नई दिल्ली । जोधपुर में बाल विवाह के खिलाफ एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया गया है। किसान परिवार की बेटी 21 वर्षीय अनीता, की शादी महज चार महीने की उम्र में कर दी गयी थी। लेकिन, अब 20 साल बाद वह बाल विवाह की इन बेड़ियों से मुक्त हो गई है। जोधपुर के पारिवारिक न्यायालय संख्या 2 के न्यायाधीश वरुण तलवार ने अनीता के बाल विवाह को निरस्त करने का आदेश दिया है। इसके साथ ही अदालत ने बालिका वधु को वाद खर्च भी दिलवाने का निर्णय लिया।
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अनीता के मामले में सारथी ट्रस्ट ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। ट्रस्ट की मैनेजिंग ट्रस्टी डॉ. कृति भारती ने अनीता को कानूनी सहायता प्रदान की। अनीता को उसके ससुराल पक्ष की ओर से गवना कराने के लिए लगातार दबाव और धमकियां मिल रही थी।
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जोधपुर के पारिवारिक न्यायालय में दायर याचिका में अदालत को बाल विवाह और अनीता की आयु से संबंधित सभी तथ्यों से अवगत कराया गया। न्यायाधीश वरुण तलवार ने अनीता के मामले को गंभीरता से लिया और इसे बाल विवाह करने वालों के लिए एक सीख के रूप में प्रस्तुत किया।
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