10 अक्टूबर 2024 को लेह, लद्दाख में एक बहुत ही खास नजारा देखने को मिला। यहाँ के आसमान में चमकते हुए ऑरोरा ने सबको हैरान कर दिया। यह घटना एक बड़े सौर तूफान के धरती के चुंबकीय क्षेत्र से टकराने के कारण हुई।
लेह में स्थिति देश की सबसे ऊंची ऑब्जरवेटरी हान्ले से इस अद्भुत नजारे को देखा गया। यहां लाल रंग की ऑरोरा देखी गई, जिसे भारतीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के टेलिस्कोप से कैप्चर किया गया। इसके अलावा, अमेरिका के न्यू मैक्सिको और अलबामा जैसे स्थानों पर भी ऑरोरा देखी गई।
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ऑरोरा, जिसे हम “नॉर्दर्न लाइट्स” भी कहते हैं, आमतौर पर उन जगहों पर देखी जाती हैं जो बहुत ऊँचाई पर होती हैं, जैसे कि आर्कटिक। लेकिन इस साल सूर्य की गतिविधियों ने इनकी दृश्यता को दक्षिण तक बढ़ा दिया।
इस अद्भुत नजारे का कारण एक शक्तिशाली कोरोनल मास इजेक्शन (CME) था। यह CME 9 अक्टूबर को एक सौर फ्लेयर से निकला था और इसकी गति 1.5 मिलियन मील प्रति घंटे थी। NOAA (नेशनल ओशनिक एंड एटमॉस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन) ने इस भू-चुंबकीय तूफान को G4 श्रेणी में रखा, जिसका मतलब है कि यह बहुत गंभीर हो सकता है और इससे बिजली की लाइनों और उपग्रहों पर असर पड़ सकता है।
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ऑरोरा कई रंगों के होते हैं-लाल, नीला और बैंगनी। ये रंग तब बनते हैं जब सूर्य से आने वाले चार्ज कण पृथ्वी के वायुमंडल में मौजूद नाइट्रोजन और ऑक्सीजन से टकराती हैं।
यह दृश्य बहुत सुंदर था। हालांकि वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी कि इस तूफान से कुछ तकनीकी समस्याएँ भी हो सकती हैं। जैसे कि रेडियो संचार में पहले से ही बाधाएँ आना शुरु हो गई थी और उपग्रहों की नेविगेशन प्रणाली प्रभावित होने की संभावना है। पावर कंपनियों और विमानन अधिकारियों को सलाह दी गई थी कि वे स्थिति पर नजर रखें।
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यह भू-चुंबकीय तूफान सूर्य की बढ़ती हुई सौर गतिविधि का हिस्सा है। सूर्य अपने सौर अधिकतम की ओर बढ़ रहा है, जिसके 2025 तक अपने शीर्ष पर पहुँचने की उम्मीद है। उस दौरान हमें और भी सौर तूफान और ऑरोरा देखने को मिल सकते हैं।
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