भुवनेश्वर । पुरी के 12वीं शताब्दी के जगन्नाथ मंदिर के रत्न भंडार में कोई कोई गुप्त सुरंग या कक्ष नहीं हैं। ओडिशा के विधि मंत्री प्रथीराज हरिचंदन ने शुक्रवार को इस बात की पुष्टि की। वर्षों से, यह अटकलें लगाई जा रही थीं कि मंदिर के रत्न भंडार में में कीमती गहनों से भरे छिपे हुए कक्ष या कोई गुप्त सुरंग हो सकते हैं। मंत्री श्री हरिचंदन के बयान के बाद इन अटकलों पर विराम लग गया है ।
श्री हरिचंदन ने पत्रकारों से बातचीत में बताया कि एएसआई द्वारा अत्याधुनिक तकनीक के जरिये रत्नभंडार की जांच की गई थी । हालांकि एएसआई की अंतिम सर्वेक्षण रिपोर्ट अभी बाकी है, प्रारंभिक निष्कर्षों से पता चलता है कि कोई गुप्त सुरंग या कक्ष नहीं हैं।
श्री हरिंचंदन ने कहा कि लेजर स्कैनिंग सर्वे में रत्न भंडार के अंदर दरारें मिली हैं। उन्होंने कहा कि रत्न भंडार में इन संरचनात्मक समस्याओं के लिए एक स्थायी समाधान निकाला जाएगा।
श्री हरिचंदन ने कहै कि एएसआई जल्द ही रत्न भंडार के बाहरी और आंतरिक कक्षों की मरम्मत का कार्य शुरू करेगा। उन्होंने बताया कि मंदिर के मूल्यवान सामानों की गिनती, जो एक महत्वपूर्ण कार्य है, जनवरी में मरम्मत कार्य के पूरा होने के बाद शुरू होगी।
उन्होंने बताया कि पवित्र कार्तिक मास होने के कारण पुरी के मंदिर में भक्तों की भारी भीड दर्शन के लिए उमड रही है । इस कारण मरम्मत कार्य को कार्तिक पूर्णिमा के बाद ही शुरु किया जाएगा। इसे पूरा करने में लगभग डेढ माह का समय लग सकता है ।
श्री हरिचंदन ने कहा कि रत्न भंडार के खजाने की गिनती उसी कक्ष के भीतर की जाएगी, ताकि मूल्यवान वस्तुओं की सुरक्षा और जगन्नाथ के लाखों भक्तों की धार्मिक भावनाओं का ध्यान रखा जा सके। यह सावधानी मंदिर की पवित्रता का सम्मान करने और प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए है।
उन्होंने कहा कि रत्न भंडार के आभूषणों की गिनती कार्य जनवरी में होगी । पहले की तैयार की गई सूची को एक नए सूची के साथ मिलाया जाएगा। उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार ने रत्न भंडार की मरम्मत और आभूषणों के वजन और सूचीकरण की निगरानी के लिए एक समिति का गठन किया है। यह प्रक्रिया, जो रथ यात्रा के दौरान शुरू हुई थी, अभी भी जारी है।
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