साड़ी, समृद्धि, शक्ति और सनातन संस्कृति से लिबरल गिरोह को समस्या क्या है?
May 23, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम विश्लेषण

साड़ी, समृद्धि, शक्ति और सनातन संस्कृति से लिबरल गिरोह को समस्या क्या है?

कॉंग्रेस पोषित लेखिका हैं मृणाल पांडे। जिनकी हिंदू संस्कृति से घृणा छिपी नहीं है। उनकी प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा नेताओं से भी घृणा छिपी नहीं है। भाजपा एक राजनीतिक दल है, उससे दुराव होना स्वाभाविक है। परंतु उसके बहाने हिंदू धर्म की पूरी संस्कृति पर हमला करना नीचता है।

by सोनाली मिश्रा
Nov 11, 2024, 11:43 am IST
in विश्लेषण
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

ओलंपिक्स में तलवारबाजी एक खेल होता है और जिसमें हर देश के खिलाड़ी भाग लेते हैं। तलवार चलाना एक कौशल है जो आत्मरक्षा के लिए और खेल के रूप में दोनों ही रूप में आवश्यक है। यह एक कौशल है, जिसका विकास बचपन से ही किया जाता है। यदि नन्हीं उम्र में बच्चे तलवार पकड़ लेते हैं, तो वे उसमें सिद्ध हस्त हो सकते हैं और देश का नाम भी रोशन कर सकते हैं साथ ही अपनी रक्षा भी करते हैं।

परंतु क्या किसी अंतर्राष्ट्रीय खेल के कौशल से भी लोगों को समस्या हो सकती है और वह भी खुद को बुद्धिजीवी कहलाने वाले लोगों को? तो इसका उत्तर है हाँ! 9 नवंबर 2024 को मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने एक अपने एक्स खाते से साझा की। इस तस्वीर में एक नन्हीं बच्ची शायद झांसी की रानी लक्ष्मी बाई के रूप में आई थी या फिर और किसी स्त्री के रूप में, जिसके हाथों में तलवार थी और वह साड़ी पहने हुए थी। छोटी बच्ची है, जाहिर है कि कोई आयोजन ही किसी स्कूल में रहा होगा और जहां पर वह शिक्षा ग्रहण करती होगी।

मुख्यमंत्री मोहन यादव इस तस्वीर को कैप्शन देते हुए लिखा, “शक्ति और समृद्धि का प्रतीक बेटी!” यह तस्वीर अत्यंत गौरव से भरने वाली तस्वीर है। जिसमें प्रदेश के नेतृत्व की गोद में आने वाली स्त्री शक्ति है। वह सभ्यता, संस्कृति, समृद्धि, शक्ति और कौशल सभी को अपने में समेटे है। साड़ी भारत की पोशाक है और साड़ी ऐसा परिधान है, जो हर राज्य में लगभग अलग तरीके से पहनी जाती है, परंतु जब उसे कोई भी कन्या या स्त्री धारण करती है तो यह प्रतीक होता है कि वह भारत की आत्मा को आत्मसात किए हुए है। जब वह बिंदी और अन्य आभूषणों के साथ साड़ी धारण करती है तो वह उस समृद्धि का प्रदर्शन करती है, जो समृद्धि युगों-युगों से भारत की पहचान रही है।

जब वह तलवार के साथ साड़ी में दिखाई देती है तो वह शक्ति, समृद्धि, एवं संस्कृति तीनों का अद्भुत रूप होती है। वह यह दिखाती है कि समय आने पर वह शस्त्र धारण करने से भी नहीं चूकेगी। वह अपनी रक्षा करेगी। जब तलवार आत्मरक्षा और कौशल के रूप में उठती है तो वह देश की रक्षा और गौरव में सहायक होती है। इस भूमि पर देवी शृंगार और शस्त्र दोनों के साथ ही पूजी जाती हैं। मगर इस भूमि के हिंदू रूप से हृदय से घृणा करने वाले कथित बुद्धिजीवी लेखक शक्ति और समृद्धि को समझते नहीं हैं। वे इस सीमा तक औपनिवेशिक गुलाम हैं कि वे भारत की शक्ति को समझना ही नहीं चाहते हैं और इसी क्रम में इस प्यारी तस्वीर पर भी ऐसे लोगों ने टिप्पणी करने में कंजूसी नहीं की।

ऐसी ही एक कॉंग्रेस पोषित लेखिका हैं मृणाल पांडे। जिनकी हिंदू संस्कृति से घृणा छिपी नहीं है। उनकी प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा नेताओं से भी घृणा छिपी नहीं है। भाजपा एक राजनीतिक दल है, उससे दुराव होना स्वाभाविक है। परंतु उसके बहाने हिंदू धर्म की पूरी संस्कृति पर हमला करना नीचता है। मृणाल पांडे ने इस तस्वीर को दोबारा पोस्ट करते हुए लिखा कि “इस सुकुमार शरीर पर रेशमी साड़ी की बजाय सहज स्कूली पोशाक और हाथ में तलवार नहीं, पुस्तक होनी चाहिये ।“  और मुख्यमंत्री की इस तस्वीर पर ऐसे ही कई और लोगों के कमेन्ट में यही था कि बच्ची के हाथों में तलवार क्यों है? किताबें क्यों नहीं?

