भारत के भगोड़े जाकिर नाइक को पाकिस्तानी सरकार द्वारा सरकारी मेहमान बनाया जाना शायद वहां की महिलाओं को बिल्कुल पसंद नहीं आ रहा है। वहां की आजाद लड़कियां हैरान हैं कि आखिर यह किस तरह की बातें करता है। पहले यतीम लड़कियों के साथ फोटो न खिंचवाने वाला जाकिर नाइक अब मुस्लिम महिलाओं पर और भी आपत्तिजनक बयान दे रहा है।
पाकिस्तान में एक इंटरव्यू में जाकिर नाइक ने कहा, ‘अगर कोई आदमी टीवी पर किसी महिला को 20 मिनट तक देखता है और उसके शरीर में हलचल नहीं होती है तो उसे डॉक्टर के पास जाना चाहिए।’ जाकिर नाइक के अनुसार ऐसा आदमी जिसे किसी औरत को टीवी में देखकर हलचल नहीं होती है तो बीमार है। उसे कोई बीमारी है, वह गड़बड़ है। उसने कहा कि ऐसा हो ही नहीं सकता कि कोई हलचल न हो, हाँ, हलचल छिपा ले तो बात दूसरी है।’ इसी इंटरव्यू में वह यहां तक कह रहा है कि औरतों को प्रधानमंत्री नहीं बनना चाहिए।
इस वीडियो के वायरल होते ही पाकिस्तान में लोग तरह-तरह की बातें कर रहे हैं। एंकर आबसा कोमल ने लिखा कि ऊपर वाला इस सेक्सुअली फ्रस्ट्रेटेड आदमी से बचाए। जिसने भी इसे सरकार का मेहमान बनाने का आइडिया दिया था, ऊपरवाला उसकी ही मदद करे। पाकिस्तान में लोग जाकिर नाइक से बहुत गुस्सा हैं। पाकिस्तान के वकील और लेखक मुनीब कादिर ने लिखा कि जाकिर नाइक के यह कहने से कि 20 मिनट तक महिलाओं को देखते रहने से आदमियों में हलचल होने लगती है, इसने पाकिस्तानी टेलीवीजन को पूरी तरह से पोर्नोग्राफी में बदल दिया है!
इसी वीडियो में वह कह रहा है कि क्यों कोई खातून प्रधानमंत्री बने, क्या सारे मर्द मर गए हैं उस मुल्क के? उसके बाद वह कहता है कि अल्लाह कहते हैं कि एक ना मेहरम को अगर आपने छू लिया तो उससे बेहतर है कि एक कीला सिर से नीचे तक डाल दिया जाए।
इससे पहले बलात्कार को भी लेकर जाकिर नाइक ने जो कहा था, उससे भी लोग गुस्सा हैं। जाकिर नाइक ने महिलाओं को ही उनके बलात्कार के लिए दोषी ठहराया था। जाकिर का कहना था कि औरतों को साफ निर्देश इस्लाम में दिए गए हैं कि वे शरीर को ढक कर रखें। केवल चेहरा ही दिखना चाहिए। इस बात से भी ऐतराज है कि लड़कियां गैर मरहम मर्दों से हाथ मिलाती हैं। जाकिर नाइक का यह वीडियो जब वायरल हुआ तो लोगों का गुस्सा फूट पड़ा। पाकिस्तान के लोगों ने कहा कि यह जाहिल आदमी है। लोगों ने कहा कि यह कितनी गंदी सोच है कि लड़की के कपड़ों को ही खराब ठहरा दिया जाए। एक यूजर ने लिखा कि इस आदमी को बोलते हुए सुनकर मैं भीतर से बीमार महसूस करता हूँ।
भारत के लिबरल की झूठी नाराजगी
भारत के कथित लिबरल इन दिनों जाकिर नाइक का विरोध कर रहे हैं और उसे मानसिक बीमार बता रहे हैं। मगर ये वही लोग हैं जिन्होंने उसके भारत में रहते समय किसी भी तरह से उसकी ऐसी तकरीरों का विरोध नहीं किया था। याद रखा जाए कि यह वही जाकिर नाइक है, जो लिबरल पत्रकारों की नजर में एक ऐसा लिबरल मुसलमान था, जो कोट-पैंट पहनकर इस्लामी तकरीरें देता था।
