श्रीनगर । जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के नतीजे सामने आ चुके हैं, जिसमें नैशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) और कांग्रेस के गठबंधन ने 90 सीटों में से 47 सीटें जीतकर बहुमत का आंकड़ा पार कर लिया है। एनसी ने 41 सीटों पर कब्जा जमाया, जबकि कांग्रेस ने 6 सीटें जीतीं। लेकिन इस चुनाव में बीजेपी का प्रदर्शन भी खासा चर्चा में रहा, क्योंकि उसने 29 सीटों पर जीत हासिल कर अपने प्रदर्शन में सुधार किया। पिछले विधानसभा चुनाव में 25 सीटें जीतने वाली बीजेपी ने इस बार 4 सीटों का इजाफा करते हुए बेहतर प्रदर्शन किया।
बीजेपी का उल्लेखनीय प्रदर्शन
बीजेपी के लिए यह चुनाव विशेष रूप से महत्वपूर्ण रहा, क्योंकि उसने कई मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। किश्तवाड़ जैसे क्षेत्र में, जहां पहले बीजेपी का प्रभाव कम था, वहां पार्टी के प्रत्याशी शगुन परिहार ने जम्मू-कश्मीर नैशनल कॉन्फ्रेंस के उम्मीदवार सज्जाद अहमद किचलू को 521 मतों के अंतर से हराकर शानदार जीत दर्ज की।
इसके अलावा, जम्मू, उधमपुर, डोडा, कठुआ, और अन्य इलाकों में बीजेपी ने उल्लेखनीय जीत हासिल की है, जिसमें से कई क्षेत्रों में अनुसूचित जाति (अ.जा.) की सीटों पर भी पार्टी ने अपनी पकड़ मजबूत की है। बीजेपी के इस प्रदर्शन को जम्मू-कश्मीर में बदलती राजनीति और पार्टी के बढ़ते जनाधार के रूप में देखा जा रहा है।
प्रमुख भाजपा विजेता उम्मीदवार
बीजेपी का भविष्य और चुनौतियां
भले ही एनसी-कांग्रेस गठबंधन ने बहुमत हासिल कर लिया हो, लेकिन बीजेपी का इस बार का प्रदर्शन यह संकेत देता है कि भारतीय जनता पार्टी ने जम्मू-कश्मीर में अपनी पकड़ को और मजबूत किया है। खासकर उन क्षेत्रों में जहां पहले उसकी उपस्थिति कम थी। मुस्लिम बहुल इलाकों में भी बीजेपी की जीत को इस बदलाव के संकेत के रूप में देखा जा रहा है।
हालांकि, बहुमत से दूर रहने के कारण पार्टी राज्य में सरकार नहीं बना पाई, लेकिन बीजेपी नेताओं का मानना है कि उन्होंने राज्य की राजनीति में महत्वपूर्ण जगह बना ली है। बीजेपी के लिए यह परिणाम 2024 के लोकसभा चुनावों के मद्देनजर एक मजबूत संकेत है।
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