वीवो का 70,000 करोड़ का खेल : ED ने खोली चीनी कंपनी की पोल
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वीवो का 70,000 करोड़ का खेल : ED ने खोली चीनी कंपनी की पोल

हांगकांग से संचालन, फर्जी कंपनियों का जाल, पैसों का विदेश ट्रांसफर, जानें कैसे वीवो ने भारत में चलाया अरबों का घोटाला

by Parul
Oct 8, 2024, 06:08 pm IST
in विश्व
भारत से बाहर भेजे ₹70,000 करोड़

भारत से बाहर भेजे ₹70,000 करोड़

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प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने चीनी मोबाइल कंपनी वीवो पर गंभीर आरोप लगाए हैं। ईडी का कहना है कि वीवो ने भारत से ₹70,000 करोड़ बाहर भेजे हैं। यह पैसा सामान खरीदने के नाम पर बाहर भेजा गया । लेकिन असल में इसे वीवो से जुड़ी कंपनियों को चीन में भेजा जा रहा था।

कैसे हुआ यह सब?

ईडी के अनुसार हांगकांग के यिप फंग बिल्डिंग में एक विशेष कमरे से वीवो की भारत में गतिविधियों का संचालन किया जाता था। वीवो चीन ने अपने कामकाज को भारत में स्थानीय वितरकों के जरिए चलाया। वीवो चीन ने अपने असली नियंत्रण को छिपाने के लिए कई कंपनियों का एक जटिल जाल बनाया। ताकि किसी को पता न चले कि असल में वे ही सब कुछ चला रहे हैं। वीवो इंडिया और इसके 23 राज्य वितरक कंपनियों के जरिए यह सब किया गया।

ये भी पढ़े- Male से चीन पर नजर रखेगी भारत की ‘आंख’, कभी China को आका मानने वाले Muizzu ने दिखाई Indian Radars की तैनाती को हरी झंडी

ईडी के साक्ष्य ?
1. विदेशी नियंत्रण: ईडी का कहना है कि वीवो चीन, वीवो इंडिया का पूर्ण संचालन करता है। जबकि कागजों पर उसने अलग दिखने की कोशिश की। वह चाहता था कि लोग सोचें कि दोनों अलग हैं, लेकिन असल में वह ही सब कुछ चला रहा था।

2. पैसे का हस्तांतरण: 2014 से वीवो मोबाइल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने ₹70,837 करोड़ भारत से बाहर भेजे हैं। इस लेन-देन से लगभग ₹20,241 करोड़ की राशि अपराध के रूप में सामने आई है। उन्होंने इसे आयात के भुगतान के रूप में छिपाया।
3. गलत जानकारी: एजेंसी का आरोप है कि वीवो इंडिया और इसके वितरकों ने भारतीय सरकार को गलत जानकारी दी। जिससे उनकी गतिविधियों पर किसी का ध्यान न जाए।
4. विशेष कंपनियां: ईडी ने यह भी बताया कि वीवो चीन ने अपनी गतिविधियों को छिपाने के लिए कई कंपनियों का सहारा लिया। हांगकांग, समोआ और ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड्स जैसे देशों में खास कंपनियां बनाई हैं।
5. भारतीय कंपनियों की भागीदारी: ईडी का कहना है कि वीवो चीन ने एक भारतीय कंपनी, लैबक्वेस्ट इंजीनियरिंग प्राइवेट लिमिटेड, का भी इस्तेमाल किया। इसका उपयोग उसने उन व्यापार गतिविधियों के लिए किया जो भारत के विदेशी निवेश नियमों के खिलाफ थीं।
6. छिपे हुए संबंध: उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कुछ चीनी लोगों ने भारत में आने के लिए लावा इंटरनेशनल लिमिटेड का इस्तेमाल किया। जिससे वो बिना किसी शक के भारत आ सकें।

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चार्जशीट की मुख्य बातें

चार्जशीट में कहा गया है कि भारत में वीवो मोबाइल्स के सभी संचालन वीवो चीन द्वारा नियंत्रित थे। वीवो चीन ने अपनी संबंधों को छिपाने की कोशिश की ताकि भारतीय कानून प्रवर्तन एजेंसियों का ध्यान न जाए। एक आईटी प्रबंधक ने बताया कि वह सीधे हांगकांग में काम कर रहे एक चीनी नागरिक को रिपोर्ट करता था।

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Topics: financial misconduct in Indiainternational money transfer fraudIndian government investigationVivo China connectionivo scam India70000 crore fraudEnforcement Directorate investigationChinese company Vivomoney laundering allegationsVivo India operationsHong Kong Vivo activitiesfake companies network
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