हिंदू त्योहारों के विरोध की यह प्रवृत्ति लगातार खतरनाक होती जा रही है जो कि अब तेजी से फैलती जा रही है, जिस वजह से हिंदू त्योहारों का विरोध और त्योहारों के लिए आयोजित होने वाले उत्सवों पर हमले बढ़ते जा रहे हैं। हाल के वर्षों में, राम नवमी, हनुमान जयंती और सरस्वती पूजा जैसे धार्मिक आयोजनों पर भी विरोध देखा गया है। इन विरोध प्रदर्शनों में पत्थरबाजी, आगजनी और हिंसा की घटनाएं भी शामिल रही हैं। यह बढ़ती हिंसा न केवल सड़कों तक सीमित है, बल्कि अब शैक्षणिक संस्थानों से लेकर दूर-दराज स्थित गांवों और कस्बों तक अपने पैर पसार चुकी है, जो कि चिंताजनक है।
अब आप चल रहे छठ पर्व को ही ले लीजिए, छठ पर्व, जो भारतीय संस्कृति में श्रद्धा और परंपरा का प्रतीक है, इससे अछूता नहीं रहा। 2020 से 2024 तक कई राज्यों में इस पर्व के दौरान ऐसी घटनाएं सामने आई हैं, जहां इस्लामिक चरमपंथियों द्वारा ना केवल पूजा स्थलों पर तोड़फोड़ की गई, बल्कि पूजा कर रहे हिन्दू परिवारों पर भी हमला कर उन्हें घायल कर दिया। हाल ही में बिहार, हरियाणा और अन्य राज्यों में हुई घटनाओं ने एक बार फिर से इस पर ध्यान खींचा है।
यह रिपोर्ट वर्ष 2020 से 2024 तक भारत के विभिन्न राज्यों में छठ के दौरान मुस्लिम दंगाइयों द्वारा किए गये हमले/तोड़फोड़ की 8 प्रमुख घटनाओं पर आधारित है।
मुस्लिम कट्टरपंथियों ने घाट को किया तहस-नहस
पूर्णिया, बिहार (माला और कन्हरिया गांव, 2024) : बिहार के पूर्णिया जिले के माला और कन्हरिया गांवों में मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में स्थित छठ घाटों पर तोड़फोड़ की घटनाएं दर्ज की गईं। इन गांवों में स्थानीय लोगों ने शिकायत की कि मुस्लिम चरमपंथियों ने केले और फूलों से सजाए गए छठ घाटों को बर्बाद कर दिया है. जिस वजह से छठ पूजा में विघ्न पड़ा है। हिन्दुओं में इस घटना से भारी आक्रोश व्याप्त है। हिंदुओं के विरोध-प्रदर्शन के बाद पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज किया।
मस्जिद की जमीन बताकर छठ में डाला बाधा
7 नवंबर, 2024, भागलपुर (बिहार) : छठ व्रतियों के सुविधा के लिए हो रहे सड़क निर्माण को मस्जिद की जमीन बताकर ग्रामीण मुसलमानों ने रोक दिया। मस्लिमों का कहना है कि छठ में जब डीजे बजता तो उनकी नमाज खराब होती है, उन्हें यह पसंद नहीं की मस्जिद के पास हिंदू धर्म का कुछ निर्माण हो।
महापर्व छठ पर उपद्रव
4 नवंबर, 2024, पूर्वी चम्पारण (बिहार) : रक्सौल के रघुनाथपुर बेलहिया गांव में मुस्लिम दंगाइयों ने लोक आस्था के महापर्व छठ पर उपद्रव मचाया। छठ पूजा के लिए बनाए गए शीरशोप्ता मंदिर व घाटों को उपद्रवियों ने क्षतिग्रस्त कर दिया। जिसके बाद स्थानीय हिन्दुओं में आक्रोश व्याप्त हो गया.
