उत्तर बस्तर कांकेर जिले में स्थित परतापुर के सलियापारा बाजार में 30 जनवरी, 2021 को माओवादी आतंक का एक भयावह उदाहरण देखने को मिला।
इस दिन पुलिस आरक्षक सुकलूराम दुग्गा और उनके छोटे भाई चौनसिंह खरीदारी के लिए बाजार में थे, जब अचानक नक्सलियों ने धावा बोल दिया। नक्सलियों ने सुकलूराम की कनपटी पर पिस्तौल तानकर गोली चला दी, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई।
इसके बाद माओवादी ने उनके सिर पर टंगिया (स्थानीय धारदार हथियार) से वार करके उनके टुकड़े-टुकड़े कर दिए। इस दौरान चैनसिंह ने खुद को बचाने की कोशिश की और मौके से भागने लगे, तभी नक्सलियों ने उन्हें भी निशाना बनाकर फायरिंग कर दी।
इसके बावजूद चैनसिंह भागने में सफल रहे, लेकिन गोली पटेल पारा के रहने वाले मुरहाराम टाण्डिया को लगी। हालांकि उनकी जान बच गई, लेकिन उनका दाहिना कंधा हमेशा के लिए खराब हो गया।
मुरहाराम के इलाज में उनका परिवार पूरी तरह से कंगाल हो गया है। अब उनके परिवार में कमाने वाला कोई नहीं है। नक्सलियों ने न केवल मुरहाराम की शारीरिक स्थिति को प्रभावित किया है, बल्कि उनके परिवार की आर्थिक स्थिति को भी बुरी तरह प्रभावित किया है। शारीरिक अशक्तता के कारण उनके परिवार की रोजी-रोटी संकट में है।
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