पंजाब

पंजाब में धान की खरीद को लेकर हाहाकार : धान से अटीं मंडियां, पैसों के लिए भटके किसान

Published by
राकेश सैन

कहने को तो एक अक्तूबर से पंजाब में धान की खरीद शुरू हो गई परन्तु हालात यह हैं राज्य की मंडियां किसानों द्वारा लाए गए धान से अटी पड़ी हैं और खरीद का काम कच्छप गति से चल रहा है। धान की उठाई न होने के कारण मंडियों में पैर रखने को जगह नहीं। किसान कई-कई दिनों से मंडियों में रात-रात भर जाग कर फसलों की पहरेदारी कर रहे हैं और खरीद का काम सुचारू रूप से करवाने की मांग को लेकर जगह-जगह धरने लगाए जा रहे हैं। कल प्रदेश में राजेवाला गुट की भारतीय किसान यूनियन ने प्रदेश भर के हाईवे जाम किए और आज पंधेर गुट ने चार घंटे जाम रखा। जाम से आम लोग परेशान हुए वह अलग। इसको लेकर पूर्व मुख्यमंत्री व भाजपा नेता कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने पंजाब सरकार से पूछा है कि केन्द्र सरकार ने धान की खरीद के लिए 44 हजार करोड़ रुपये भेजे हैं वह कहां गए?

पंजाब में धान की खरीद और लिफ्टिंग को लेकर किसान सडक़ों पर उतर आए हैं। किसान सरकार और केंद्र का विरोध कर रहे हैं। मंडियों में धान की फसल खुले आसमान के नीचे पड़ी है। इसको लेकर पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री व भाजपा नेता कैप्टन अमरिंदर सिंह एशिया की सबसे बड़ी अनाज मंडी खन्ना पहुंचे। वहां उन्होंने व्यवस्थाओं का जायजा लिया और किसानों से भी बात की। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि पंजाब में जो कुछ भी हो रहा है उसकी मुझे पहले से ही जानकारी थी। मैं इसे देखने के लिए खुद एशिया की सबसे बड़ी अनाज मंडी खन्ना गया। लोगों ने मुझे बताया कि धान (सरकार द्वारा) नहीं खरीदा जा रहा है। किसी को पैसा नहीं मिल रहा है। मुझे समझ नहीं आ रहा है कि किसानों को पैसा क्यों नहीं मिल रहा है, जबकि केंद्र सरकार ने पहले ही 44,000 करोड़ रुपये जारी कर दिए हैं। किसानों को पैसा दिया जाना चाहिए और धान खरीदा जाना चाहिए।

कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री रहते हुए मैंने इतने साल धान और गेहूं की खरीद की है। लेकिन हमारी सरकार के समय कभी भी ऐसी नौबत नहीं आई। पंजाब में धान की खरीद न होने पर किसानों से मिलने के लिए अनाज मंडी खन्ना गया था। वहां किसानों से मिला और वहां के हालात देखे। मंडी में 10-12 दिन से धान पड़ा है। अगर बारिश आ जाए तो किसान तबाह हो जाएंगे। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब सरकार के पास धान खरीद को लेकर कोई प्लानिंग नहीं है। मंडियों में स्टोरेज स्पेस नहीं बनाए गए। जबकि यह काम प्रदेश सरकार का है। मेरे मुख्यमंत्री रहते हुए मैं खुद विभागों के अधिकारियों के साथ ट्रांसपोर्ट का अरेंजमेंट करने के लिए ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर के पास जाता था। मैं खुद रेलवे और फूड मिनिस्टर से मिलता था। पूरी प्लानिंग के तहत धान की खरीद होती थी।

कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि खन्ना में एशिया की सबसे बड़ी मंडी है। यहां का जायजा लेने के लिए अभी तक प्रदेश के मुख्यमंत्री, खाद्य मंत्री, एग्रीकल्चर मिनिस्टर और यहां तक कि स्थानीय विधायक भी नहीं गया। इन्हें किसानों की परवाह नहीं है। अगर आप किसानों की समस्या जानने उनके पास नहीं जाएंगे तो किसान आपका विरोध करेंगे।

मंडी में कैप्टन अमरिंदर सिंह ने शैलर मलिक, मजदूर व आढ़ती संघ बैठकर उनकी समस्या सुनी, कैप्टन ने इन यूनियन के नेताओं को भरोसा दिलाया कि उनकी यह समस्या वह खुद केंद्र सरकार के पास लेकर जाएंगे और इसका हल जल्द करवाएंगे।

कैप्टन ने कहा कि पंजाब के इतिहास में पहली बार ऐसा देखने को मिल रहा है कि किसान, शैलर व मजदूर और आढ़ती धरना प्रदर्शन करने के लिए मजबूर हैं। पंजाब की आम आदमी पार्टी की सरकार है वह हर फ्रंट पर फेल साबित हो रही है। आप सरकार को पता ही नहीं सरकार क्या होती है। मेरे टर्म में केंद्र में चाहे अटल बिहारी वाजपेई की सरकार हो या फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मैं खुद वहां पर जाकर फूड सैक्रेट्री से बात कर अपनी समस्या का हल करवाता रहा हूं।

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