नई दिल्ली । भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने 1 अक्टूबर 2024 से मैसेजिंग सिस्टम में महत्वपूर्ण बदलाव लागू करने का निर्णय लिया है। इन नए निर्देशों के तहत अब केवल वही प्रेषक एसएमएस में यूआरएल (URL), एपीके (एंड्रॉइड पैकेज किट) और ओटीटी (ओवर द टॉप) लिंक भेज सकेंगे, जिन्हें विशेष अनुमति प्राप्त है। यह कदम उपभोक्ताओं को धोखाधड़ी और स्पैम से बचाने के लिए उठाया गया है, जिससे कि अनधिकृत लिंक के जरिए भेजे जाने वाले फर्जी संदेशों पर अंकुश लगाया जा सके।
ट्राई की पहल का उद्देश्य
ट्राई ने 20 अगस्त 2024 को सभी दूरसंचार सेवा प्रदाताओं को निर्देश जारी करते हुए कहा था कि श्वेत सूची (Whitelist) में शामिल नहीं किए गए किसी भी यूआरएल, एपीके या ओटीटी लिंक वाले ट्रैफिक को ब्लॉक किया जाए। यह निर्देश उपभोक्ताओं को सुरक्षित संचार प्रदान करने के उद्देश्य से जारी किया गया है। श्वेत सूची में शामिल लिंक को ही वैध माना जाएगा, जिससे उपभोक्ताओं तक केवल प्रामाणिक और सुरक्षित जानकारी ही पहुंचेगी।
70,000 से अधिक लिंक श्वेतसूची में शामिल
ट्राई ने सभी पंजीकृत प्रेषकों को सलाह दी है कि वे अपने वैध यूआरएल वाले एसएमएस ट्रैफिक को निर्बाध बनाए रखने के लिए श्वेतसूची में जल्द से जल्द अपने लिंक को अपलोड करें। अब तक 3,000 से अधिक पंजीकृत प्रेषकों ने 70,000 से अधिक लिंक को श्वेत सूची में जोड़कर ट्राई के निर्देश का अनुपालन किया है।
वहीं, जिन प्रेषकों ने नियत समय तक अपने लिंक को श्वेत सूची में नहीं डाला है, उनके किसी भी मैसेज में मौजूद लिंक को 1 अक्टूबर के बाद ब्लॉक कर दिया जाएगा। इसका सीधा मतलब है कि वे प्रेषक उपभोक्ताओं तक अपने लिंक वाले संदेश नहीं भेज सकेंगे, जिससे उनके व्यवसायिक संचार में बाधा उत्पन्न हो सकती है।
स्पैम और धोखाधड़ी पर नियंत्रण
ट्राई का यह निर्णय ऐसे समय में आया है जब मोबाइल पर एसएमएस के जरिए फर्जी लिंक भेजने के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। इन फर्जी लिंक का उद्देश्य उपभोक्ताओं को धोखा देकर उनकी व्यक्तिगत और वित्तीय जानकारी चुराना होता है। नए निर्देश के अनुसार, केवल पंजीकृत प्रेषक ही लिंक वाले संदेश भेज सकेंगे, जिससे धोखाधड़ी के मामलों पर कड़ा नियंत्रण किया जा सकेगा।
ट्राई के निर्देशों का अनुपालन अनिवार्य
ट्राई ने सभी टेलीकॉम सेवा प्रदाताओं को निर्देश दिए हैं कि वे सुनिश्चित करें कि 1 अक्टूबर तक सभी पंजीकृत प्रेषकों के लिंक श्वेतसूची में अपलोड हो जाएं। जिन प्रेषकों ने अभी तक अपने लिंक को अपलोड नहीं किया है, वे जल्दी से इस प्रक्रिया को पूरा करें। इस कदम से डिजिटल कम्युनिकेशन को सुरक्षित और अधिक विश्वसनीय बनाने में मदद मिलेगी।
प्रेषकों के लिए महत्त्वपूर्ण कदम
सभी पंजीकृत प्रेषकों के लिए यह अनिवार्य है कि वे समय पर अपने यूआरएल और लिंक को श्वेत सूची में शामिल करें। इसके लिए उन्हें अपने संबंधित एक्सेस प्रदाताओं के पोर्टल पर जाकर अपने लिंक अपलोड करने होंगे। यह सुनिश्चित करेगा कि उनके बिजनेस से जुड़े संदेश, प्रमोशनल कंटेंट और अन्य लिंक सही समय पर उपभोक्ताओं तक पहुंच सकें।
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