उन्होंने उसे आधुनिक मुस्लिम प्रीचर साबित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी। यह भी नहीं भूलना चाहिए कि कांग्रेस के शासनकाल में जाकिर नाइक सरकारी दामाद की तरह रहा था। वह ऑन कैमरा हिंदुओं को मुस्लिम बनाता रहा था। उसे छूने की ताकत किसी भी नेता में नहीं थी।
कांग्रेस के शासनकाल में वह पुलिस अधिकारियों के साथ संवाद करता था, उन्हें भाषण देता था। और इतना ही नहीं वर्ष 2011 में इसके इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन ने गांधी परिवार के पारिवारिक ट्रस्ट राजीव गांधी फाउंडेशन को 50 लाख रुपए का चंदा दिया था। हालांकि बाद में विवाद बढ़ने पर और मोदी सरकार के आने के बाद इस फाउंडेशन ने इस जहरीले इंसान का पैसा लौटा दिया था। भारत का लिबरल वर्ग तब मोदी सरकार की आलोचना कर रहा था कि वह ऐसा कैसे कर सकती है कि जाकिर नाइक के टीवी पर प्रतिबंध लगा सकती है और जाकिर के खिलाफ भी कार्रवाई कर सकती है। उसकी जहरीली तकरीरें सुन-सुनकर पड़ोसी बांग्लादेश और श्रीलंका के भी लोग कट्टरपंथ का रास्ता ले रहे थे और यही कारण था कि उसके पीस टीवी पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। ढाका में एक बेकरी पर हुए हमले का दृश्य सभी को याद होगा। उसके एक हमलावर ने कहा था कि वह जाकिर नाइक के पीस टीवी से बहुत प्रभावित है।
यह भी नहीं भूलना चाहिए कि दिग्विजय सिंह जैसे नेता उसके साथ मंच साझा करते थे और शेखर गुप्ता जैसे पत्रकार उसके साथ शान से इंटरव्यू लिया करते थे।
क्या अपनी पोल खुलने के डर से आलोचना कर रहे कथित लिबरल ?
ऐसे में प्रश्न यह उठता है कि जब तक आलोचना नहीं की तो अब ऐसा क्या हुआ है? न ही जाकिर ने कुछ नया कहा है और न ही कुछ ऐसा कहा है जो उससे अपेक्षित नहीं था। उसने वही कहा जो वह लगातार भारत में कहता था। फिर ऐसा क्या हुआ है कि वे अपने प्रिय जाकिर नाइक की आलोचना कर रहे हैं? दरअसल जिस प्रकार से पाकिस्तान के उदारवादी लोगों ने जाकिर नाइक को कोसना शुरू किया, उसकी गंदी बातों का विरोध करना शुरू किया और यह कहना शुरू किया कि इंडिया ने जाकिर नाइक को सही प्रतिबंधित किया तो शायद भारत के उस लिबरल गिरोह के सामने अपना चेहरा छुपाने के लिए कोई जगह नहीं बची थी, जो कल तक यह कहते हुए आ रहे थे कि जाकिर नाइक को केवल मुसलमान होने के कारण ही मोदी सरकार परेशान कर रही है। सोशल मीडिया पर यह कहा जाने लगा था कि पाकिस्तान के मुस्लिमों को जाकिर का असली चेहरा दिख गया, मगर यहां के लिबरल और मुसलमानों को नहीं, तो शायद वे अपनी पोल खुलने के डर से अपने ही प्रिय जाकिर नाइक की आलोचना कर रहे हैं।
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