बहराइच में राम गोपाल मिश्र की हत्या के अभियुक्तों को न्यायालय के सामने पेश किया गया। शुक्रवार को सुरक्षा कारण को देखते हुए पुलिस ने बहराइच हिंसा के पांचों अभियुक्तों मोहम्मद फहीम, मोहम्मद तालीम उर्फ सबलू, मोहम्मद सरफराज, अब्दुल हमीद और मोहम्मद अफजाल को न्यायिक मजिस्ट्रेट के आवास पर पेश कराया। अभियुक्तों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। इसके पूर्व बहराइच हिंसा में 52 अभियुक्तों को जेल भेजा जा चुका है।
इस हत्याकांड के दो मुख्य अभियुक्त बृहस्पतिवार को पुलिस से मुठभेड़ घायल हुए थे। दोनों अभियुक्तों के पैर में गोली लगी। पुलिस लगातार अभियुक्तों की तलाश कर रही थी। मुठभेड़ के समय नानपारा बाईपास पर हांडा बसेहरी नहर के निकट अभियुक्तों से मुठभेड़ हुई। पुलिस की ओर से आत्मरक्षार्थ चलाई गई गोली में मोहम्मद सरफराज और मोहम्मद तालिम घायल हो गए हैं। यूपी के अपर पुलिस महानिदेशक कानून एवं व्यवस्था, अमिताभ यश ने कहा कि एनकाउंटर के बाद पांचों अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया गया है। ये सभी हिंसा के अभियुक्त थे। अभियुक्त, नेपाल भागने की फिराक में थे।
उल्लेखनीय है कि गत 13 अक्टूबर को बहराइच जनपद के महसी में दुर्गा जी की प्रतिमा विसर्जन के लिए जा रहे श्रद्धालुओं पर मुस्लिम युवकों ने पथराव किया था। पथराव की वजह से दुर्गा जी की प्रतिमा खंडित हो गई। विवाद की वजह सिर्फ इतनी थी थी कि श्रद्धालु, दुर्गा जी की प्रतिमा विसर्जन करने जा रहे थे। महसी एक मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र है जहां से होकर दुर्गा जी की प्रतिमा जा रही थी। इस दौरान मुस्लिम युवकों ने डीजे बजाने पर आपत्ति की। डीजे बंद कराने को लेकर विवाद हुआ। कहासुनी से शुरू हुआ विवाद देखते ही देखते हिंसक हो गया। मुस्लिम युवक हिंसा पर उतर गए। विवाद बढ़ने की स्थिति में हमलावरों ने गोली चला दी। इस हमले में एक हिन्दू युवक राम गोपाल मिश्र की मृत्यु हो गई एवं अन्य कई लोग घायल हो गए। मौके पर हत्या की सूचना मिलने पर जनपद की जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक ने मौके पर पहुंच कर मोर्चा संभाला।इस दौरान कई जगह पर तोड़ – फोड़ की वारदात को अंजाम दिया गया।
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