नई दिल्ली। बॉम्बे हाइकॉर्ट ने ईद के जुलूसों में बजने वाले लाउडस्पीकरों पर रोक लगा दी है। बुधवार को कोर्ट ने कहा कि ज्यादा तेज आवाज में लाउडस्पीकर बजाना जितना हानिकारक गणेश चतुर्थी में होता है उतना ही ईद में भी। इसलिए ईद-मिलाद-उन-नबी के जुलूसों में तेज लाउडस्पीकरों पर प्रतिबंध होगा।
यह निर्णय मुख्य न्यायधीश डीके उपाध्याय और नयायमूर्ति अमित बोरकर की खंडपीठ ने लिया। निर्णय उन जनहित याचिकाओं के संबंध में लिया गया जिनमें ईद-मिलाद-उन-नबी के जुलूसों के दौरान डीजे और लेजर लाइट के प्रयोग पर प्रतिबंध लगाने अपील की गयी थी। याचिकाकर्ताओं के वकील ओवैस पेचकर ने अदालत में कहा कि कुरान और हदीस में डीजे और लेजर लाइट के प्रयोग के बारे में कहीं जिक्र नहीं है। साथ ही अदालत से अपने पहले के आदेश में ईद को जोड़ने की भी अपील की। कोर्ट ने इस संबंध में कहा कि आदेश मे ‘सार्वजनिक त्यौहार’ का जिक्र किया गया था। इसलिए ऐसा करने कि आवश्यकता नहीं है।
गौरतलब है कि पीठ ने गणेश उत्सव से ठीक पहले भी ध्वनि प्रदूषण (विनियमन एवं नियंत्रण) नियम, 2000 के तहत शोर करने वाले लाउडस्पीकरों के प्रयोग पर प्रतिबंध पर जोर दिया था। लेजर लाइट के इस्तेमाल पर पीठ ने याचिकाकर्ताओं से कहा कि वे मनुष्यों पर ऐसी लाइटों के हानिकारक प्रभावों के बारे में वैज्ञानिक सबूत दिखाएं। कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं से कहा कि शोध के साथ याचिका दायर करें जिससे अदालत को उचित निर्णय लेने में मदद मिले।
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