अमेरिका के राष्ट्रपति के तौर पर दूसरी बार सत्ता में डोनाल्ड ट्रंप की ऐतिहासिक वापसी से बहुत से लोग निराश हैं। उन्हीं निराश लोगों में शामिल हैं लिबरल्स। ऐसे ही अमेरिका में भी ट्रंप के राष्ट्रपति चुनाव जीतते ही लिबरल्स महिलाओं ने अजीब आंदोलन शुरू कर दिया है। इन महिलाओं ने दक्षिण कोरिया की तर्ज पर 4B मूवमेंट शुरू कर दिया। इसके तहत लिबरल महिलाओंने ऐलान किया है कि वे ट्रंप को वोट देने वाले पुरुषों को न तो डेट करेंगी, न ही शादी करेंगी और न ही बच्चे पैदा करेंगी।
हालांकि, भले ही कथित तौर पर लिबरल इन महिलाओं ने अगले 4 साल तक इन पुरुषों का पूरी तरह से बॉयकॉट करने का फैसला किया है। इतना ही नहीं इन महिलाओं पर लोगों को डेटिंग एप तक को डिलीट करने के लिए उकसाने का आरोप है। महिलाओं का ये भी कहना है कि ट्रंप के जीतने के बाद डेमोक्रेट्स ने गर्भपात के अधिकारों और महिलाओं के लिए सुरक्षा पर जनमत संग्रह के तौर पर इसे पेश किया। सोशल मीडिया साइ्ट्स के जरिए लिबरल महिलाओं को ब्रह्मचर्य का पालन करने के लिए दूसरी महिलाओं को प्रेरित करते देखा गया।
क्यों ट्रंप का विरोध कर रही महिलाएं
माना जा रहा है कि इस बार राष्ट्रपति चुनाव में लिबरल महिलाओं ने कमला हैरिस को राष्ट्रपति बनाने का लक्ष्य रखा हुआ था, लेकिन हुआ इसका ठीक उल्टा। लोगों को डेमोक्रेट्स की नीतियों से दिक्कत थी और इसीलिए सभी ने ट्रंप के पक्ष में अधिक वोट दिए। ट्रंप ने हैरिस को व्हाइट हाउस की रेस में हरा दिया। उन पर महिलाओं के यौन शोषण के आरोप का जिक्र किया गया। गर्भपात कानून को लेकर भी महिलाओं में ट्रंप के खिलाफ नाराजगी है।
बस इसी कारण महिलाओं को 2010 में दक्षिण कोरिया में पुरुषों के खिलाफ 4B मूवमेंट से प्रेरणा मिली और अमेरिकी लिबरल महिलाओं ने डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ प्रदर्शन करना शुरू कर दिया।
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