करवा चौथ का व्रत भारतीय संस्कृति में विशेष महत्व रखता है, विशेषकर महिलाओं के लिए जो अपने पतियों की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि के लिए इस व्रत को करती हैं। यह व्रत कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। इस साल करवा चौथ 20 अक्टूबर, रविवार को है। यह निर्जला व्रत दिनभर रखा जाता है और रात को चंद्रमा के दर्शन के बाद समाप्त होता है। इस दिन विशेष पूजा अर्चना की जाती है जिसमें शिव, पार्वती, कार्तिकेय, गणेश और चंद्रमा की पूजा की जाती है। मान्यता है कि इस व्रत को करने से पति की लंबी उम्र और जीवन में खुशहाली बनी रहती है।
करवा चौथ के त्यौहार की तैयारियों के लिए पूजा सामग्री की पूरी सूची निम्नलिखित है-
पूजा सामग्री की सूची-
चंदन, शहद, धूपबत्ती, फूल, कच्चा दूध, चीनी, मेहंदी, महावर, कंघी, बिंदी, शुद्ध घी, दही, मिठाई, गंगाजल, चावल, सिंदूर, दुपट्टा, चूड़ियां, बिछिया, गेहूं, चीनी का बूरा, हल्दी, जल का लोटा, गौरी बनाने के लिए पीली मिट्टी, लकड़ी का आसन, छलनी, आठ पूरियों की अठावरी, हलवा, टोंटी और ढक्कन सहित मिट्टी का बर्तन, दीपक, रुई, कपूर, दक्षिणा के लिए पैसे – पूजा के अंत में भेंट देने के लिए।
पूजा का समय और महत्त्व
चतुर्थी तिथि प्रारम्भ: 20 अक्टूबर 2024 को प्रातः 06:46 बजे
चतुर्थी तिथि समाप्त: 21 अक्टूबर 2024 को सुबह 04:16 बजे
करवा चौथ पूजा मुहूर्त: शाम 05:46 बजे से शाम 07:02 बजे तक (अवधि – 01 घंटा 16 मिनट)
करवा चौथ व्रत समय: सुबह 06:25 बजे से शाम 07:54 बजे तक (अवधि – 13 घंटे 29 मिनट)
चंद्रोदय (नई दिल्ली): शाम 07:54 बजे (देश के विभिन्न शहरों में चंद्रोदय का समय भिन्न हो सकता है)
करवा चौथ का व्रत न केवल पारंपरिक रूप से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह पति-पत्नी के रिश्ते को और मजबूत बनाने के लिए भी मनाया जाता है। यह त्यौहार न केवल धार्मिक मान्यता को दर्शाता है, बल्कि भारतीय परिवारों में प्यार और समर्पण की भावना को भी प्रकट करता है।
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