साध्वी प्राची ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हिन्दुओं को लेकर दिए गए बयान का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि इतिहास इस बात का गवाह है कि जब भी हिन्दुओं को बांटा गया है-उन्हें काटा गया है। यही कारण है कि हिन्दुओं को जातिगत मतभेदों से ऊपर उठकर एक साथ मिलकर भाईचारे के साथ रहने की आवश्यकता है।
भाजपा नेत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बयान को सही करार दिया और कहा कि कश्मीर-पाकिस्तान और बांग्लादेश हिन्दुओं की दुर्दशा के जीवंत उदाहरण हैं।
क्या है पूरा मामला
दरअसल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आगरा में वीर दुर्गादास जी की प्रतिमा का अनावरण करने के लिए आए थे। इसी मौके पर उन्होंने बांग्लादेश में हिन्दुओं के हालातों पर बात की। उन्होंने स्पष्ट किया था कि देश और राष्ट्र से बढ़कर कुछ नहीं हो सकता है। बांग्लादेश जैसी गलती भारत में न हो इसको लेकर सजग रहने की जरूरत है। अगर हिन्दुओं को बांट दिया गया तो उन्हें कटने से कोई नहीं रोक पाएगा। उनका ये बयान कुछ कट्टरपंथियों, वामपंथियों और छद्म सेक्युलरों को अच्छा नहीं लगा और वे विरोध पर उतर आए। लेकिन, अब साध्वी प्राची भी मुख्यमंत्री के समर्थन में उतर गई हैं।
कर्नाटक में वक्फ बोर्ड की हरकत का भी किया विरोध
इसके साथ ही साध्वी प्राची ने कर्नाटक में वक्फ बोर्ड द्वारा किसानों की जमीनों पर अपना दावा ठोंकने के मामले का भी विरोध बीजेपी नेता साध्वी प्राची ने किया है। उन्होंने दो टूक कहा है कि जिस प्रकार से जमीनों पर वक्फ बोर्ड अपने दावे करता रहता है उससे स्पष्ट है कि पूरे वक्फ बोर्ड को खत्म करने की आवश्यकता है। उन्होंने आशंका व्यक्त की कि ऐसा ही रहा तो कल को ये बोर्ड मेरे और आपके घरों तक जाएगा और कहेगा कि ये उसकी जमीन है।
इसे भी पढ़ें: हाइवे पर पंचर साजिश से बचकर रहे हिन्दू समाज, मस्जिदों से चल रहा जिहादी षडयंत्र: साध्वी प्राची
साध्वी प्राची कहती हैं कि जिस वक्त बोर्ड का गठन किया गया, उस दौरान तो किसी से कोई सलाह ली नहीं गई। वर्ष 1954 में वक्फ बोर्ड का गठन करके पंडित जवाहर लाल नेहरू ने मुस्लिमों को खुश करने की कोशिश की थी। हालांकि, इस बोर्ड को असीमित शक्तियां 1995 में नरसिम्हाराव की सरकार के दौरान दे दी गई थीं।
टिप्पणियाँ