उत्तर प्रदेश के महाराजगंज जिले में भारत-नेपाल सीमा पर चाइनीज लहसुन की लूट मच गई है। हाल ही में कस्टम विभाग ने 16 टन चाइनीज लहसुन जब्त किया था, जिसे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक माना जा रहा है। क्योंकि लैब परीक्षण में इसमें फंगस मिला था। इसके परिणामस्वरूप, इस पर प्रतिबंध लगा दिया गया और इसे नष्ट करने के लिए मिट्टी में दबा दिया गया। हालांकि, स्थानीय ग्रामीणों ने जब कस्टम विभाग के अधिकारियों के जाने के बाद उस स्थान पर पहुंचकर मिट्टी खोदकर लहसुन निकालना शुरू कर दिया। एक ग्रामीण ने बताया कि वे इसे खाने के लिए नहीं, बल्कि खेतों में बोने के लिए ले जा रहे हैं।
चीनी लहसुन के स्वास्थ्य पर प्रभाव
कस्टम विभाग के अनुसार, पिछले एक महीने में विभिन्न जब्तियों में नेपाल से तस्करी कर लाया गया लगभग 16 टन चीनी लहसुन जब्त किया गया है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि यह लहसुन गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है। इसमें मौजूद फंगस पेट की समस्याओं, गैस्ट्राइटिस और अन्य स्वास्थ्य जटिलताओं को जन्म दे सकता है।
कस्टम विभाग पर उठते सवाल
इस घटना के बाद कई सवाल उठ रहे हैं। यदि यह लहसुन स्वास्थ्य के लिए इतना खतरनाक था, तो इसे पूरी तरह से नष्ट क्यों नहीं किया गया? कस्टम विभाग ने इसे मिट्टी में दबाने के बजाय जलाकर या अन्य तरीकों से नष्ट करने का प्रयास क्यों नहीं किया?
ग्रामीणों का कहना है कि बाजार में लहसुन की कीमतें अधिक होने के कारण उन्होंने इसे खेतों में बोने का निर्णय लिया है। लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि इस लहसुन का किसी भी रूप में इस्तेमाल करना अत्यंत खतरनाक हो सकता है।
कस्टम अधिकारियों की प्रतिक्रिया
कस्टम अधिकारियों का कहना है कि जब जब्त किए गए चीनी लहसुन का लैब परीक्षण किया गया, तो उसमें फंगस की पुष्टि हुई। इस कारण इसे भारत में प्रतिबंधित कर दिया गया। वे यह भी बताते हैं कि चीनी लहसुन का उत्पादन प्राकृतिक तरीके से नहीं होता, बल्कि इसे कृत्रिम तरीके से उगाया जाता है। इसके कई हानिकारक साइड इफेक्ट्स हैं, जैसे पेट में सूजन और गैस्ट्राइटिस, जो इसके सेवन से हो सकते हैं।
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