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‘यह मेरी जिम्मेदारी नहीं’ : यह सुनते ही भड़क उठे AAP विधायक, दिल्ली जल बोर्ड कर्मचारी को जूते से पीटा, एफआईआर दर्ज

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SHIVAM DIXIT

नई दिल्ली । बुधवार रात को दिल्ली जल बोर्ड के एक कर्मचारी सतपाल सिंह ने आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायक अखिलेश पति त्रिपाठी के खिलाफ मारपीट का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज कराई है। त्रिपाठी दिल्ली के मॉडल टाउन से विधायक हैं, और यह घटना तब हुई जब त्रिपाठी 20-25 लोगों के साथ कल्याण विहार स्थित सीवेज पंपिंग स्टेशन पर पहुंचे। एफआईआर के अनुसार, त्रिपाठी ने सतपाल सिंह के साथ मारपीट की, जब वह स्टेशन पर काम कर रहे थे।

क्या है मामला.?

59 वर्षीय सतपाल सिंह ने आरोप लगाया है कि जब वह सीवेज पंपिंग स्टेशन पर अपने काम में व्यस्त थे, तो अखिलेश त्रिपाठी अपने समर्थकों के साथ वहां पहुंचे और पूछा कि क्या सीवेज का पानी निकल गया है। सतपाल सिंह ने जवाब दिया कि पंप चालू है, लेकिन सीवेज का पानी निकलने की जिम्मेदारी उनकी नहीं है। यह सुनते ही, त्रिपाठी ने कथित तौर पर सतपाल सिंह को थप्पड़ मारा और फिर जूते से मारा, जिससे वह जमीन पर गिर गए। एफआईआर के अनुसार, त्रिपाठी के साथ आए लोगों ने भी सिंह पर हमला किया।

सतपाल सिंह ने आगे कहा कि इस घटना के दौरान वहां मौजूद किसी ने भी उसकी मदद नहीं की, और पुलिस को सूचित करने में भी घंटों की देरी हो गई। पुलिस को घटना की जानकारी तब मिली जब सिंह का एक साथी शिफ्ट बदलने के लिए स्टेशन पर आया। इसके बाद सतपाल सिंह को इलाज के लिए बाबू जगजीवन राम मेमोरियल अस्पताल में भर्ती कराया गया।

एफआईआर में क्या लिखा है.?

एफआईआर के मुताबिक, अखिलेश त्रिपाठी और उनके समर्थकों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है:

  • धारा 221 : सार्वजनिक कार्यों के निर्वहन में एक लोक सेवक को बाधा डालना।
  • धारा 132 : लोक सेवक को उसके कर्तव्य के निर्वहन से रोकने के लिए हमला या आपराधिक बल का प्रयोग।
  • धारा 121 (1) : स्वेच्छा से लोक सेवक को उसके कर्तव्य से रोकने के लिए चोट पहुंचाना या गंभीर चोट पहुंचाना।
  • धारा 3 (5) : सामान्य इरादा।

पुलिस की प्रतिक्रिया

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, उत्तर पश्चिम दिल्ली के डिप्टी पुलिस कमिश्नर जितेंद्र मीना ने कहा कि पुलिस मामले की जांच कर रही है। उन्होंने कहा- “हम इस मामले की गहराई से जांच कर रहे हैं और जल्द ही तथ्यों को सामने लाएंगे”

वहीं इस मामले पर अभी तक विधायक अखिलेश त्रिपाठी की ओर से इस मामले पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। वहीं लोग इस मामले को लेकर सोशल मीडिया पर भी अपनी राय व्यक्त कर रहे हैं।

राजनीतिक हलचल

इस घटना से राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई है, और AAP विधायक पर लगे इस गंभीर आरोप ने पार्टी के भीतर और बाहर चर्चा का विषय बना दिया है। विपक्षी दलों ने भी इस मुद्दे को लेकर AAP सरकार पर हमला बोला है। बरहाल इस घटना ने दिल्ली में जल बोर्ड कर्मचारियों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। जांच के परिणाम आने तक यह मामला राजनीतिक और कानूनी दोनों मोर्चों पर चर्चा का विषय बना रहेगा। पुलिस इस मामले की जांच कर रही है, और जांच के नतीजों के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।

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