उपद्रवियों ने छठ घाट पर तोड़ा सिरसोप्ता
3 नवंबर, 2024, पूर्वी चम्पारण (बिहार) : यह घटना भी पूर्वी चम्पारण जिले के मोतिहारी की है जहां रघुनाथपुर पंचायत के नन्हकार गांव में छठ पूजा के लिए निर्माण किए गए सिरसोप्ता को मुस्मिम उपद्रवियों ने खंडित कर दिया। आमोदेई के मुस्लिम तालाब पर बने घाटों को अपनी निजी संपत्ति बताते हैं, जबकि नन्हकार के ग्रामीण कई वर्षों से घाट पर छठ पूजा मनाते आ रहे हैं।
छठ घाट को तोड़ कर मजार बना गए दंगाई
4 जनवरी, 2024, सीवान (बिहार) : बसंतपुर क्षेत्र के हुसेननंदपुर गांव में छठ घाट पर बने मंदिर और घाटों को भी असामाजिक तत्वों द्वारा क्षतिग्रस्त किया गया। आरोप है कि मुस्लिम उपद्रवियों ने घाटों पर मजार और चारदिवारी बनाकर सैकड़ों वर्षों से छठ पूजा कर रहे हिंदुओं की जमीन को कब्जा करने की प्रयास की।
छठ पूजा घाट को किया अपवित्र
20 नवंबर, 2020, कटिहार (बिहार) : कटिहार में असामाजिक तत्वों द्वारा छठ घाट पर पूजा करने जा रहे लोगों को रोकने का मामला सामने आया। घटना में स्थानीय असामाजिक तत्वों ने न केवल पूजा स्थल को क्षतिग्रस्त किया बल्कि घाट पर गंदगी भी फैला दी, जिससे श्रद्धालुओं की धार्मिक भावनाओं को गहरा धक्का पहुँचा। दरअसल छठ पूजा के दौरान हिंदुओं द्वारा गीत और पटाखा फोड़ने से नाराज हुई मुस्लिम भीड़ ने पहले तो छठ पूजा करने जा रहे हिंदुओं को रोक दिया। इसके बाद हिंदू पूजा न कर सकें इसलिए मुस्लिम भीड़ ने छठ घाट पर तोड़फोड़ कर पेशाब और शौच कर दिया।
छठ पूजा कर रही हिंदू लड़की को उठा ले गए मुस्लिम गुंडे
19 नवंबर, 2020, फरीदाबाद (हरियाणा) : फरीदाबाद में मोहम्मद इकराम नाम के मुस्लिम गुंडे ने 8-10 अन्य अपने दबंगों के साथ अपने घर पर छठ पूजा कर रही हिंदू युवती को उसके परिजनों के सामने घर से उठा ले गए। पीड़िता की माता ने बताया कि उपद्रवी हमेशा कन्वर्जन के लिए दबाव बनाते रहते हैं।
छठ पर्व सहित अन्य हिन्दू पर्वो के आयोजनों के दौरान इस तरह की घटनाएं न केवल धार्मिक आस्थाओं को ठेस पहुंचाती हैं, बल्कि सामाजिक समरसता और सौहार्द्र के लिए भी गंभीर चुनौती उत्पन्न करती हैं। धार्मिक स्थलों और पर्वों पर हमले सांप्रदायिक तनाव को बढ़ावा दे सकते हैं और समाज को विभाजित कर सकते हैं। हिन्दू पर्वों पर इस प्रकार के हमले न केवल धार्मिक भावनाओं को आहत करते हैं बल्कि भारतीय समाज की सहिष्णुता और परस्पर सद्भावना को भी प्रभावित करते हैं।
Shivam Dixit started his career in journalism from 2015. He first worked as Special Correspondent in Mansukh Times (Weekly Newspaper) and later came to Delhi and worked as Digital Editor in Sanchar Times Media Group.
After this he joined the News Network of India (NNI) and held the post of Reporter Coordinator in India's paper here. After successfully launching India's Paper Project, Shivam Dixit started his new innings as Social Media In-charge at News1India, Dainik Hint and Niwan Times.
After working in various media organizations for many years, Shivam Dixit is currently working in the national weekly 'Panchjanya' continuously since 1948.
Talking about his achievements, he managed 500 websites of various newspapers of "India's Papers" as manager in NNI. Talking about the output of this project, this project was registered in Limca Book of Records.
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