बांग्लादेश में हिंदू समुदाय की दुर्गा पूजा को लेकर एक बार फिर से गंभीर हालात पैदा हो गए हैं। हाल ही में ढाका में 35 से अधिक दुर्गा पूजा पंडालों पर उपद्रवियों ने हमला किया, जिससे पूजा के पवित्र आयोजन में बाधा उत्पन्न हुई। एक पूजा पंडाल पर पेट्रोल बम फेंका गया। हालांकि वह फटा नहीं। लोगों ने आरोपी को पकड़ा तो उसे छुड़ाने के लिए हथियारों से लैस उपद्रवी आ गए। ये घटनाएं बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं की स्थिति पर फिर से चिंता का विषय बन गई हैं। खासकर जब दुर्गा पूजा जैसे महत्वपूर्ण धार्मिक पर्व पर उपद्रवियों द्वारा हमला और तोड़फोड़ होती है, तो यह सवाल उठना स्वाभाविक है कि आखिर बांग्लादेश में हिंदू समुदाय की सुरक्षा कब सुनिश्चित की जाएगी।
भारत सरकार की ओर से इस पर कड़ी नाराजगी जतायी गई है। भारत के विदेश मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि हमारे संज्ञान में आया है कि ढाका के तंती बाजार पूजा मंडप में हमला हुआ है। काली मंदिर से मुकुट भी चोरी हुआ है। यह बहुत ही सोचनीय है। कई दिनों से हम देख रहे हैं कि हमलावरों का मंदिरों में तोड़फोड़ का एक ही पैटर्न है। बांग्लादेश सरकार हिंदुओं और अल्पसंख्यकों तथा उनके पूजा स्थलों की सुरक्षा सुनिश्चित करे।
दुर्गा पूजा पंडालों पर हमले
बांग्लादेश में इस साल दुर्गा पूजा से पहले कई मुस्लिम संगठनों द्वारा हिंदुओं को धमकियां दी गई थीं कि वे दुर्गा पूजा न मनाएं। इन धमकियों के बीच, ढाका में कई दुर्गा पूजा पंडालों पर हमले हुए, जिनमें पेट्रोल बम का भी इस्तेमाल किया गया। इससे न केवल हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंची, बल्कि पूजा के बीच हुए इस व्यवधान ने उनके त्योहार की पवित्रता को भी आघात पहुंचाया।
धमकियों और हमलों के बावजूद, बांग्लादेश पुलिस ने 17 लोगों को गिरफ्तार किया है और 12 से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं। फिर भी, ऐसे हमलों की पुनरावृत्ति और बढ़ती हिंसा ने हिंदू समुदाय के भीतर गहरे रोष को जन्म दिया है। खासकर ऐसे समय में, जब बांग्लादेश की आबादी में हिंदू केवल 8% हैं, अल्पसंख्यक समुदाय के लिए यह स्थिति और भी संवेदनशील हो जाती है।
सोने का मुकुट चोरी
इन घटनाओं के बीच, बांग्लादेश के सतखीरा जिले के एक मंदिर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उपहार में दिया गया सोने का मुकुट भी चोरी हो गया। यह घटना दुर्गा पूजा के समय हुई, जब देशभर में हिंदू अपने प्रमुख धार्मिक पर्व को मना रहे थे। सोने के मुकुट की चोरी ने न केवल हिंदुओं को आहत किया, बल्कि भारत और बांग्लादेश के बीच इस मुद्दे पर चिंता भी बढ़ाई। पुलिस ने आश्वासन दिया कि जिम्मेदार लोगों को जल्द ही पकड़ा जाएगा, लेकिन इस तरह की घटनाएं सुरक्षा व्यवस्था की कमी को उजागर करती हैं।
दुर्गा पूजा में बढ़ते हमले और धार्मिक असहिष्णुता
यह पहली बार नहीं है जब बांग्लादेश में हिंदुओं को दुर्गा पूजा के दौरान इस तरह के उत्पीड़न का सामना करना पड़ा है। पिछले कुछ सालों में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर लगातार हमले हो रहे हैं। यह देखा गया है कि जब भी देश में कोई राजनीतिक बदलाव या अस्थिरता होती है, तो अल्पसंख्यक समुदाय विशेषकर हिंदू, उत्पीड़न के शिकार बनते हैं। बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के पद से हटने के बाद हिंदुओं पर होने वाले हमले बढ़े हैं। इस दौरान उनके व्यापारिक प्रतिष्ठानों और संपत्तियों पर भी हमले हुए और कई मंदिरों को भी नुकसान पहुंचाया गया।
सोशल मीडिया पर आक्रोश और बांग्लादेश सरकार की प्रतिक्रिया
हमले के बाद बांग्लादेश में सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो गया, जिसमें उपद्रवी चटगांव में दुर्गा पूजा मंडप पर हमला करते हुए दिखाई दिए। यह वीडियो लोगों में और अधिक आक्रोश का कारण बना। इसके अलावा, पुलिस ने इस्लामी क्रांति का आह्वान करने वाले गाने को लेकर भी जांच शुरू की है, जो दुर्गा पूजा के दौरान बजाया गया था। इन घटनाओं पर पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) मोहम्मद मोइनुल इस्लाम ने कहा कि पूजा के दौरान अराजकता फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
बांग्लादेश में हिंदुओं की स्थिति लगातार बिगड़ रही है और ऐसे हमले उनकी धार्मिक स्वतंत्रता पर सीधा प्रहार करते हैं। दुर्गा पूजा, जो हिंदुओं का प्रमुख धार्मिक पर्व है, पर इस प्रकार के हमले एक गंभीर चिंता का विषय हैं।
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