मृणाल पांडे आज से ऐसे कुतर्क नहीं कर रही हैं। वे भी लेखकों की उस जमात में से हैं, जिनके लिए वर्ष 2014 के बाद से भारत बदल गया है। जिनके लिए भारत 2014 के बाद से असहिष्णु हो गया है और इस असहिष्णु भारत में वे लगातार हिंदू धर्म और भाजपा के खिलाफ निर्बाध रूप से टिप्पणी करती जा रही हैं। हालांकि, उन्हें इसी पोस्ट पर एक व्यक्ति ने हिजाब के प्रति उनके रवैये की याद दिलाई। उन्होनें स्कूलों में हिजाब के आंदोलन का परोक्ष समर्थन करते हुए पोस्ट किया था।

एक्स पर उनके इस पोस्ट पर लोगों ने उन्हें आईना दिखाने का प्रयास किया, परंतु यही विरोध उन जैसे कथित बुद्धिजीवियों की ताकत होता है, जिसके बहाने वे दिखाते हैं कि भारत में उन्हें ट्रोल किया जाता है, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता नहीं है। लेकिन यह जमात ऐसी है, जो अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की परिभाषा में केवल और केवल हिंदू विरोध रखती है। उसके लिए हिंदुओं की आस्थाओं पर प्रश्न उठाना ही अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है। इस बच्ची के ऐसे भारतीय रूप में किसी को क्या समस्या हो सकती है? और मार्शल आर्ट एक कौशल है, जो आत्मरक्षा के लिए हर लड़की को आनी ही चाहिए। लोगों ने मुख्यमंत्री की पोस्ट पर लिखा भी कि एक तस्वीर ने पूरे लिबरल गैंग को विचलित कर दिया।

प्रश्न यह उठता है कि आखिर एक शक्ति से पूर्ण लड़की को कम्युनिस्ट लेखिकाओं को आपत्ति क्यों होती है? दरअसल उन्हें इसलिए आपत्ति होती है कि जब राजमाता जीजाबाई, झांसी की रानी लक्ष्मी बाई, मालवा की शासक अहिल्याबाई, रानी अवन्तीबाई लोधी, रानी दुर्गावती, रानी पद्मिनी, झलकारी बाई, जैसी साड़ी, शिक्षा और शस्त्र से समृद्ध स्त्रियों की कहानियाँ आम बच्चियों के जीवन का हिस्सा बन जाएंगी तो वह उस कम्युनिस्ट जहर को पीना बंद कर देंगी, जो आजादी के बाद से बच्चियों के दिमाग में ये लोग डालते आ रहे थे।

इन्हें अपनी दुकानें बंद होने का डर है, जिनकी असलियत आम जन धीरे-धीरे जान गया है। ये अपनी असली चेहरा सामने आने के कारण बौखला गए हैं।

Topics: डॉ. मोहन यादवOlympicsतलवारबाजीओलंपिक्सलिबरल्ससनातन धर्मFencingवामपंथीSanatan DharmaLeftistsLiberalsDr Mohan Yadav
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

महारानी देवी अहिल्याबाई होलकर

मानवता की रक्षा के लिए अपनाएं लोकमाता अहिल्याबाई का आदर्श

Elain Dixon Adopted Sanatan Dharma did Ghar wapsi Rajasthan

घर वापसी: ईसाई मत त्याग अपनाया सनातन धर्म, इलैन डिक्सन बनीं वैष्णवी पंत

Lord Buddha jayanti

बुद्ध जयंती विशेष: धर्मचक्रप्रवर्तन में भगवान बुद्ध ने कहा – एस धम्मो सनंतनो

प्रतीकात्मक तस्वीर

घर वापसी: इस्लाम त्यागकर अपनाया सनातन धर्म, घर वापसी कर नाम रखा “सिंदूर”

CG Ghar Wapsi Sanatan Dharama

घर वापसी: छत्तीसगढ़ के कोंडागांव में 10 ईसाइयों ने अपनाया सनातन धर्म

काशी विश्वनाथ धाम : ‘कोविलूर टू काशी’ शॉर्ट फिल्म रिलीज, 59 सेकेंड के वीडियो में दिखी 250 साल पुरानी परंपरा

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ

“पानी रोकोगे तो सांस रोक देंगे”, सिंधु जल संधि पर पाक सेना प्रवक्ता का भारत को धमकीभरा बयान

प्रतीकात्मक तस्वीर

तिब्बत सीमा के बाद अब नेपाल बॉर्डर के गांव में बनाए गए वाइब्रेंट विलेज, पीएमओ से सीधी मॉनिटरिंग

अमेरिका में इजरायली दूतावास के दो कर्मचारियों की हत्या, फिलिस्तीन जिंदाबाद के नारे, राजदूत माइक ने कहा- यह आतंकी कृत्य

राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे

पलटू पलटन

Donald trump

हार्वर्ड में अब नहीं पढ़ सकेंगे विदेशी छात्र, ट्रंप प्रशासन ने लगाई रोक, कहा- आतंकवाद समर्थकों का अड्डा बनी यूनिवर्सिटी

पाकिस्तान की अमानवीय हरकत, खतरे में डाली 227 यात्रियों की जान

Operation sindoor

भारत ने तुर्किये और चीन से साफ कहा, परस्पर संवेदनशीलता और सम्मान पर आधारित होते हैं संबंध

रुड़की : शाहरुख निकला नशे का सौदागर, छापेमारी में नशीले कैप्सूल और टैबलेट बरामद

रुड़की : अवैध कब्जा कर साइकिल स्टैंड चला रहा था सलीम खान, प्राधिकरण ने लगाई सील

एक देश, एक चुनाव पर छह माह में विस्तृत रिपोर्ट देंगे राज्य

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies