बांग्लादेश में इस्लामिक कट्टरपंथी अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं वे लगातार हिन्दुओं और सनातन के प्रतीकों पर हमले कर रहे हैं। लेकिन, इस पर मुहम्मद यूनुस की अगुवाई वाली चरमपंथी सरकार ने चुप्पी साध रखी है। ताजा मामला चपैनवाबगंज जिले के शिबाताला करमाकर इलाके का है, जहां स्थित एक हिन्दू मंदिर पर मुस्लिम कट्टरपंथियों ने हमला कर दिया। उन्होंने वहां पर मौजूद पुजारियों और लोगों के साथ मारपीट की।
सोशल मीडिया हैंडल वॉयस ऑफ बांग्लादेश की रिपोर्ट के मुताबिक, मंदिर पर कट्टरपंथियों के हमले के वक्त बांग्लादेशी सेना भी पास आसपास ही तैनात थी, लेकिन वो केवल मुस्लिमों की सुरक्षा के लिए ही आगे आ रही है। वो हिन्दुओं की मदद नहीं कर रही है। मंदिर समिति के लोगों ने कहा है कि सेना चूंकि उनकी कोई मदद नहीं कर रही है, इसलिए वो विरोध में सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर हुए हैं।
वहीं इस घटना को लेकर नेटिजन्स भी अपना गुस्सा सोशल मीडिया पर निकाल रहे हैं। इसी क्रम में शेख हसीना के नाम से बने पैरोडी अकाउंट के जरिए कहा गया कि बांग्लादेशी हिन्दुओं को बेहतर सपोर्ट की आवश्यकता है।
इसी क्रम में वितस्ता ईशान नाम के एक्स यूजर ने बांग्लादेशी आर्मी के इस कृत्य पर उसे ‘जिहादी सेना’ करार दिया।
राजू नाम के यूजर ने अपनी बांग्लादेश में मुस्लिम कट्टरपंथियों द्वारा हिन्दुओं पर किए जा रहे हमले और उस पर बांग्लादेशी सेना की चुप्पी पर अपनी भड़ास निकाला। यूजर ने कहा, ‘बांग्लादेश एक आतंकी देश हैं, वहां पर लोकतांत्रिक तरीके काम नहीं करने वाले।’
पुष्पक यादव ने आरोप लगाया कि बांग्लादेशी सेना हिन्दुओं को आतंकियों की तरह ट्रीट कर रही है। जबकि, मानवता को बचाने का ढेका लेने वाले चुप्पी साधे बैठे हैं।
गौरतलब है कि बांग्लादेशी सेना पर लंबे वक्त से पक्षपात किए जाने के आरोप लगते रहे हैं। दो दिन पहले ही मुस्लिम कट्टरपंथियों के हमले का विरोध कर हिन्दुओं पर जिस प्रकार से बांग्लादेशी सेना ने बर्बरता के साथ हमले किए थे, उसको लेकर उसकी पहले से ही आलोचनाएं की जा रही हैं। आरोप तो ये भी लग रहे हैं कि संभवत: मुहम्मद यूनुस की ही तरफ से बांग्लादेशी सेना को ऐसा करने का निर्देश दिया गया हो।
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