सनातन धर्म को खत्म करने की बात करने वाले उदयनिधि स्टालिन को प्रमोट करके तमिलनाडु एम के स्टालिन ने प्रदेश का डिप्टी सीएम बना दिया है। इसके साथ ही कैबिनेट में फेरबदल करते हुए डॉ गोवी चेझियन को उच्च शिक्षा विभाग के साथ चौथे दलित मंत्री के तौर पर नियुक्त किया गया है।
शपथ ग्रहण समारोह 29 सितंबर को चेन्नई के राजभवन में होगा। दावा किया जा रहा है कि इससे पार्टी और सरकार के भीतर बढ़ते प्रभाव को और मजबूत करेगा। इससे पहले तक उदयनिधि तमिलनाडु के खेल विकास मंत्री थे। कहा जा रहा है कि उदयनिधि स्टालिन ने ही अपने पिता से कुछ प्रशासनिक बोझ कम करने के लिए पदोन्नति करने की मांग की थी।
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हालांकि, स्टालिन पिछले सप्ताह अमेरिका के दौरे पर गए हुए थे, जिस कारण से पूर्व नियोजित ये पदोन्नति अब तक नहीं हो सकी थी। हाल ही में डीएमके ने अपनी पार्टी की 75वीं वर्षगांठ हीरक जयंती मनाई थी। लेकिन, बाद में पार्टी को लगा कि औपचारिक घोषणा करने का वक्त आ गया है। इसके साथ ही इस फेरबदल में सेंथिल बालाजी को भी प्रदेश मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है। खास बात ये है कि दो दिन पहले ही उन्हें जेल से रिहा किया गया था।
उन्हें प्रदेश में नौकरी घोटाले और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी द्वारा गिरफ्तारी के बाद इस्तीफा देने से पहले उनके पास जो विभाग थे, उन्हें वापस कर दिया था।
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उदयनिधि स्टालिन में परिपक्वता की कमी
गौरतलब है कि तमिलनाडु का उप मुख्यमंत्री बनाए जाने पर प्रदेश भाजपा ने उदयनिधि स्टालिन ने उनपर जमकर हमला किया। तमिलनाडु भाजपा के उपाध्यक्ष नारायण तिरुपति ने कहा कि उदयनिधि स्टालिन में इतनी भी परिपक्वता नहीं है कि वह डिप्टी सीएम बन सकें या फिर मंत्री भी बन सकें। उन्होंने सवाल किया कि आखिर वह डिप्टी सीएम कैसे बन सकते हैं। तमिलनाडु सरकार को इस पर शर्म आनी चाहिए।
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