अयोध्या । पवित्र नगरी अयोध्या में इस वर्ष का दीपोत्सव समारोह एक अभूतपूर्व भव्यता के साथ मनाया जा रहा है। 500 वर्षों के बाद पहली बार रामलला की मौजूदगी में आयोजित इस दीपोत्सव को लेकर उत्तर प्रदेश की धार्मिक नगरी अयोध्या को दुल्हन की तरह सजाया गया है। बुधवार को 35 लाख से अधिक दीयों के प्रज्वलित होने का कीर्तिमान स्थापित करने के लिए पूरे शहर में भव्य आयोजन की तैयारी है। इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय पर्यटन-संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक, कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही और पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह सहित अन्य मंत्रीगण मौजूद रहे।
अयोध्या में भव्य दीपोत्सव के आयोजन का यह आठवां वर्ष है और इसके साथ ही रामलला के विराजमान होने के बाद यह पहला दीपोत्सव है, जो उत्तर प्रदेश और पूरे देश के श्रद्धालुओं में उत्साह का संचार कर रहा है।
पुष्पक विमान से हुआ भगवान राम का आगमन, सीएम योगी ने खींचा रथ
रामलला के आगमन की सजीव झांकी अयोध्या के साकेत महाविद्यालय से निकलकर शहर भर में घूमी। कार्यक्रम के मुख्य आकर्षण में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भगवान राम, माता सीता और लक्ष्मण के प्रतीक स्वरूप मूर्तियों को रथ पर बैठाया और स्वयं रथ खींचकर उन्हें मंच तक ले गए। इस झांकी के दौरान लोक कलाकारों ने पारंपरिक नृत्य और गीतों के माध्यम से संस्कृति का सुंदर परिचय दिया। फरुआही, बमरसिया, मयूर, बहरूपिया, अवधी और थारू लोकनृत्य जैसे विविध सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने दर्शकों का मन मोह लिया।
25 लाख दीयों का प्रज्वलन : गिनीज रिकॉर्ड की तैयारी
अयोध्या के राम की पैड़ी पर इस बार 25 लाख दीये प्रज्वलित करने का आयोजन किया गया है, जो गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल होने का प्रयास कर रहा है। 55 घाटों पर 28 लाख दीपों को सजाया गया है, जिन्हें अवध विश्वविद्यालय के 30 हजार से अधिक वॉलंटियर्स द्वारा प्रज्वलित किया जाएगा। शाम के समय इन दीपों की रोशनी से सरयू तट चमक उठेगा, और यह आयोजन रात 8 बजे तक चलेगा। गिनीज बुक की टीम इस आयोजन का सर्वेक्षण करने के लिए ड्रोन कैमरों का उपयोग करेगी, जो दीयों की गिनती कर रिकॉर्ड की पुष्टि करेगी।
सरयू तट पर 1100 बटुकों के साथ महाआरती का आयोजन
दीपोत्सव के इस पावन पर्व पर सरयू नदी के तट पर भव्य महाआरती का आयोजन किया जा रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की उपस्थिति में 1100 बटुकों और 157 संतों की उपस्थिति में महाआरती का आयोजन होगा। सभी बटुक एक जैसी वेशभूषा में होंगे, जिससे यह महाआरती न केवल भक्तिमय वातावरण प्रदान करेगी, बल्कि एक अनूठा दृश्य भी प्रस्तुत करेगी। 15 मिनट की इस महाआरती के दौरान बटुकों की एकता और समर्पण एक नया रिकॉर्ड स्थापित करने जा रही है।
झांकियों में रामायण के अद्भुत प्रसंगों का चित्रण
साकेत महाविद्यालय से 18 सुंदर झांकियां निकाली गईं, जिनमें 11 झांकियां सूचना विभाग द्वारा और 7 पर्यटन विभाग द्वारा बनाई गई थीं। झांकियों में रामायण के प्रसंगों जैसे रावण वध, सीता हरण, श्रीराम का राज्याभिषेक, राम-हनुमान भेंट इत्यादि का चित्रण किया गया। इन झांकियों ने रामायण की महत्ता और संस्कृति की धरोहर को एक नए रूप में प्रस्तुत किया, जो दर्शकों के लिए एक अनमोल अनुभव रहा।
500 ड्रोन का एरियल शो: आकाश में दिखेगी राम की वीर मुद्रा
आयोजन के दौरान 500 रंग-बिरंगे ड्रोन द्वारा एक भव्य एरियल शो का आयोजन किया जा रहा है। मेड इन इंडिया ड्रोन के इस शो में भगवान राम, लक्ष्मण, हनुमान और अन्य रामायण से संबंधित चरित्रों की वीर मुद्रा को आकाश में चित्रित किया जाएगा। ड्रोन के माध्यम से आकाश में रावण वध, पुष्पक विमान, राम दरबार, वाल्मीकि, तुलसीदास और राम मंदिर के दृश्य भी प्रदर्शित किए जाएंगे। यह शो लेज़र लाइट्स, म्यूजिकल नैरेशन और वॉयस ओवर के साथ दर्शकों को एक दिव्य अनुभव देगा।
पुराने सरयू पुल पर भव्य आतिशबाजी
दीपोत्सव के समापन के दौरान पुराने सरयू पुल पर भव्य आतिशबाजी का आयोजन किया जाएगा। आतिशबाजी का यह दृश्य अयोध्या के आसमान को रोशनी से भर देगा। दीपों की रोशनी, महाआरती और आतिशबाजी का संगम अयोध्या नगरी में एक अद्वितीय दृश्य प्रस्तुत करेगा, जो इस पावन भूमि पर राम की महिमा और भक्तों की श्रद्धा को और भी प्रगाढ़ करेगा।
अयोध्या दीपोत्सव का महत्व और धार्मिक आस्था का संचार
रामलला के विराजमान होने के बाद अयोध्या का यह पहला दीपोत्सव, समूचे देश की आस्था और उत्साह का प्रतीक बन गया है। इस भव्य आयोजन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में पूरा प्रशासनिक अमला जुटा हुआ है। यह दीपोत्सव सिर्फ एक पर्व नहीं, बल्कि अयोध्या की धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत को पुनः जीवंत करने का प्रतीक है।
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