात्रा में चौथा पुरस्कार

रिटायरमेंट के बाद प्राकृतिक खेती और वेद-अध्ययन करूंगा : अमित शाह

फैसल का खुलेआम कश्मीर में जिहाद में आगे रहने और खून बहाने की शेखी बघारना भारत के उस दावे को पुख्ता करता है कि कश्मीर में जिन्ना का देश जिहादी भेजकर आतंक मचाता आ रहा है

जिन्ना के देश में एक जिहादी ने ही उजागर किया उस देश का आतंकी चेहरा, कहा-‘हमने बहाया कश्मीर में खून!’

लोन वर्राटू से लाल दहशत खत्म : अब तक 1005 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण

यत्र -तत्र- सर्वत्र राम

NIA filed chargesheet PFI Sajjad

कट्टरपंथ फैलाने वालों 3 आतंकी सहयोगियों को NIA ने किया गिरफ्तार

उत्तराखंड : BKTC ने 2025-26 के लिए 1 अरब 27 करोड़ का बजट पास

लालू प्रसाद यादव

चारा घोटाला: लालू यादव को झारखंड हाईकोर्ट से बड़ा झटका, सजा बढ़ाने की सीबीआई याचिका स्वीकार

कन्वर्जन कराकर इस्लामिक संगठनों में पैठ बना रहा था ‘मौलाना छांगुर’

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies