नई दिल्ली, (हि.स.)। अमेरिका ने यूक्रेन के खिलाफ सैन्य उपकरणों से जुड़ी सामग्री सप्लाई करने का आरोप लगाते हुए 19 भारतीय कंपनियों पर प्रतिबंध लगा दिया है। भारत ने शनिवार को अमेरिका द्वारा भारतीय कंपनियों और नागरिकों पर लगाए गए प्रतिबंधों पर प्रतिक्रिया दी। भारत की तरफ से कहा गया है कि कंपनियों ने किसी भी भारतीय कानून का उल्लंघन नहीं किया है।
उल्लेखनीय है कि अमेरिका ने रूस की तरफ से यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में प्रयोग किए जा रहे कुछ सैन्य उपकरणों के निर्माण से जुड़ी सामग्री सप्लाई करने का आरोप लगाते हुए 19 भारतीय कंपनियों और दो लोगों पर प्रतिबंध लगाया है।
इस पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि भारत में रणनीतिक व्यापार और अप्रसार नियंत्रण संबंधी व्यापक नियमावली एवं नियामक ढांचा मौजूद है। इसके अलावा भारत तीन प्रमुख बहुपक्षीय अप्रसार निर्यात नियंत्रण व्यवस्थाओं वासेनार व्यवस्था, ऑस्ट्रेलिया समूह और मिसाइल प्रौद्योगिकी नियंत्रण व्यवस्था का भी सदस्य है। साथ ही संयुक्त राष्ट्र की अप्रसार निर्यात संबंधी प्रस्ताव का भी पालन करता आया है।
उन्होंने कहा कि यह कंपनियां किसी भी भारतीय कानून का उल्लंघन नहीं कर रही हैं। इसके बावजूद भारत की स्थापित अप्रसार साख को ध्यान में रखते हुए हम इन कंपनियों को जागरूक कर रहे हैं और साथ ही कुछ उपाय भी सुझा रहे हैं। प्रवक्ता ने बताया कि इस संबंध में भारत अमेरिकी पक्ष से बातचीत कर रहा है ताकि मुद्दों को सुलझाया जा सके।
रूस को सहायता करने का आरोप
अमेरिका ने लगभग 300 कंपनियों और व्यक्तियों पर प्रतिबंध लगाया है, जिसमें से 19 भारतीय कंपनियां और दो व्यक्ति शामिल हैं। अमेरिका का दावा है कि उन्होंने रूसी सेना को सहायता प्रदान करने वाले उत्पादों की आपूर्ति की है। अमेरिकी ट्रेजरी और स्टेट डिपार्टमेंट ने इन कपंनियों को “तीसरे देश के समर्थक” के रूप में लेबल किया था। हालांकि, रूस की सैन्य क्षमताओं को बढ़ाने में इन भारतीय फर्मों की भागीदारी के बारे में कोई स्वतंत्र सत्यापन नहीं हुआ है। भारतीय रक्षा क्षेत्र में सीमित भागीदारी वाली प्रतिबंध सूची में एकमात्र फर्म आरआरजी इंजीनियरिंग है। इस कंपनी का डीआरडीओ के साथ भी सहयोग है। प्रतिबंध सूची में Ascend Aviation India, Mask Trans, TSMD Global and Futrevo आदि शामिल हैं।
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