पंजाब

गुरप्रीत सिंह मर्डर केस में खालिस्तान समर्थक सांसद अमृतपाल सिंह का हाथ, कनाडा में बैठकर अर्श डल्ला ने रची पूरी साजिश

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SHIVAM DIXIT

चंडीगढ़ । पंजाब के फरीदकोट जिले में 9 अक्टूबर को हुए गुरप्रीत सिंह हत्याकांड में पुलिस ने चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। इस मामले में पंजाब पुलिस के डीजीपी गौरव यादव ने बताया कि जांच में खडूर साहिब से खालिस्तान समर्थक सांसद अमृतपाल सिंह और कनाडा में छुपे बैठे आतंकी अर्श डल्ला की संलिप्तता पाई गई है। यह हत्या पंथक संगठनों से जुड़े 32 वर्षीय गुरप्रीत सिंह की है, जिसे पंचायत चुनाव के दौरान फरीदकोट के गांव हरी नौ में शूटरों ने गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया था।

डीजीपी यादव ने चंडीगढ़ में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि पुलिस की स्पेशल टीम की जांच में इस हत्याकांड के मास्टरमाइंड अर्श डल्ला का नाम सामने आया है, जो वर्तमान में कनाडा में रह रहा है। साथ ही, सांसद अमृतपाल सिंह, जो असम के डिब्रूगढ़ जेल में बंद है, के इशारे पर यह हत्या की गई थी। पुलिस ने मामले में अब तक तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया है, जिनमें गुरप्रीत सिंह की हत्या से पहले उसकी रेकी की गई थी। हालांकि, शूटरों की गिरफ्तारी के लिए तलाशी अभियान अभी जारी है।

हत्या का कारण और मास्टरमाइंड

गुरप्रीत सिंह, जो कभी खालिस्तानी नेता अमृतपाल सिंह का करीबी था, बाद में उससे अलग हो गया और खालिस्तानी नेताओं और अमृतपाल के खिलाफ बोलने लगा। इस वजह से उसे लगातार धमकियां मिल रही थीं। डीजीपी यादव के अनुसार, गुरप्रीत सिंह की हत्या में अर्श डल्ला और करमवीर गोरा जैसे अंतरराष्ट्रीय अपराधी और आतंकवादी शामिल हैं। अर्श डल्ला के आदेश पर ही यह साजिश रची गई थी।

गुरप्रीत सिंह की हत्या

फरीदकोट के गांव हरी नौ में 9 अक्टूबर को पंचायत चुनाव प्रचार के दौरान जब गुरप्रीत सिंह अपने काम से वापस लौट रहे थे, तभी तीन बाइक सवार शूटरों ने ताबड़तोड़ फायरिंग कर उनकी हत्या कर दी। गुरप्रीत सिंह कभी खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह का करीबी था और साल 2021 में उसे ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन का खजांची भी नियुक्त किया गया था। लेकिन, बाद में उनके बीच मतभेद पैदा हो गए थे।

जांच और एसआईटी गठन

इस हत्याकांड की जांच के लिए पंजाब पुलिस ने 4 सदस्यीय एसआईटी (विशेष जांच दल) का गठन किया है, जिसमें 3 डीएसपी और 1 एसपी शामिल हैं। एसआईटी को इस केस की गहराई से जांच करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। डीजीपी गौरव यादव ने बताया कि जल्द ही मामले में और गिरफ्तारियां होंगी और शूटरों की पहचान के बाद उनकी गिरफ्तारी सुनिश्चित की जाएगी।

अमृतपाल सिंह से होगी पूछताछ

डीजीपी यादव ने यह भी कहा कि हत्याकांड के मुख्य आरोपी सांसद अमृतपाल सिंह से इस मामले में जल्द ही पूछताछ की जाएगी। वर्तमान में अमृतपाल सिंह असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद हैं और इस मामले में उनका नाम आने के बाद पुलिस की जांच की दिशा अब उनकी ओर केंद्रित है।

यह हत्याकांड पंजाब में खालिस्तानी आतंकवादियों और उनके समर्थकों की बढ़ती गतिविधियों का एक गंभीर उदाहरण है। पुलिस की जांच में यह स्पष्ट हो गया है कि विदेशों में बैठे आतंकी संगठन अब भी पंजाब की शांति भंग करने के प्रयास में जुटे हुए हैं। पंजाब पुलिस इस मामले में सख्ती से कार्रवाई कर रही है और जल्दी ही सभी दोषियों को गिरफ्तार किया जाएगा।

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