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आतंकी पन्नू को लेकर अमेरिकी अदालत ने जारी किया समन, भारत ने सिरे से किया खारिज, आरोपों को बताया निराधार और अवांछनीय

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SHIVAM DIXIT

नई दिल्ली । भारत सरकार ने खालिस्तानी आतंकवादी गुरुपतवंत सिंह पन्नू द्वारा दायर किए गए मुकदमे के आधार पर अमेरिकी सिविल अदालत द्वारा भारतीय अधिकारियों को समन किए जाने पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। विदेश सचिव विक्रम मिस्त्री ने इस मामले पर स्पष्ट किया कि भारत इस तरह के आरोपों को पूरी तरह से खारिज करता है और उन्हें निराधार एवं अवांछनीय करार दिया है।

गुरुवार को एक पत्रकार वार्ता में विदेश सचिव ने कहा, “इस मामले से हमारी नीति या राय में कोई बदलाव नहीं आता।” उन्होंने पन्नू का नाम लिए बिना उसकी पृष्ठभूमि की ओर इशारा करते हुए कहा कि यह व्यक्ति एक गैरकानूनी संगठन से जुड़ा है, जिसका उद्देश्य भारत की संप्रभुता और अखंडता को नुकसान पहुंचाना है। पन्नू का संगठन ‘सिख्स फॉर जस्टिस’ (SFJ) भारत विरोधी गतिविधियों में संलिप्त रहा है और इसे भारत में गैर कानूनी गतिविधि निरोधक कानून (UAPA) के तहत प्रतिबंधित किया गया है।

अमेरिकी अदालत द्वारा समन और भारत की प्रतिक्रिया

न्यूयॉर्क के दक्षिण जिले की जिला अदालत ने पन्नू द्वारा दायर मुकदमे के आधार पर भारतीय सरकार, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, खुफिया एजेंसी रॉ के पूर्व प्रमुख सामंत गोयल और एजेंसी के एक अधिकारी विक्रम यादव को समन जारी किया है। इसके अलावा, एक भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता का नाम भी इस प्रकरण में सामने आया है, जो इस समय न्यूयॉर्क की जेल में बंद हैं। गुप्ता पर आरोप है कि उन्होंने पन्नू की हत्या के लिए एक भाड़े के शूटर से संपर्क किया था।

विदेश सचिव ने इस मुद्दे पर कहा, “हमारी नीति में विदेश में संदिग्ध लोगों को निशाना बनाना नहीं है।” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इस तरह के आरोप केवल भारत को बदनाम करने की एक साजिश हैं और इसका कोई आधार नहीं है। भारत की स्पष्ट नीति है कि वह अंतर्राष्ट्रीय संबंधों में शांति और सहयोग को प्राथमिकता देता है।

खालिस्तानी गतिविधियों पर प्रधानमंत्री मोदी का रुख

जब विदेश सचिव से पूछा गया कि अमेरिकी राष्ट्रपति से मुलाकात के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी क्या खालिस्तानी गतिविधियों का मामला उठाएंगे, उन्होंने स्पष्ट किया कि साझा चिंताओं से जुड़े सभी मुद्दों पर चर्चा होगी। हालांकि, किसी विशेष मुद्दे का उल्लेख उन्होंने नहीं किया।

बता दें कि गुरुपतवंत सिंह पन्नू के सिख्स फॉर जस्टिस (SFJ) जैसी गतिविधियों को लेकर भारत पहले भी चिंता व्यक्त कर चुका है। SFJ का उद्देश्य पंजाब को भारत से अलग खालिस्तान नामक राज्य की स्थापना करना है, जो भारत की संप्रभुता और एकता के लिए खतरा माना जाता है। इसी कारण SFJ और पन्नू दोनों को भारत में आतंकवादी घोषित किया गया है।

अमेरिका और भारत के बीच रिश्तों पर प्रभाव

यह मामला भारत और अमेरिका के बीच रिश्तों को प्रभावित करने वाला हो सकता है, लेकिन भारत ने अपनी ओर से स्पष्ट कर दिया है कि वह इन आरोपों को खारिज करता है और इस मामले में उसका कोई हस्तक्षेप नहीं है। यह प्रकरण पिछले एक साल से चल रहा है, और भारत इस तरह के मामलों को द्विपक्षीय संवाद के माध्यम से हल करने की कोशिश करेगा।

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