भारत की सेना अपनी सीमाओं से बाहर कई देशों में महत्वपूर्ण सैन्य उपस्थिति बनाए हुए है। ये तैनाती न केवल सुरक्षा और कूटनीतिक संबंधों को मजबूत करती हैं, बल्कि वैश्विक स्तर पर भारत की सामरिक स्थिति को भी सुदृढ़ करती हैं। भारतीय सेना ताजिकिस्तान, भूटान, मेडागास्कर, मॉरीशस, ओमान और सिंगापुर जैसे देशों में अपनी तैनाती और सहयोग से महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। आइए जानते हैं इन देशों में भारतीय सेना की मौजूदगी और उनके महत्व के बारे में।
ताजिकिस्तान के दक्षिणी क्षेत्र में स्थित फरखोर एयर बेस भारतीय सेना का पहला विदेशी सैन्य अड्डा है। यह ताजिक वायु सेना के सहयोग से स्थापित किया गया था और मध्य एशिया में भारत की सामरिक उपस्थिति को मजबूत करता है। यह बेस भारतीय वायुसेना को इस क्षेत्र में संचालन करने और रणनीतिक पहुंच प्रदान करने में सक्षम बनाता है। अफगानिस्तान और पाकिस्तान के करीब होने के कारण यह अड्डा भारतीय सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण संपत्ति है।
भूटान में भारतीय सेना की उपस्थिति भारतीय सैन्य प्रशिक्षण दल (IMTRAT) के माध्यम से बनी हुई है। यह दल रॉयल भूटान आर्मी और रॉयल बॉडीगार्ड ऑफ भूटान को प्रशिक्षण प्रदान करता है। भूटान और भारत के बीच मजबूत सामरिक और कूटनीतिक संबंध हैं, और IMTRAT इन संबंधों को और मजबूती प्रदान करता है। यह भारत के उत्तर-पूर्वी सीमा क्षेत्र की सुरक्षा के लिए भी अहम है, जिससे दोनों देशों के रक्षा क्षेत्र में सामंजस्य बना रहता है।
मेडागास्कर के उत्तरी हिस्से में स्थित भारत की एक निगरानी चौकी 2007 में स्थापित की गई थी। यह चौकी भारत की पहली विदेशी इलेक्ट्रॉनिक खुफिया जानकारी जुटाने वाली सुविधा है। इसका मुख्य उद्देश्य समुद्री खतरों की निगरानी और हिंद महासागर में सामरिक स्थिति की जानकारी हासिल करना है। यह अड्डा भारत को हिंद महासागर क्षेत्र में सुरक्षा चुनौतियों का सामना करने और समुद्री व्यापार मार्गों को सुरक्षित रखने में मदद करता है।
मॉरीशस के अगालेगा द्वीप पर स्थित भारतीय सैन्य अड्डा भारत-मॉरीशस सैन्य सहयोग के तहत विकसित किया गया है। यह अड्डा भारत के लिए हिंद महासागर में एक महत्वपूर्ण रणनीतिक स्थल है। भारत इस क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा सुनिश्चित करने, चीन की बढ़ती गतिविधियों पर नजर रखने, और समुद्री व्यापार मार्गों की सुरक्षा के लिए इस अड्डे का उपयोग करता है।
ओमान में भारतीय सेना की दो प्रमुख सुविधाएं हैं—रास अल हद में एक निगरानी चौकी और दुक़म में एक सैन्य सुविधा। दुक़म भारतीय नौसेना और वायुसेना के लिए एक महत्वपूर्ण केंद्र है, जो रसद सहायता और रखरखाव सेवाएं प्रदान करता है। ओमान के साथ इस सहयोग से भारत को खाड़ी क्षेत्र में मजबूत सामरिक उपस्थिति बनाए रखने में मदद मिलती है और यह पश्चिम एशिया के जियोपॉलिटिक्स में भारत की भूमिका को सुदृढ़ करता है।
सिंगापुर के चांगी नौसेना बेस पर भारतीय नौसेना की तैनाती भारत और सिंगापुर के बीच घनिष्ठ सैन्य सहयोग का परिणाम है। यह बेस भारतीय नौसेना के जहाजों के लिए एक मंच के रूप में कार्य करता है, जिससे भारत को मलक्का जलडमरूमध्य में रणनीतिक उपस्थिति बनाए रखने में मदद मिलती है। यह जलमार्ग दुनिया के सबसे महत्वपूर्ण समुद्री व्यापार मार्गों में से एक है, और इस क्षेत्र में भारतीय नौसेना की उपस्थिति वैश्विक व्यापार सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है।
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