पश्चिम बंगाल

सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई से कोलकाता रेप केस की जांच की स्टेटस रिपोर्ट तीन सप्ताह में मांगी

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WEB DESK

नई दिल्ली, (हि.स.)। सुप्रीम कोर्ट ने आरजी कर अस्पताल में डॉक्टर से रेप और हत्या के मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि सीबीआई मेडिकल कॉलेज में वित्तीय अनियमितता की भी जांच कर रही है। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने सीबीआई को निर्देश दिया कि ववह रेप और वित्तीय अनियमितता के दोनों पहलुओं की जांच को लेकर तीन हफ्ते में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करे।

सुप्रीम कोर्ट ने डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए नेशनल टास्क फोर्स को अपने काम में तेजी लाने को कहा। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट को बताया कि नेशनल टास्क फोर्स की आखिरी मीटिंग करीब एक महीने पहले 9 सितंबर को हुई थी। चीफ जस्टिस ने इस सवाल उठाते हुए कहा कि इस दरम्यान एक महीने से ज्यादा के वक्त में कोई मीटिंग क्यों नहीं हुईं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केंद्र सुनिश्चित करें कि नेशनल टास्क फोर्स का काम एक तय समय सीमा में पूरा हो सके। नेशनल टास्क फोर्स की मीटिंग नियमित अंतराल पर होती रहनी चाहिए। सभी सब-ग्रुप की भी नियमित मीटिंग करनी चाहिए। ये पूरी कवायद तीन हफ्ते में पूरी हो जानी चाहिए।

सुनवाई के दौरान सीबीआई ने बताया कि इस मामले में आरोपी संजय राय के खिलाफ चार्जशीट 7 अक्टूबर को दाखिल कर दी है। ट्रायल कोर्ट ने चार्जशीट पर संज्ञान ले लिया है। आरोप तय करने को लेकर 4 नवंबर को सुनवाई होनी है। सीबीआई ने कहा कि इस मामले में बाकी आरोपितों की भूमिका को लेकर जांच जारी है। सीबीआई मेडिकल कॉलेज में वित्तीय अनियमितता की भी जांच कर रही है।

सुप्रीम कोर्ट ने 20 अगस्त को नेशनल टास्क फोर्स का गठन किया था। नेशनल टास्क फोर्स को डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और काम के लिए सुविधानक माहौल बनाने को लेकर अपने सुझाव देने हैं। सुप्रीम कोर्ट ने वाइस एडमिरल सर्जन आरके सरीन, एशियन इंस्टीट्यूट ऑफ नेशनल गैस्ट्रोलॉजी के मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ. रेड्डी, एम्स दिल्ली के डायरेक्टर डॉ. एम श्रीवास, निमहंस बैंगलुरु के डॉ. प्रतिमा मूर्ति, एम्स जोधपुर के डायरेक्टर डॉ. पुरी, गंगाराम अस्पताल के एमडी डॉ. रावत, एक्स के कार्डियोलॉजी के प्रमुख प्रो. अनिता सक्सेना, मुंबई मेडिकल कॉलेज के डीन प्रो. पल्लवी सप्रे और एम्स के न्यूरोलॉजी डॉ. पद्मा श्रीवास्तव को टास्क फोर्स का सदस्य नियुक्त किया था। सुप्रीम कोर्ट ने इसके अलावा पांच पदेन सदस्यों में केंद्र सरकार के कैबिनेट सचिव, केंद्र सरकार के गृह सचिव, परिवार कल्याण मंत्रालय के सचिव, नेशनल मेडिकल कमीशन के चेयरपर्सन और नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनर्स के अध्यक्ष को नियुक्त किया है।

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