नई दिल्ली । भारत और मॉरीशस के बीच द्विपक्षीय सहयोग को और मजबूत करने के प्रयासों के तहत भारत सरकार ने मॉरीशस सरकार को 487.60 करोड़ रुपये की ऋण सहायता प्रदान की है। यह ऋण सहायता मॉरीशस में लगभग 100 किलोमीटर पुरानी जल पाइपलाइन को प्रतिस्थापित करने की महत्वपूर्ण परियोजना के लिए दी गई है। यह परियोजना भारत की भारतीय विकास और आर्थिक सहायता योजना (आईडीईएएस) के तहत दी जा रही है, जो कि मॉरीशस में जल आपूर्ति में सुधार के उद्देश्य से है।
मॉरीशस की जल आपूर्ति व्यवस्था में सुधार
मॉरीशस में पुरानी जल पाइपलाइनों के कारण जल आपूर्ति में आने वाली कठिनाइयों को देखते हुए भारत की इस ऋण सहायता को महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। इस परियोजना के तहत, मॉरीशस में लगभग 100 किलोमीटर लंबी पुरानी जल पाइपलाइन को बदलने का प्रावधान है। इसके माध्यम से मॉरीशस की जल आपूर्ति प्रणाली को अधिक प्रभावी और टिकाऊ बनाया जाएगा, जिससे नागरिकों को स्वच्छ और पर्याप्त जल की आपूर्ति सुनिश्चित हो सकेगी।
आईडीईएएस योजना के तहत पहली ऋण सहायता
यह पहली बार है कि भारत ने किसी भी देश को भारतीय मुद्रा (₹) में ऋण सहायता प्रदान की है। यह सहायता भारतीय विकास और आर्थिक सहायता योजना (आईडीईएएस) के तहत दी जा रही है, जो विकासशील देशों की परियोजनाओं के वित्तपोषण में सहायता करने के लिए बनाई गई है। इस ऋण का वित्तपोषण भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) द्वारा रियायती शर्तों पर किया जाएगा, जिससे मॉरीशस को इस महत्वपूर्ण परियोजना को कम ब्याज दर पर पूरा करने में मदद मिलेगी।
दोनों देशों के बीच संबंधों को मिलेगा बल
भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने मॉरीशस के विदेश मंत्री मनीष गोबिन को औपचारिक रूप से यह प्रस्ताव दिया था, जिसे मॉरीशस सरकार ने स्वीकार कर लिया है। यह कदम भारत और मॉरीशस के बीच संबंधों को और मजबूत करेगा और दोनों देशों के बीच विकासशील परियोजनाओं में सहयोग को बढ़ावा देगा। यह परियोजना न केवल मॉरीशस की जल आपूर्ति प्रणाली को मजबूत करेगी बल्कि दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को भी और प्रगाढ़ बनाएगी।
भारत-मॉरीशस सहयोग का नया अध्याय
भारत और मॉरीशस के बीच ऐतिहासिक और सांस्कृतिक रूप से मजबूत संबंध रहे हैं। दोनों देशों के बीच विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग लगातार बढ़ता जा रहा है। जल पाइपलाइन प्रतिस्थापन परियोजना के लिए दी गई यह ऋण सहायता दोनों देशों के विकास में एक नया अध्याय जोड़ती है और पर्यावरणीय दृष्टिकोण से भी इसे महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
भारत और मॉरीशस के बीच इस परियोजना से संबंधित सहयोग न केवल मॉरीशस की जल आपूर्ति प्रणाली में सुधार करेगा बल्कि भारत के वैश्विक विकासशील देशों के साथ संबंधों को और मजबूती प्रदान करेगा।
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