इजरायल हिजबुल्लाह युद्ध के बीच आईडीएफ ने पुष्टि की है कि गाजा पट्टी के वास्तविक प्रधानमंत्री कहे जाने वाले आतंकी संगठन के सीनियर अधिकारी रावी मुश्तहा कई माह पहले ही इजरायली हमले में मारे गए थे। हालांकि, अब तक इस बात का खुलासा नहीं हो सका था, लेकिन अब इजरायल ने इसकी पुष्टि कर दी है।
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सेना और शिन बेट के अनुसार, मुश्तहा को तीन माह पहले गाजा पट्टी में एक हमले में निशाना बनाया गया था। इसके साथ ही हमास के अधिकारी समेह अल सिराज, जो हमास के राजनीतिक ब्यूरो में सुरक्षा पोर्टफोलियो रखते थे। इसके साथ ही सामान्य सुरक्षा तंत्र के समी ओदेह पर भी हमले किए गए थे। लेकिन, अब तीन माह के बाद इस बात का खुलासा हुआ है।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, हमास अभी भी इस बात को छुपाने की कोशिश कर रहा है। हमास के अधिकारियों ने इस बात की पुष्टि नहीं की है। आईडीएफ का कहना है कि उसके पास इसको लेकर बहुत ही सटीक खुफिया इनपुट्स थे, जिसके बाद हमने उसे हिट किया था। आईडीएफ का कहना है कि हमास अपने नुकसान को छिपाने की कोशिश कर रहा है। इजरायली डिफेंस के मुताबिक, मुश्ताहा और सिनवार ने एक साथ इजरायली जेल में जेल की सजा काटी थी। जब वह जेल से बाहर आया तो उसने हमास के साथ सामान्य सुरक्षा तंत्र की स्थापना की थी।
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बताया जाता है कि मुश्ताहा को गाजा पट्टी में हमास के राजनीतिक ब्यूरो में सबसे सीनियर व्यक्ति माना जाता है। मुश्ताहा हमास के मुख्य आतंकी गतिविधियों में शामिल था। वह हमास के सबसे वरिष्ठ गुर्गों में से एक माना जाता था।
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