बेईमान पाकिस्तान की रोज नई-नई हरकतें सामने आती जा रही हैं। कुछ दिन पहले पंजाब की सीमा के साथ लगते फाजिल्का बार्डर पर ड्रोन द्वारा भेजा गया तो आज पठानकोट में पाकिस्तानी नाव बरामद हुई। भारत-पाकिस्तानी सीमा की जीरो लाइन के पास बहते तरनाह नाले में पाकिस्तानी नाव मिली है। सीमा सुरक्षा बल की बटालियन 121 के जवानों ने गत रात नाव बरामद की है। यह नाव पाकिस्तान की ओर से पठानकोट पहुंची है। नाव को कब्जे में लेकर बीएसएफ ने तुरंत स्थानीय पुलिस स्टेशन नरोट जैमल सिंह को सूचना दी।
पाकिस्तानी नाव की जानकारी मिलते ही सुरक्षा एजेंसियां भी अलर्ट हो गई हैं। सोमवार सुबह से ही पुलिस और कमांडो ने सीमावर्ती क्षेत्र के करीब 3 किलोमीटर एरिया का चप्पा-चप्पा खंगाला। हालांकि अभी तक कुछ नहीं मिला। दूसरी तरफ एजेंसियों ने नाव के बारे जानकारी हासिल करने के लिए नाले के पास खेतों खलियान में काम करने वाले लोगों से पूछताछ की।
पठानकोट के साथ लगते जम्मू-कश्मीर राज्य के गंदरबल में श्रीनगर-लेह हाईवे पर सोनमार्ग के पास गगनगीर क्षेत्र में जेड मोड़ सुरंग निर्माण कर रही कंपनी में कार्यरत प्रवासी मजदूरों पर रविवार की रात आतंकियों ने हमला किया था। आतंकियों ने हमले कर एक डॉक्टर समेत 6 मजदूरों को मौत के घाट उतार दिया। बॉर्डर क्षेत्र में पाकिस्तानी बोट मिलने से सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल खड़े हो रहे है।
कुछ दिन पहले स्थानीय लोगों ने पठानकोट के बार्डर एरिया में ड्रोन एक्टिविटी भी देखी है। क्षेत्र में पुलिस एक विशेष गुप्त अभियान भी चला रही है। अब भारत-पाक सीमा पर बहते नाले से नाव की बरामदगी के बाद सतर्कता बढ़ा दी गई है। थाना नरोट जैमल सिंह के एसएचओ अंग्रेज सिंह ने बताया कि रविवार रात सीमा पर बीएसएफ की ओर से नाइट विजन कैमरे में सीमा के नजदीक नाले में किसी वस्तु की हलचल देखी और बीएसएफ जवानों ने मौके पर पहुंच देखा तो एक पाकिस्तानी नाव भारत-पाकिस्तान की जीरो रेखा पर गांव स्कोल और ढिंडा के बीच तरनाह नदी में मिली। आसपास के एरिया में जांच अभियान चलाया गया है। फिलहाल कोई भी संदिग्ध घटना सामने नहीं आई है। हालांकि यह क्षेत्र सुरक्षा की दृष्टि से अति संवेदनशील है और नाव की बम निरोधक दस्ते से जांच भी की गई है।
टिप्पणियाँ